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Hashimoto’s Disease: इस बीमारी से जूझ रहे एक्टर अर्जुन कपूर

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Arjun Kapoor, Bollywood Star
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Bollywood actor Arjun Kapoor – नेपोटिज्म के जीते जागते फ्लॉप उदाहरण अर्जुन कपूर आज किसी पहचान के मोहताज नहीं है…अपने करियर में उन्होंने एक से बढ़कर एक फ्लॉप फिल्में दी है…जिनमें से कई फिल्में महाफ्लॉप भी रही हैं…पर्दे पर जीरो एक्सप्रेशन के साथ एक्टिंग करने वाले अर्जुन कपूर मौजूदा समय में एक गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं, जिसका नाम है हाशिमोटो. हद से ज्यादा थकान, वजन बढ़ने और अन्य परेशानियों की वजह से जब अर्जुन कपूर डॉक्टर के पास गए तो उन्हें इस बीमारी के बारे में पता चला.

यह बीमारी उनकी मेंटल हेल्थ को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है. उन्होंने यह भी बताया कि उनकी मां को भी यह बीमारी थी और बहन को भी यही बीमारी है. आपको बता दें कि हाशिमोटो एक ऐसा नाम है, जिसके बारे में अधिकतर लोग नहीं जानते हैं. जब से एक्टर ने इस बीमारी का नाम बताया है, तब से तमाम लोग इस डिजीज के बारे में जानना चाह रहे हैं. मायोक्लीनिक की रिपोर्ट के मुताबिक हाशिमोटो डिजीज एक ऑटोइम्यून बीमारी है, जो थायरॉयड ग्लैंड को प्रभावित करती है.

हाशिमोटो डिजीज (Hashimoto’s Disease) कौन सी बीमारी हैं

हाशिमोटो डिजीज (Hashimoto’s Disease), जिसे हाशिमोटो थायरॉइडाइटिस भी कहा जाता है, एक ऑटोइम्यून बीमारी है जो थायरॉइड ग्रंथि को प्रभावित करती है. इसमें शरीर का इम्यून सिस्टम अपनी ही थायरॉइड ग्रंथि पर हमला करता है, जिससे ग्रंथि की कार्यक्षमता में कमी आती है. थायरॉइड ग्रंथि शरीर के मेटाबोलिज़्म को नियंत्रित करने वाले हार्मोन (थायरॉइड हार्मोन) का उत्पादन करती है. हाशिमोटो डिजीज के कारण थायरॉइड का आकार बढ़ सकता है (जिसे गोइटर भी कहा जाता है) और यह पर्याप्त हार्मोन उत्पादन नहीं कर पाती, जिससे हाइपोथायरॉयडिज़्म (Hypothyroidism) का विकास होता है.

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क्या होते हैं हाशिमोटो डिजीज के लक्षण?

  • थकान और ऊर्जा की कमी
  • वजन बढ़ना
  • ठंडे स्थानों में अधिक सर्दी लगना
  • त्वचा का सूखा होना
  • बालों का गिरना
  • कब्ज़ (constipation)
  • मांसपेशियों में दर्द या ऐंठन
  • अवसाद (depression) या मानसिक स्थिति में बदलाव
  • चेहरे का फूला हुआ दिखना
  • मासिक धर्म में असामान्यता (महिलाओं में)

हाशिमोटो डिजीज का कारण

हाशिमोटो डिजीज के कारण स्पष्ट नहीं हैं, लेकिन यह जीन और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन से उत्पन्न हो सकता है. निम्नलिखित कारक इस बीमारी के जोखिम को बढ़ा सकते हैं:

  • पारिवारिक इतिहास (अगर किसी परिवार के सदस्य को थायरॉइड संबंधी समस्या हो)
  • उम्र (यह बीमारी महिलाओं में अधिक होती है, विशेष रूप से 30 से 50 वर्ष के बीच)
  • उच्च आयु
  • तनाव
  • अत्यधिक आयोडीन का सेवन

हाशिमोटो डिजीज का निदान रक्त परीक्षण द्वारा किया जाता है, जिसमें TSH (Thyroid Stimulating Hormone) और T4 जैसे थायरॉइड हार्मोन का स्तर देखा जाता है. साथ ही, एंटी-थायरॉयड एंटीबॉडी (Anti-thyroid antibodies) का परीक्षण भी किया जा सकता है, जो यह संकेत देते हैं कि शरीर का इम्यून सिस्टम थायरॉइड पर हमला कर रहा है.

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क्या है हाशिमोटो डिजीज का इलाज?

हाशिमोटो डिजीज का सबसे बढ़िया ट्रीटमेंट थायरॉयड हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थैरेपी है. इसमें डॉक्टर मरीज को सिंथेटिक थायरॉयड हॉर्मोन देते हैं. यह हॉर्मोन शरीर में थायरॉयड हॉर्मोन की कमी को पूरा करता है, जिससे हाइपोथायरायडिज्म को कंट्रोल किया जा सकता है. इस इलाज से थायरॉयड की कार्यप्रणाली सामान्य हो जाती है और शरीर के बाकी काम ठीक से चलते हैं. हॉर्मोन की डोज को समय-समय पर जांच कर सही मात्रा में निर्धारित किया जाता है, ताकि मरीज को सही संतुलन मिल सके. इसके अलावा किसी भी गंभीर जटिलताओं से बचने के लिए डॉक्टर की निगरानी में इलाज किया जाता है. हालांकि हाशिमोटो डिजीज को इलाज के लिए पूरी तरह ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे कंट्रोल करके बिना परेशानी के जिंदगी जी सकते हैं.

 

प्रयागराज में प्रोटेस्ट कर रहे UPPSC अभ्यर्थियों पर प्रशासन ने की कारवाई, प्रदर्शनकारी छात्रों को जबरन घसीटा, हिरासत में लिया

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UPPSC Protest, exam normalization system
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UPPSC Protest: उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (UPPSC) द्वारा पीसीएस-2024 प्रारंभिक और आरओ-एआरओ 2024 प्रारंभिक परीक्षा (RO/ARO Preliminary Exam 2024) दो दिन में कराने और नॉर्मलाइजेशन लागू करने के फैसले का छात्रों ने विरोध प्रदर्शन गुरुवार को तीसरे दिन भी जारी है। लोक सेवा आयोग के सामने चल रहे प्रदर्शन में शामिल अभ्यर्थियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। बताया जा रहा है कि गुरुवार सुबह पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे कुछ अभ्यर्थियों को जबरन उठा लिया, जिससे वहां अफरातफरी मच गई।

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सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मी ने छात्रों को जबरन उठाया

