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नयनतारा और धनुष में छिड़ी लीगल जंग, रांझणा स्टार ने भेजा 10 करोड़ का नोटिस, एक्ट्रेस ने दिया करारा जवाब

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Nayantara vs Dhanush controversy, Nayantara Documentary
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Nayantara vs Dhanush controversy: साउथ एक्ट्रेस नयनतारा इन दिनों अपनी डॉक्यूमेंट्री के चलते चर्चा का विषय बनी हुई हैं। नयनतारा की अपकमिंग डॉक्यूमेंट्री ‘नयनतारा: बियॉन्ड द फेयरी टेल’ (Nayanthara: Beyond the Fairy Tale) नेटफ्लिक्स पर रिलीज हो चुकी है। इस डॉक्यूमेंट्री में एक्ट्रेस की जिंदगी और करियर का लेखा-जोखा देखने को मिलेगा। लेकिन इस डॉक्यूमेंट्री के चलते नयनतारा अब साउथ एक्टर धनुष के साथ कानूनी पचड़े में फंस गई हैं। नयनतारा की डॉक्यूमेंट्री (Nayantara Documentary) पर रजनीकांत के एक्स दामाद धनुष ने 10 करोड़ का केस दर्ज कराया है। इसके बाद नयनतारा ने सोशल मीडिया पर एक लेटर लिखकर धनुष पर अपना गुस्सा जाहिर किया है। करीब ढाई पेज के इस लेटर में नयनतारा ने धनुष पर कई आरोप लगाए हैं।

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नयनतारा (Nayantara vs Dhanush) लिखती हैं, “सिनेमा, जैसा कि हम सभी जानते हैं, हम जैसे लोगों के लिए अस्तित्व की लड़ाई है।” नयनतारा ने इस दौरान कहा कि वह एक सेल्फ मेड महिला हैं, जिनका इंडस्ट्री में कोई लिंक नहीं था, फिर भी वह अपनी मेहनत से यहां तक ​​पहुंची हैं। अपनी डॉक्यूमेंट्री के बारे में बात करते हुए वह कहती हैं कि न केवल मैं बल्कि मेरे कई प्रशंसक भी मेरी नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री का इंतजार कर रहे हैं।

सबसे स्पेशल फिल्म शामिल नहीं

नयनतारा लिखती हैं, “मेरे बारे में इस डॉक्यूमेंट्री में मेरे जीवन, मेरे प्यार और मेरी शादी से जुड़ी क्लिप्स हैं। इंडस्ट्री से मेरे कई शुभचिंतकों ने इसमें हिस्सा लिया है और फिल्म से जुड़ी यादें साझा की हैं। लेकिन दुख की बात है कि सबसे खास और महत्वपूर्ण फिल्म ‘नानुम राउडी धानुम’ इसमें शामिल नहीं है।”

धनुष ने लगाया नयनतारा पर धोखाधड़ी का आरोप- Nayantara vs Dhanush controversy

नयनतारा ने ओपन लेटर में लिखा, “कई बार अनुरोध करने के बावजूद आपने नानुम राउडी धान के गाने या सीन के कट और फोटो इस्तेमाल करने की अनुमति नहीं दी और इसके लिए हमें काफी समय तक इंतजार करना पड़ा। हमारी डॉक्यूमेंट्री में इस्तेमाल किए गए सीन लोगों के फोन से शूट किए गए थे और आपने इस पर भी आपत्ति जताई। इससे पता चलता है कि यह आपका अब तक का सबसे निचला स्तर है और यह आपके चरित्र के बारे में बहुत कुछ बताता है। हम आपके कानूनी नोटिस का उचित जवाब देंगे। मुझे आपका कानूनी नोटिस मिल गया है और हम इसका कानूनी तरीके से उचित जवाब भी देंगे।”

 

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फिल्म का प्रोड्यूस धनुष ने किया है- Nayantara vs Dhanush Legal battle