पीसीएस और आरओ एआरओ परीक्षा एक ही दिन कराने की मांग को लेकर धरने पर बैठी एक छात्रा ने आजतक से बात करते हुए बताया कि पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ बदसलूकी भी की। एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि सिविल ड्रेस में आए पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन कर रही कुछ छात्राओं को जबरन घसीटकर ले गए।

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हिरासत में लिए गए 11 छात्र – UPPSC Protest

बुधवार रात को पुलिस ने ग्यारह छात्रों को हिरासत में लिया था। कोचिंग लाइब्रेरी को जबरन बंद कराया जा रहा था। पुलिस कार्रवाई कर रही है, लेकिन कई छात्र अभी भी विरोध प्रदर्शन में शामिल हैं। पुलिस ने सभी 11 लोगों पर शांति भंग करने का आरोप लगाया है। चालान के बाद उन्हें एसीपी कोर्ट से जमानत पर रिहा भी किया जा सकता है।

क्या है विवाद

प्रतियोगी छात्र नॉर्मलाइजेश (Normalization of Question Paper) की प्रक्रिया को चुनौती दे रहे हैं। उनकी इच्छा है कि पीसीएस प्री 2024, आरओ और एआरओ प्री 2023 की परीक्षाएं एक ही दिन एक ही शिफ्ट में हों। कुछ दिन पहले प्रतियोगी छात्रों ने लोक सेवा आयोग पर अहिंसक गांधीवादी विरोध प्रदर्शन की घोषणा की थी। उन्होंने कहा कि विरोध अनिश्चितकालीन है। जब तक आयोग से उन्हें एक ही दिन और शिफ्ट में परीक्षा कराने की गारंटी नहीं मिल जाती, तब तक विरोध जारी रहेगा।

UPPSC Protest, exam normalization system
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उनका कहना है कि अगर दो दिन में परीक्षा कराई गई तो नॉर्मलाइजेशन की वजह से उन्हें नुकसान होगा। 11 नवंबर को दिल्ली से लेकर यूपी तक अभ्यर्थी इस फैसले के खिलाफ फिर सड़कों पर उतर आए। वे ‘वन डे वन एग्जाम’ की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। छात्र यूपीपीएससी परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन सिस्टम खत्म करने की मांग पर अड़े हैं। उनका कहना है कि लोक सेवा आयोग की नॉर्मलाइजेशन प्रणाली न्यायसंगत नहीं है।

क्या है नॉर्मलाइजेशन सिस्टम?

नॉर्मलाइजेशन सिस्टम (Exam Normalization System) का उपयोग पेपर की कठिनाई के स्तर के आधार पर परीक्षा स्कोर निर्धारित करने के लिए किया जाता है। यह प्रणाली परीक्षा में प्राप्त अंकों का उपयोग करके उम्मीदवारों के प्रतिशत अंक निर्धारित करती है। प्रत्येक परीक्षा पेपर में कठिनाई का स्तर थोड़ा भिन्न हो सकता है। इस प्रणाली का उद्देश्य इस असमानता को खत्म करना है।

इस वजह से अभ्यर्थी कर रहे हैं विरोध

प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के अनुसार, पीसीएस परीक्षा में अक्सर गलत प्रश्न पूछे जाते हैं। चूंकि पर्सेंटाइल एक शिफ्ट में उपस्थित छात्रों की संख्या पर आधारित होता है, इसलिए अगर दूसरी शिफ्ट के प्रश्न पहली शिफ्ट के प्रश्नों से ज़्यादा गलत हैं, तो अभ्यर्थी कैसे जान पाएंगे कि उन्हें कितने अंक मिले हैं? छात्रों का कहना है कि ऐसी स्थिति में उच्च अंक पाने वाले आवेदकों का प्रतिशत भी घट सकता है। इसी वजह से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।

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17 साल में बनीं हाईपेड एक्ट्रेस, लड़की को जीवनसाथी चुनकर सबको चौंकाया

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kristen stewart, Hollywood Actress
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Hollywood Highpaid Actress Kristen Stewart –  बॉलीवुड से लेकर हॉलीवुड में कई बड़ी एक्ट्रेस हैं जिन्होंने अपनी एक्टिंग और ख़ूबसूरती के दम पर खूब नाम कमाया हैं. लेकिन हम जिस एक्ट्रेस की बात कर रहे उसने महज 17 साल की उम्र में एक्टिंग से ऐसा कमाल किया ही वो हाईपेड एक्ट्रेस बन गई थी. ये एक्ट्रेस कोई और नहीं बल्कि क्रिस्टन स्टीवर्ट (Kristen Stewart) हैं. क्रिस्टन स्टीवर्ट एक अमेरिकी एक्ट्रेस  हैं, जो मुख्य रूप से अपनी भूमिका के लिए प्रसिद्ध हैं, जो उन्होंने “ट्वाइलाइट” (Twilight) फिल्म श्रृंखला में बेल्ला स्वान के रूप में निभाई थी. लेकिन आप क्रिस्टन स्टीवर्ट के बारे इस बात को नहीं जानते होंगे कि एक्ट्रेस ने लड़की को अपना जीवनसाथी चुनकर सबको चौंका दिया..तो चलिए आपको इस लेख में बताते है आखिर क्या वो वजह थी.

11 साल से हो गई एक्टिंग की शुरुआत

9 अप्रैल 1990 को अमेरिका के लॉस ऐंजलस शहर में जन्मी क्रिस्टन की मां जॉन स्टीवर्ट और मां जूल्स भी फिल्म इंडस्ट्री में काम करते हैं. महज 11 साल की उम्र से ही क्रिस्टन भी अपने स्कूल में एक्टिंग किया करती थीं. स्कूल में उनके टैलेंट को देखकर उनके पेरेंट्स ने उन्हें एक्टिंग में लाने का फैसला लिया. साल 2001 में क्रिस्टन ने सेफ्टी ऑफ ऑब्जेक्ट से अपना डेब्यू किया. हालांकि क्रिस्टन इससे पहले छोटे रोल कर चुकीं थीं. इसके बाद पैनिक रूम, कोल्ड क्रीक मैनर जैसी फिल्मों में क्रिस्टन ने अपनी अदाकारी का हुनर दिखाया.

क्रिस्टन स्टीवर्ट फिल्म डेब्यू

क्रिस्टन ने 2002 में फिल्म “पैनिक रूम” से फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा था, जिसमें उन्होंने जodie Foster के साथ काम किया. हालांकि, उन्हें असली पहचान “ट्वाइलाइट” (2008) फिल्म से मिली, जिसमें उन्होंने एक किशोरी बेल्ला स्वान का किरदार निभाया, जो एक वेम्पायर, एडवर्ड कालेन (रोबर्ट पैटिनसन) से प्रेम करती है. यह फिल्म पूरी दुनिया में बहुत बड़ी हिट साबित हुई और इसने क्रिस्टन को ग्लोबल स्टार बना दिया. यह फिल्म Stephenie Meyer के नोवेल पर आधारित थी. इस फिल्म की लवस्टोरी ने पूरी दुनिया के लोगों का ध्यान खींचा. फिल्म में लीड किरदार निभाने वाले रॉबर्ट पैटिनसन और क्रिस्टन स्टीवर्ट रातों-रात स्टार बन गए.

क्रिस्टन इस फिल्म से पूरी दुनिया में छा गईं. Twilight सीरीज की 2 और फिल्में रिलीज होने के बाद क्रिस्टन को ऐसी शौहरत मिली कि दुनिया की सबसे ज्यादा पैसे लेने वाली अभिनेत्री बन गईं. 19 साल की क्रिस्टन ने साल 2010 में 28 मिलियन डॉलर की कमाई की थी. क्रिस्टन की अपनी फिल्मों से ज्यादा अपनी लव लाइफ को लेकर चर्चा में रही हैं.

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डिप्रेशन में चली गई

दरअसल, क्रिस्टन लंबे समय तक Twilight के हीरो रॉबर्ट पैटिनसन को डेट करती रहीं. दोनों के प्यार के चर्चे भी जगजाहिर रहे. करीब 2 सालों तक दोनों एक-दूसरे को डेट करते रहे. मीडिया में और मैग्जीन्स में दोनों की कवर फोटो छाई रहती थी. हालांकि क्रिस्टन और पैटिनसन का रिश्ता ज्यादा समय तक नहीं चला और बाद में अलग हो गए. जिसके बाद क्रिस्टन बुरी तरह से टूट गयी और डिप्रेशन में चली गयी थी. जिसके बाद उन्होंने लड़कों से दूरी बना ली.

इसके बाद क्रिस्टन की मुलाकात कोरोना महामारी के दौरान डेलिन मेयर से हुई. डेलिन भी राइटर हैं और कई फिल्मों के स्क्रीनप्ले लिख चुकी हैं. दोनों की मुलाकात साल 2019 में हुई और दोस्ती हो गई. इसके बाद काफी समय बिताते हुए क्रिस्टन और डेलिन को प्यार का अहसास हुआ. करीब 3 सालों तक रिलेशनशिप में रहने के बाद क्रिस्टन ने डिलेन के साथ 2021 में सगाई कर ली है. दोनों जल्द ही शादी कर सकती हैं. वही इस बात ने सभी को हैरान कर दिया हैं.

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Baba Bageshwar: बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने शादी से पहले बताया अपना फैमिली प्लान, कहा- ‘14 बच्चे पैदा करेंगे….’

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Bageshwar Dham Pandit Dhirendra Krishna Shastri
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Bageshwar Baba viral video: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के नाम से हर कोई परिचित है। बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और वे अपने प्रवचनों के माध्यम से समाज में आध्यात्मिक जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन आजकल वे अपने एक बयान को लेकर चर्चा में हैं। दरअसल, बागेश्वर के बाबा धीरेंद्र शास्त्री (Bageshwar Dham Pandit Dhirendra Krishna Shastri) ने शादी से पहले शादी की प्लानिंग को लेकर मीडिया में चौंकाने वाला खुलासा किया है। इस बयान से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह इस सवाल का जवाब देते नजर आ रहे हैं कि उनके कितने बच्चे होंगे।

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बागेश्वर बाबा- हिंदुओं को ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए’

दरअसल, बाबा बागेश्वर पिछले कुछ दिनों से अपनी 160 किलोमीटर लंबी हिंदू पदयात्रा को लेकर चर्चा में हैं। यह यात्रा बागेश्वर धाम से शुरू होकर ओरछा में समाप्त होगी। इन दिनों वह इसी की तैयारियों में जुटे हैं। पदयात्रा की तैयारियों के बीच बाबा बागेश्वर की शादी की चर्चा भी जोर पकड़ रही है। इसी बीच बागेश्वर धाम सरकार्यवाह पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने मुस्लिम आबादी बढ़ने के दावे पर बयान देते हुए हिंदुओं से ज्यादा बच्चे पैदा करने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर मुस्लिम 12 बच्चे पैदा करते हैं तो हिंदुओं को भी 14 बच्चे पैदा करने चाहिए।

घटती हिंदू आबादी पर की बात- Bageshwar Baba viral video

हिंदी खबर के प्रधान संपादक अतुल अग्रवाल ने बागेश्वर बाबा पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से खास बातचीत की। इस दौरान उन्होंने धर्म परिवर्तन समेत कई मुद्दों पर बात की। प्रधान संपादक ने जब उनसे हिंदुओं की घटती आबादी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, ‘देश के नौ राज्यों में हिंदू अल्पसंख्यक हो गए हैं। कहीं नौ फीसदी बचे हैं कहीं 24 फीसदी हो गए हैं। सरकार कहती है बच्चे दो ही अच्छे तो उनके (विशेष समुदाय) 12 क्यों अच्छे हैं। अगर नहीं मानें तो हम 14 बच्चे करेंगे, अगर हमारी क्षमता रही तो।’

दो से ज्यादा होंगे बच्चे

बागेश्वर धाम के पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने आगे जवाब देते हुए कहा कि उनकी शादी (Bageshwar Baba Dhirendra Shastri Family Plan) के बाद चाहे जो भी हो, यह तो तय है कि उनके दो से ज़्यादा बच्चे होंगे। उन्होंने आगे कहा कि अगर उनका बस चले तो उनके 14 बच्चे होंगे। फिर यह कहते हुए वे जोर से हंसने लगे और मुस्कुराने लगे।

शादी को लेकर दिया जवाब

शादी के सवाल पर उन्होंने कहा कि उनकी मां ने लड़की की तलाश शुरू कर दी है। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री को नहीं पता कि वह किस लड़की से शादी करेंगे। ये सारी बातें उनकी मां तय करेंगी। धीरेंद्र शास्त्री सनातन संस्कृति के अनुसार अरेंज मैरिज करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि परिवार जो चाहेगा वही होगा। और शादी के बाद वह अपनी पत्नी की बातों का भी उतना ही सम्मान करेंगे।

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Bigg Boss 18 में फूट-फूटकर रोए करणवीर, दोस्तों को धोखा देकर बहाए घड़ियाली आंसू? जानें क्या है पूरा मामला