दरअसल, इस डॉक्यूमेंट्री में नयनतारा की फिल्म ‘नानम राउडी धान’ की मात्र 3 सेकंड की क्लिपिंग का इस्तेमाल किया गया है और इस गलती के लिए करोड़ों की मांग की गई है। दरअसल, भले ही इस फिल्म में नयनतारा मुख्य भूमिका में हैं और उनके पति विग्नेश शिवन ने इसका निर्देशन किया है, लेकिन फिल्म का प्रोड्यूस धनुष ने किया है और वह इस गाने के इस्तेमाल से नाराज हैं।

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Bigg Boss 18 Elimination twist: इस हफ्ते नॉमिनेटेड कंटेस्टेंट्स को मिली बड़ी राहत, नेटिज़न ने मकर्स पर लगाया पक्षपात का आरोप

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Bigg Boss 18 Elimination twist, Entertainment news
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Elimination twist in Bigg Boss 18: बिग बॉस 18 (Bigg Boss 18 Update) में जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा वैसे-वैसे शो में हर कंटेस्टेंट फ़िनाले तक पहुचने के लिए अपनी एड़ी- चोटी का जोर लगा रहा है। बिग बॉस 18 में अब तक कंटेस्टेंट घर के अंदर 39 दिन बिता चुके हैं। इन कंटेस्टेंट द्वारा हर दिन काफी हंगामा देखने को मिल रहा है। शो में हर हफ्ते ट्विस्ट देखने को मिल रहे हैं और इस हफ्ते होने वाले एलिमिनेशन को लेकर भी एक बड़ा ट्विस्ट सामने आया है। दरअसल, इस हफ्ते डबल एलिमिनेशन होने वाला था लेकिन अब खबर आ रही है कि इस हफ्ते शो में कोई एलिमिनेशन नहीं होगा।

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बिग बॉस 18 में इस हफ्ते नहीं होगा एलिमिनेशन- Elimination twist in Bigg Boss 18

दरअसल, बिग बॉस से जुड़ी चीजें शेयर करने वाले एक्स पेज BiggBoss_Tak ने हाल ही में एक पोस्ट में यह जानकारी शेयर की है। इस हफ्ते बिग बॉस 18 के घर से कोई बाहर नहीं होगा, इसकी पुष्टि BiggBoss_Tak ने अपने पोस्ट में की है। जैसे ही यह पोस्ट जारी हुई, सोशल मीडिया पर लोगों ने इस पर कमेंट करना शुरू कर दिया। साथ ही, कुछ लोगों ने कमेंट किया कि इस बार नॉमिनेट हुए रूममेट्स कितने लकी हैं।

Bigg Boss 18 Elimination twist
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सात लोग नॉमिनेटेड थे

खबरों की मानें तो इस हफ़्ते करणवीर मेहरा, चुम दरंग, श्रुतिका अर्जुन, रजत दलाल, कशिश कपूर, दिग्विजय सिंह राठी और तजिंदर पाल सिंह बग्गा सात नॉमिनेटिड लोगों में से थे (Bigg Boss 18 Elimination twist)। लेकिन अब घर से कोई नहीं जाएगा क्योंकि कोई एलिमिनेशन नहीं होगा। रजत दलाल इस समय घर के नए टाइम गॉड हैं। इसलिए उन्हें पहले से ही सुरक्षित माना जा रहा था।

बग्गा को मिले सबसे कम वोट

इसके अलावा, रजत ने सत्ता हासिल करने के बाद दिग्विजय राठी को सेफ कर दिया था और घर से बाहर होने के लिए सिर्फ़ पाँच उम्मीदवार बचे थे। हालांकि, वे सभी पाँच इस हफ़्ते सुरक्षित भी हो गए हैं। सभी उम्मीदवारों को जनता से वोट मिले, जिसमें तजिंदर बग्गा सबसे आख़िर में आए। नतीजतन, ऐसी अफ़वाहें थीं कि बग्गा को इस हफ़्ते बाहर होना पड़ सकता है, लेकिन अब जब कोई पुष्टि नहीं हुई है, तो बग्गा भी सुरक्षित हैं। इस बार वीकेंड का वार में सलमान ख़ान नज़र आएंगे। ऐसे में दर्शकों की उत्सुकता और बढ़ गई है। शो के सबसे हालिया एपिसोड का कई लोगों को बेसब्री से इंतज़ार है।