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Bigg Boss 18 Karanvir Mehra
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Karan Veer Mehra Update: बिग बॉस 18 (Bigg Boss 18 Update) जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है, शो में हर कंटेस्टेंट का अलग-अलग रूप देखने को मिल रहा है। बिग बॉस 18 में अब तक कंटेस्टेंट घर के अंदर 39 दिन बिता चुके हैं। इन कंटेस्टेंट की तरफ से हर दिन खूब हंगामा देखने को मिल रहा है। बीते दिन घरवालों को टाइम गॉड बनने बनने का टास्क दिया गया था, जिसमें शिल्पा शिरोडकर, रजत दलाल और चाहत पांडे दावेदार थे। इस दौरान चाहत-चुम्मा और दिग्विजय-अविनाश के बीच काफी झगड़ा हुआ। इसी बीच करणवीर मेहरा बिग बॉस के घर में पहली बार फूट-फूट कर रोते नजर आए। आखिर उन्हें किस बात का अफसोस है, आइए जानते हैं…

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टाइम गॉड के लिए हुआ टास्क- Karan Veer Mehra Update

बिग बॉस 18 में घर के मुद्दों में हिस्सा न लेने और दूसरों की पीठ पीछे बात करने की सीख मिलने के बाद से करणवीर मेहरा (Karanveer Mehra breaks down) अपनी गेम स्ट्रैटजी पर काम करने की कोशिश कर रहे हैं। फैन पेज बिग बॉस तक ने बिग बॉस 18 से जुड़ा एक प्रोमो शेयर किया है। प्रोमो में देखा गया कि जब सभी घरवाले टाइम गॉड टास्क के लिए आपस में लड़ रहे होते हैं, तब करणवीर इस टास्क में हिस्सा नहीं लेते हैं। ना तो शिल्पा और ना ही चुम करणवीर किसी का भी साथ नहीं देते हैं। इस बात से चुम उनसे नाराज नजर आती हैं।

प्रोमो में चुम कहती है, ‘करणवीर तुम पर भरोसा नहीं किया जा सकता। तुम कहते कुछ हो और करते कुछ और हो।’ इसके बाद करणवीर काफी इमोशनल हो जाते हैं। वह खुद कहते हैं कि उन्हें चुम के साथ अपनी दोस्ती पर शर्म आती है।

करणवीर ने व्यक्त की शर्मिंदगी

शिल्पा और चुम को निराश करने की बात स्वीकार करने के बाद, करण शिल्पा के पास जाता है और अपने दोस्त के लिए खड़े न होने के लिए खुद को दोषी मानता है। अपनी शर्मिंदगी व्यक्त करते हुए, वह उससे कहता है, “सौ लड़ाइयाँ हो जाएँ पर जब भी अपने दोस्त के साथ खड़े होने का समय आता है, मैं खड़ा नहीं रहता।” मेहरा कहते हैं, “लेक्चर दे रहा हूं, भाषण दे रहा हूं कि दोस्त हैं और दोस्तों के लिए करूंगा। पर क्यों नहीं किया दोस्तों के लिए वो समझ नहीं आ रहा। शर्म आ रही है मुझे। अपने आप को मैं 45 साल का आदमी बोलता हूं, मैं कितना मूर्ख लग रहा हूं।” वहीं उनकी बात शिल्पा सुन रही होती हैं लेकिन वह भी करण से कुछ नहीं कहती हैं।

घड़ियाली आंसू या शातिर गेम प्लान?

बीते दिन जब इसका प्रोमो (Bigg Boss 18 PROMO) जियो सिनेमा पर प्रसारित किया जा रहा था, तब भी प्रशंसक इस पर कमेंट कर रहे थे। जिसमें प्रशंसकों ने यहां तक ​​कह दिया कि करणवीर वाकई भावुक होकर रो रहे हैं या फिर उनका कोई शातिर गेम प्लान है। करणवीर की छवि बिग बॉस 18 के घर में सबसे डिप्लोमैटिक व्यक्ति की है।

इस हफ्ते 7 घरवाले हुए नॉमिनेट

इस हफ्ते बिग बॉस के घर से बेघर होने के लिए 7 कंटेस्टेंट नॉमिनेट हुए हैं, जिनमें रजत दलाल, चुम दरंग, करणवीर मेहरा, श्रुतिका अर्जुन, तजिंदर पाल सिंह बग्गा, कशिश कपूर और दिग्विजय सिंह राठी शामिल हैं।

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बोनी, अनिल या संजय, कपूर भाइयों में कौन है सबसे रईस?

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Kapoors Brothers, Anil Kapoor, Boney Kapoor, Sanjay Kapoor
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Boney, Anil or Sanjay, who is the richest: कपूर परिवार बॉलीवुड के सबसे प्रतिष्ठित परिवारों में से एक है, जिसने बॉलीवुड को संवारने में काफी अहम भूमिका निभाई है… कपूर खानदान ने इंडस्ट्री को कई बड़े सुपर स्टार दिए हैं. लेकिन यहाँ हम बोनी कपूर, अनिल कपूर और संजय कपूर- तीनों भाइयों की बात कर रहे हैं. इन तीनो ने ही फिल्म इंडस्ट्री में अपनी किस्मत आजमाई और अलग-अलग मुकाम हासिल किया. तो चलिए आपको इस लेख में बॉलीवुड स्टार बोनी कपूर, अनिल कपूर और संजय कपूर के बारें में बताते हैं कि कपूर भाइयों में कौन है सबसे रईस हैं.

फिल्म प्रोड्यूसर बोनी कपूर

फिल्म प्रोड्यूसर बोनी कपूर एक प्रसिद्ध भारतीय फिल्म निर्माता हैं, जो मुख्य रूप से हिंदी सिनेमा में काम करते हैं. बोनी कपूर ने कई प्रमुख फिल्मों का निर्माण किया है और वे हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के जाने-माने फिल्म प्रोड्यूसर माने जाते हैं. बोनी कपूर ने अपने करियर की शुरुआत 1980 के दशक में की थी. वही फिल्म प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने पिछले साल आई फिल्म ‘तू झूठी मैं मक्कार’ से एक्टिंग डेब्यू किया. इससे पहले तक वो फिल्मी पर्दे के पीछे रहकर ही अपना जादू दिखाते आए हैं. बोनी कपूर ने ‘मिस्टर इंडिया’, ‘वो सात दिन’, ‘रूप की रानी चोरों का राजा’, ‘प्रेम’, ‘लोफर’, ‘जुदाई’ जैसी कई बेहतरीन फिल्में बनाई हैं.

बोनी कपूर की ज्यादातर फिल्मों में उनके भाई अनिल कपूर ने ही काम किया है. प्रोड्यूसर बोनी कपूर ने साल 1980 में फिल्म ‘हम पांच’ से अपने करियर की शरुआत की थी. अपने 44 सालों के लंबे करियर को दौरान बोनी कपूर ने कई फिल्मों को प्रोड्यूस किया है. इस दौरान नाम कमाने के साथ ही उन्होंने बेशुमार दौलत भी कमाई है. कमाई के मामले में उनके छोटे भाई और हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के मशहूर एक्टर अनिल कपूर भी उन्हें जबरदस्त टक्कर देते हैं. लेकिन अगर बोनी कपूर के नेटवर्थ की बात करें तो लाइफस्टाइल एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक बोनी कपूर 150 करोड़ की संपत्ति के मालिक हैं. उनके पास कई लग्जरी गाड़ियां और घड़ियां हैं. बोनी कपूर अपनी फिल्मों के साथ एड फिल्मों से भी मोटी कमाई करते हैं.

बॉलीवुड स्टार अनिल कपूर

बॉलीवुड स्टार अनिल कपूर अनिल कपूर भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रमुख अभिनेता हैं, जिन्हें बॉलीवुड के सबसे प्रभावशाली और अनुभवी कलाकारों में गिना जाता है. उन्हीने अपने करियर में कई सुपरहिट फ़िल्मों में काम किया हैं. उनकी बहुमुखी एक्टिंग क्षमता, ऊर्जा, और उम्र के साथ भी उनकी फिटनेस और शानदार परफॉर्मेंस उन्हें दर्शकों के बीच हमेशा लोकप्रिय बनाए रखती है. अनिल कपूर ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत साल 1979 में आई फिल्म “हमारे तुम्हारे ” से फिल्मी करियर की शुरुआत की थी, जिसमें वो सपोर्टिंग रोल में नजर आए थे. लेकिन उन्हें पहचान 1980 के दशक के अंत में मिली. उनकी पहली बड़ी सफलता 1983 में आई फिल्म ‘वो सात दिन’ से मिली, जिसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.

इसके अलवा अनिल कपूर का फिटनेस रेजिमेन आज भी युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत है. वह उम्र के साथ भी अपनी ताजगी, ऊर्जा और एक्टिंग की गुणवत्ता बनाए रखते हैं. उनका एक काफी फेमस डायलॉग है, “Age is just a number” जो उनके जीवन को पूरी तरह से परिभाषित करता है.वही अगर अनिल कपूर के टोटल नेटवर्थ की बात करें तो कमाई के मामले में वो भी अपने प्रोड्यूसर भाई (बोनी कपूर) से कम नहीं हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अनिल कपूर की नेटवर्थ 134 करोड़ रुपए है.

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कौन है संजय कपूर ?

संजय कपूर ने भी अपने भाइयों के नक्शे कदम पर चलते हुए फिल्म इंडस्ट्री में कदम रखा, लेकिन वो अपने भाइयों जैसी सफलता हासिल नहीं कर सके. हालांकि अपने अभिनय संजय कपूर ने अपने लिए लीक से हटकर रास्ता तराशा और फिल्म डायरेक्टर बने और उन्होंने फिल्म “माई वे” और “राजा” जैसी फिल्मों को डायरेक्ट की लेकिन उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली थी. संजय कपूर ने कई फिल्मों में एक्टिंग की, जिनमें कुछ फिल्मे हिट रही और कुछ फिल्मे फ्लॉप रही थी. अब अगर कमाई की बात करें, तो चलिए बताते हैं कि किसके पास कितने करोड़ की दौलत है.

संजय कपूर ने बॉलीवुड में अपनी एक अलग पहचान बनाई है, हालांकि उनके करियर में उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उनकी मेहनत और अभिनय की सराहना की जाती है. उन्हें मुख्य रूप से अनिल कपूर के छोटे भाई और बॉलीवुड कपूर परिवार के सदस्य के रूप में भी पहचाना जाता है. संजय कपूर आज भी फिल्म इंडस्ट्री में सक्रिय हैं. वही अगर उनके कुल प्रॉपर्टी की बात करें तो कमाई के मामले में दोनों के छोटे भाई और एक्टर संजय कपूर सबसे पीछे हैं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक्टर की नेटवर्थ 86 करोड़ रुपए है.

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Noida: विदेश से बीज मंगवाकर फ्लैट में उगाया गांजा, हर महीने कमाए लाखों, जानें फ्लैट में गांजा उगाने वाले राहुल की पूरी कहानी

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Greater Noida news cannabis cultivation
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Marijuana plants in Housing Society: ग्रेटर नोएडा की पार्श्वनाथ पनोरमा सोसायटी में एक छोटे से फ्लैट में, राहुल नाम के युवक ने अपनी तकनीकी जानकारी का इस्तेमाल करके एक अनोखा व्यवसाय खड़ा कर दिया। कैलिफोर्निया (California)  से विशेष किस्म के बीज मंगवाकर, उसने अपने फ्लैट में ही गांजे की खेती शुरू की और देखते ही देखते हर महीने लाखों रुपये कमाने लगा। इस धंधे को चलाने के लिए उसने डार्क वेब का सहारा लिया और डार्क वेब के जरिए ही गांजा सप्लाई करता था। युवक (Greater Noida news cannabis cultivation) ने वेब सीरीज देखकर गांजा की खेती करना सीखा। यह पूरी कहानी तब सामने आई, जब पुलिस ने एक गुप्त सूचना के आधार पर राहुल के फ्लैट पर छापा मारा। आइए, जानते हैं क्या है ये पूरा मजरा..

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मेरठ का रहने वाला है अपराधी- Marijuana plants in Housing Society

उत्तर प्रदेश के मेरठ के दरौला मोहल्ले का रहने वाला राहुल (Noida Rahul Marijuan Case) कथित तौर पर गांजा उगाने वाले आरोपी युवक का नाम है। पिछले चार महीनों से राहुल इसकी खेती कर रहा था। सिर्फ़ चार महीनों में उसने पचास से ज़्यादा पौधे उगा लिए। उसके अपार्टमेंट से 2 किलो से ज़्यादा गांजा और 163.4 ग्राम ओशन गांजा यानी प्रीमियम गांजा बरामद हुआ। इसके अलावा उसके अपार्टमेंट से पौधे और खेती की दूसरी सामग्री भी बरामद हुई।

Greater Noida news cannabis cultivation
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100 दिन में कमाए 12 लाख रुपये

राहुल चौधरी पर गांजा उगाने (Marijuana plants in Housing Society) और तस्करी करने का आरोप है। वह 20,000 रुपये प्रति माह पर 4 बीएचके फ्लैट किराए पर लेकर भांग की खेती कर रहा था। आरोपी राहुल चौधरी ने 100 दिनों में ही 12 लाख रुपये की कमाई की थी। हाल ही में उसे अस्सी पौधे तैयार करने का ऑर्डर मिला था। इसके लिए उसे 48 लाख रुपए मिलने थे। वह पौधे पाने के लिए डार्क वेब का इस्तेमाल करता था। चार महीने में आरोपी ने गांजा उगाना शुरू कर दिया। पुलिस आरोपी के रेंटल एग्रीमेंट की भी जांच कर रही है।

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डार्क वेब पर ऑन डिमांड गांजा

पुलिस ने जब इस मामले में राहुल से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह डार्क वेब के जरिए ऑन डिमांड गांजा बेचता था। एक गांजे के पौधे की खेती में करीब छह से सात हजार रुपये का खर्च आता है लेकिन इससे 30 से 40 ग्राम ओजी निकलता है जिसकी बाजार में कीमत 60 से 80 हजार है यानी एक पौधे को उगाने में जहां सात हजार का खर्च आता है वहीं तस्कर 60 से 80 हजार का मुनाफा कमाता है।

कोरोना काल में रेस्तरां बंद होने पर शुरू किया धंधा

कुछ साल पहले राहुल ने एक रेस्टोरेंट खोला था। कोरोना महामारी के दौरान काफी नुकसान होने के बाद उसे रेस्टोरेंट बंद करना पड़ा। इसके बाद उसने यूट्यूब और दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर गांजा उगाने का तरीका सीखा। फिल्मी अंदाज में उन्होंने अपने परिवार के लिए सुपरटेक सीजर सोसायटी, ओमीक्रॉन-1 में एक फ्लैट किराए पर ले लिया था।

पुलिस ने दी जानकारी

पुलिस की शुरुआती जांच में पता चला कि आरोपी ने सोशल मीडिया और यूट्यूब से गांजा उगाने का तरीका सीखा था। आरोपी ने गांजा उगाने के लिए इंटरनेट रिटेलर से एक खास तरह की लाइट खरीदी थी। अपार्टमेंट में पौधों के लिए उचित तापमान बनाए रखने के लिए उसने एयर कंडीशनिंग लगवा रखी थी। राहुल चौधरी (Noida Rahul Marijuan Case) सीसीएसयू मेरठ यूनिवर्सिटी से इंटरनेट का जानकार पोस्टग्रेजुएट इंग्लिश का छात्र है। आरोपी किराए के अपार्टमेंट में अकेले ही आता-जाता था। पड़ोसियों को शक न हो, इसके लिए वह ऑर्गेनिक खेती के बारे में बात करता था।

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डिजिटल और स्वच्छ महाकुंभ 2025 की तैयारी, तकनीक का उपयोग कर सुनिश्चित की जाएगी स्वच्छता और निगरानी

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Uttar Pradesh Maha Kumbh Mela 2025 updates
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Maha Kumbh Mela 2025 updates: उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi government)  महाकुंभ 2025 को डिजिटल और स्वच्छ बनाने के लिए व्यापक तैयारियां कर रही है। प्रयागराज में होने वाले इस महाकुंभ में करीब 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है, इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने कई अहम कदम उठाए हैं। इसी क्रम में मंगलवार को राज्य सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने शीर्ष समिति की 15वीं बैठक में अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।

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डिजिटल और स्वच्छ महाकुंभ- Digital and Clean Maha Kumbh 2025

उन्होंने कहा कि इस महाकुंभ (Maha Kumbh Mela 2025 updates) को डिजिटल और स्वच्छ महाकुंभ के रूप में प्रदर्शित करने के लिए जो भी आवश्यक कदम उठाने की आवश्यकता है, वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप उठाए जाएं। पूरे शहर और कुंभ मेला क्षेत्र में डिजिटल साइनेज होने चाहिए। साफ-सफाई के पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। जगह-जगह डस्टबिन होने चाहिए। साथ ही सफाई कर्मचारियों और कूड़ा उठाने वाली गाड़ी के बीच समन्वय होना चाहिए।

Uttar Pradesh  Maha Kumbh Mela 2025 updates
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तेजी से हो रहा काम

प्रयागराज मेला प्राधिकरण सभागार में बैठक के दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि महाकुंभ की तैयारियां बहुत अच्छी चल रही हैं। बारिश और प्रतिकूल मौसम के बावजूद काम पूरी गति से चल रहा है। यहां की तैयारियों से जुड़े हर विभाग को 30 दिसंबर तक हर हाल में अपना काम पूरा करना होगा। एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग से जुड़ी किसी भी समस्या पर भारत सरकार से चर्चा की जाएगी। उम्मीद है कि मेला शुरू होने तक इस समस्या का समाधान हो जाएगा। हम ज्यादा से ज्यादा फ्लाइट चलाने के लिए काम कर रहे हैं।

तकनीक के इस्तेमाल से सुनिश्चित हो साफ सफाई- Maha Kumbh Mela 2025 updates

उन्होंने दावा किया कि हमने पिछले वर्षों में कुंभ के आयोजन में कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। स्वच्छ कुंभ के लिए विशेष प्रयास किए गए हैं। पहले कुंभ शुरू से अंत तक भयावह होता था, लेकिन वर्तमान में नवाचारों का भरपूर उपयोग कर इसमें बड़े सुधार किए गए हैं। स्वच्छता के लिहाज से इस महाकुंभ को भी भव्य बनाना है। हम स्वच्छता पर पूरा ध्यान देंगे। स्वच्छता और उसकी निगरानी के लिए तकनीक का उपयोग किया जाएगा। मूत्रालयों में भी स्वच्छता कार्ययोजना के अनुसार काम होना चाहिए। वहां पानी जमा नहीं होना चाहिए। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था होनी चाहिए। जहां भी संभव हो, डस्टबिन रखे जाने चाहिए।

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प्लास्टिक फ्री महाकुंभ को करें प्रोत्साहित

उन्होंने कहा कि कोई भी नाला खुला न छोड़ा जाए। नदी में नाले का पानी नहीं जाना चाहिए। इसके लिए जरूरत पड़ने पर विशेषज्ञ टीमें भेजी जानी चाहिए। उन्होंने आदेश दिया कि शहर में सार्वजनिक शौचालयों के पास लोग टेबल लगाकर न बैठें। किसी भी तरह की परेशानी से बचने के लिए प्रवेश द्वार भी खाली होना चाहिए। वे जहां भी हों, सफाई कर्मचारियों को भोजन और पानी उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री की आकांक्षाओं के अनुरूप महाकुंभ को प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए प्रोत्साहित करें। अधिक से अधिक लोग दोना, पत्तल और जूट के थैलों का उपयोग करें, इसके लिए उन्हें सब्सिडी दी जानी चाहिए।

सभी से मिलकर आगे बढ़े अलॉटमेंट की प्रक्रिया

मुख्य सचिव के अनुसार भूमि के बंटवारे को लेकर किसी भी तरह की असहमति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मेला अधिकारी को निर्देश दिए कि वे प्रत्येक व्यक्ति से बात करें और कार्यवाही सुनिश्चित करें। साथ ही उन्होंने कहा कि मेला क्षेत्र में बनने वाले टेंट सिटी के लिए टेंट में इस्तेमाल होने वाली सामग्री एकदम नई होनी चाहिए। कोई भी पुरानी सामग्री उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। डिजिटल कुंभ के बारे में उन्होंने कहा कि सभी विभागों को इसका समर्थन करना होगा।

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बहन को देख लगा एक्टिंग का चस्का, फ्लॉप फिल्म से चमकी किस्मत, कुछ ऐसा रहा है तब्बू का एक्टिंग करियर

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Tabu success story Bollywood
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Tabu success: तबस्सुम फातिमा हाशमी जिन्हें तब्बू के नाम से जाना जाता है, भारतीय सिनेमा की एक प्रतिष्ठित अभिनेत्री हैं। 4 नवंबर 1971 को हैदराबाद में जन्मीं तब्बू का करियर संघर्ष, समर्पण और उत्कृष्टता का प्रतीक है। उन्होंने अपनी बहन और परिवार से प्रेरणा लेकर अभिनय की दुनिया में कदम रखा और अपनी मेहनत से सफलता की ऊंचाइयों को छुआ। जहां कुछ लोगों को हिट फिल्म से सफलता मिलती है, वहीं तब्बू की किस्मत फ्लॉप फिल्म से चमकी। आइए आपको बताते हैं इस दिलचस्प किस्से के बारे में।

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प्रारंभिक जीवन और प्रेरणा: Tabu success

तब्बू एक फिल्मी (Tabu film career) परिवार से ताल्लुक रखती हैं। उनकी बड़ी बहन फराह नाज 80 के दशक की मशहूर अभिनेत्री थीं। फराह को देखकर ही तब्बू को एक्टिंग का शौक हुआ। इसके अलावा तब्बू मशहूर अभिनेत्री शबाना आजमी की भतीजी हैं, जिससे उनके फिल्मी बैकग्राउंड का अंदाजा लगाया जा सकता है। तब्बू ने फिल्म ‘प्रेम’ में काम किया था, जिसे बनाने में बोनी कपूर को 8 साल लगे थे। फिल्म तो बुरी तरह फ्लॉप रही, लेकिन यहीं से तब्बू को खास पहचान मिली।

Tabu Sister Farah Naaz
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8 साल में बनी बोनी कपूर की फिल्म

बोनी कपूर ने दिसंबर 1987 में दो फ़िल्में लॉन्च कीं- ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ और ‘प्रेम’। प्रेम में संजय कपूर के अपोजिट तब्बू को साइन किया गया था। इस फ़िल्म को बनने में 8 साल लग गए और यह बोनी कपूर के प्रोडक्शन करियर की सबसे बड़ी फ्लॉप साबित हुई, लेकिन इस फ़िल्म के बाद तब्बू का करियर काफ़ी आगे बढ़ गया।

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मिड-डे को दिए इंटरव्यू में तब्बू ने अपने फिल्मी सफर की शुरुआत के बारे में बताया। एक्ट्रेस ने कहा, ‘हम गर्मियों में छुट्टियां बिताने के लिए दादी के घर जाते थे। चूंकि मेरी मां के बड़े भाई ईशान आर्य सिनेमेटोग्राफर थे। उन्होंने गरम हवा (1973), बाजार (1982) की शूटिंग की थी। मैं उनके बेटों समीर और सागर के साथ बड़ी हुई। हम भाई-बहन की तरह थे। एक बार मैं और मेरी बहन फराह देव आनंद साहब के ऑफिस में थे, जहां वह स्क्रीन टेस्ट ले रहे थे, चूंकि उन्हें लगा कि वह बहुत खूबसूरत हैं, इसलिए उन्होंने उनका भी स्क्रीन टेस्ट लिया।

तब्बू ने आगे बताया, एक दिन हमें यश चोपड़ा का फोन आया। उन्होंने मेरी मां को फिल्म फासलेमें मेरी बहन को कास्ट करने की इच्छा के बारे में बताया। चूंकि देव साहब ने उन्हें अपना स्क्रीन टेस्ट दिखाया था, मेरी मां को नहीं पता था कि यश चोपड़ा कौन हैं, उन्होंने मेरी चाची (शबाना) से पूछा। हर कोई वास्तव में उत्साहित था। इस तरह मेरी बहन और मां बॉम्बे आ गईं। मुझे हैदराबाद और अपना स्कूल बहुत पसंद था, इसलिए मैं तीन साल तक अपनी चाची के साथ वहां रहा। तब तक मेरी बहन कई फिल्में कर चुकी थी और एक बड़ी स्टार बन गई थी। और मेरी बहन की वजह से फिल्मों में मेरी रुचि बढ़ी और मैंने भी फिल्मों में अभिनय करने में रुचि दिखाई।

तब्बू ने आगे कहा,शेखर कपूर अंकल ने मुझे देखा और कहा कि मुझे उनकी फिल्म प्रेमसे डेब्यू करना है, जिसे मैंने मना कर दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि मैं सिर्फ एक फिल्म करूं और फिर वह मुझे पढ़ाई के लिए विदेश भेज देंगे, जो कभी नहीं हुआ। मैंने फिल्म की, लेकिन उन्होंने प्रोजेक्ट छोड़ दिया।

तेलुगु फिल्म में बनी एक्ट्रेस

कम ही लोग जानते हैं कि तब्बू ने 1991 में तेलुगु फ़िल्म “कुली नंबर 1” में साउथ के सुपरस्टार वेंकटेश के साथ पहली बार अभिनय किया था (Tabu success story)। हिंदी सिनेमा में उनकी पहली फिल्म ‘पहला पहला प्यार’ (1994) थी, जो बॉक्स ऑफिस पर असफल रही।

सफलता की ओर कदम

‘पहला पहला प्यार’ की असफलता के बावजूद तब्बू ने हार नहीं मानी। 1994 में अजय देवगन के साथ फिल्म ‘विजयपथ’ में उनकी भूमिका ने उन्हें पहचान दिलाई, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ डेब्यू अभिनेत्री का फिल्मफेयर पुरस्कार मिला। इसके बाद 1996 में फिल्म ‘माचिस’ में उनके अभिनय को सराहा गया, जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार मिला।

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क्या वाकई बाबरी पर पहला वार करने वाला बलवीर अब बन गया था मोहम्मद आमिर? जानें वायरल दावे का पूरा सच

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Babri Masjid Balbir Singh
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Babri Masjid Balbir Singh details: 6 दिसंबर 1992 को बाबरी मस्जिद के विध्वंस (1992 demolition of Babri Masjid) में शामिल हरियाणा के पानीपत निवासी बलबीर सिंह ने घटना के बाद पश्चाताप में इस्लाम धर्म अपना लिया और अपना नाम बदलकर मोहम्मद आमिर (Balbir Singh becomes Mohammad Aamir)  रख लिया। इन दिनों सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट वायरल हो रही हैं। वायरल खबर में बलबीर सिंह, जो अब मोहम्मद सिंह बन चुका है, को एक महान व्यक्ति के रूप में दिखाया जा रहा है। वह महान व्यक्ति, जिसने बाबरी विध्वंस के बाद अपने किए पर पश्चाताप महसूस किया और प्रायश्चित के तौर पर 100 मस्जिदें बनवाने का संकल्प लिया।

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जनसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने अब तक 90 मस्जिदों के निर्माण में अपना योगदान दिया है। बलबीर से जुड़े ऐसे कई दावे सोशल मीडिया और विभिन्न समाचार वेबसाइटों पर किए गए हैं, लेकिन मामले की सच्चाई कुछ और ही निकली।

कारसेवकों के समूह में शामिल था बलबीर- Babri Masjid Balbir Singh details

हालांकि, इस घटना से जुड़े कुछ तथ्यों पर प्रश्नचिह्न भी उठते हैं। उदाहरण के लिए, आमिर ने बताया की 1 दिसंबर 1992 को वे अयोध्या में कारसेवकों के समूह में शामिल हुए। आमिर के अनुसार, बाबरी मस्जिद को गिराने के लिए गुंबद पर चढ़ने वाले वे पहले व्यक्ति थे। उन्होंने गुंबद पर कुदाल से कई बार हमला किया था। उन्होंने यह भी बताया कि वे बाला साहेब ठाकरे की विचारधारा से बहुत प्रभावित थे और उसी के चलते वे शिवसेना में शामिल हुए और हिंदू समूहों के साथ काम करना शुरू किया।

लेकिन जब ऑपइंडिया ने 6 दिसंबर 1992 की कार सेवा में शामिल रहे मुजफ्फरनगर के अम्बरीश गोयल से बात की तो अम्बरीश ने बताया कि उन्होंने सोशल मीडिया पर कथित कारसेवक मोहम्मद आमिर उर्फ ​​बलबीर की तस्वीर देखी है। कारसेवा के दौरान वह गुंबद तो दूर, कहीं भी मौजूद नहीं था। अम्बरीश गोयल ने इन खबरों को राम भक्तों का मनोबल गिराने की साजिश बताया और कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री से इसकी शिकायत करेंगे।

धर्मांतरण रैकेट का आरोपित आमिर उर्फ़ बलवीर का गुरु

इसके अतिरिक्त, आमिर उर्फ़ बलवीर के गुरु मौलाना कलीम सिद्दीकी पर जबरन धर्मांतरण के आरोप भी लगे हैं, जिससे इस घटना की सत्यता पर संदेह उत्पन्न होता है। बलवीर ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि देवबंद के मौलाना कलीम सिद्दीकी (Maulana Kalim Siddiqui) से मिलने के बाद इस्लाम ने उस पर असर डाला है। कलीम सिद्दीकी के मदरसे में कुछ दिन बिताने के बाद बलवीर ने ईमान कबूलने (मुसलमान बनने) की बात कही थी। जनसत्ता के मुताबिक विवादित इमारत ढहाए जाने के बाद बलवीर कलीम सिद्दीकी की हत्या करने देवबंद भी गया था, लेकिन बाद में उसका इरादा बदल गया।

बार-बार बयान बदला बलबीर

बलबीर (Babri Masjid Balbir Singh details) ने खुद एक इंटरव्यू में कहा था कि बाबरी विध्वंस के बाद उसके मन में डर बैठ गया था और वह उससे छुटकारा पाने के लिए कलीम सिद्दीकी के पास गया था, जबकि जनसत्ता जैसे संगठनों ने दावा किया कि बलबीर मौलाना कलीम सिद्दीकी की हत्या करने गया था और वहां उसका मन बदल गया। हालांकि वह इतने सारे वैद्यों और पंडितों से मिल-जुलकर थक चुका था, लेकिन उसकी चिंता बनी रही।

एक इंटरव्यू के दौरान आमिर ने बताया कि किसी और ने उसे कलीम सिद्दीकी के बारे में बताया था और कलीम के बारे में जाने के बाद वह उससे मिला था। मौलाना कलीम के माध्यम से इस्लाम धर्म अपनाने के बाद बलबीर चर्चा का हिस्सा बन गए।

मुस्लिम लड़की से बलबीर का निकाह

Opindia के मुताबिक, हैदराबाद भेजे जाने के बाद, बलबीर उर्फ आमिर ने दीनी इदारा या इस्लाम के बारे में ज्ञान फैलाने वाले स्कूल का संचालन शुरू किया।

यहीं पर बलबीर की मुस्लिम लड़की से शादी भी हुई थी। जुलाई 2021 में बलबीर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। यह मौत उस समय हुई जब उत्तर प्रदेश एटीएस कलीम सिद्दीकी के खिलाफ सबूत जुटाने में लगी थी। सितंबर 2022 में कलीम को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही उसके देशव्यापी धर्मांतरण नेटवर्क का भी पर्दाफाश हुआ, जिसमें ज्यादातर पीड़ित हिंदू समुदाय के थे।

हमारा शिवसैनिक नहीं था बलबीर

लल्लनटॉप जैसे संगठनों ने धर्म परिवर्तन करने वाले बलबीर को शिवसैनिक बताया था। इन आरोपों की पुष्टि के लिए ऑपइंडिया ने हरियाणा राज्य के युवा शिवसेना अध्यक्ष ऋतुराज से बात की। ऋतुराज ने साफ कहा कि बलबीर के शिवसैनिक होने की अफवाह में कोई सच्चाई नहीं है। ऋतुराज के अनुसार, ऐसी खबरें प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने की साजिश के तहत फैलाई गई हैं।

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