प्रशंसकों की प्रतिक्रिया

एलिमिनेशन (Bigg Boss 18 Elimination twist)  ट्विस्ट को देखकर नेटिज़न ने अपनी निराशा सोशल मीडिया पर साझा की। एक ट्वीट में लिखा था,जो प्रतिभागी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं, उन्हें घर में क्यों रखा जाए? यह उन लोगों के साथ अन्याय है जो अच्छा खेल रहे हैं।” एक अन्य नेटिज़न्स ने शो के मेकर्स पर सवाल उठाया, “यह स्पष्ट रूप से पक्षपातपूर्ण है। दर्शकों के वोटों को इस तरह से अनदेखा नहीं किया जाना चाहिए।” एलिमिनेशन ट्विस्ट के बावजूद, वीकेंड का वार मनोरंजक होने का वादा करता है। अपने विचित्र व्यक्तित्व और मज़ेदार हरकतों के लिए मशहूर डॉली चायवाला घर में मेहमान के तौर पर प्रवेश करने वाली हैं।

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न सरसों का साग, न शाही पनीर, अमिताभ बच्चन को पसंद है बिहार की ये खास डिश-

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Amitabh Bachchan, Bollywood Star
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Amitabh Bachchan Favourite Dish : अमिताभ बच्चन भारतीय सिनेमा के सबसे प्रसिद्ध और प्रतिष्ठित एक्टर हैं. उन्हें “शहंशाह” और “एंग्री यंग मैन” के रूप में भी जाना जाता है. उन्होंने अपने करियर में कई सुपरहिट फ़िल्मों में काम किया हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं अमिताभ बच्चन को कौन – सी डिश सबसे ज्यादा पसंद है..अगर नहीं तो चलिए आपको इस लेख में बताते हैं.

कौन-सी डिश अमिताभ बच्चन को पसंद

बॉलीवुड स्टार अमिताभ बच्चन इन दिनों sony entertainment के शो में ‘कौन बनेगा करोड़पति’ में नजर आ रहे हैं. वही ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के मंच पर एक बच्चे से बात करते नजर आए. क्विज शो के मंच पर आया बच्चा बिहार का रहने वाला है. अमिताभ बच्चन ने उनसे बिहार को लेकर कई मजेदार बातें कीं. सोनी एंटरनेटमेंट टेलीविजन के ऑफिशियल इंस्टाग्राम पर शो का एक वीडियो शेयर किया है, जिसमें अमिताभ बच्चन कहते नजर आ रहे हैं, ‘अगर आपने बिहारी होकर लिट्टी-चोखा न खाया हो या उसको पसंद नहीं किया हो, तो आप बिहारी नहीं हैं, हमने भी खाया है इसको.’ वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा, ‘एबी की बात 100 प्रतिशत सही है!’

कैसे बनती है बिहार की खास डिश?

लिट्टी गेहूं के आटे की लोई होती है, जिसमें सत्तू का मसालेदार मिश्रण भरा जाता है, जबकि चोखा भुने हुए बैंगन, टमाटर और आलू से बनाया जाता है. इसमें प्याज, लहसुन, अदरक, मिर्च और तमाम मसाले डाले जाते हैं. लिट्टी चोखा न केवल बिहार, बल्कि देश भर में काफी पसंद किया जाता है. ‘कौन बनेगा करोड़पति’ का एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसमें अमिताभ के सामने हॉट सीट पर उनके बेटे और एक्टर अभिषेक बच्चन नजर आए थे. सोनी चैनल द्वारा इंस्टाग्राम पर शेयर किए गए एक प्रोमो में अभिषेक अपने घर के डिनर टेबल से जुड़ी बातचीत करते नजर आए.

प्रोमो में अभिषेक कहते नजर आए, ‘हमारे घर में सब मिलकर खाना खाते हैं और कोई सवाल पूछता है तो सारे बच्चे एक-साथ बोलते हैं 7 करोड़.’ यह सुनकर अमिताभ हंसने लगते हैं. बाद में वे कहते हैं, ‘बहुत बड़ी गलती कर दी इनको यहां बुलाकर.’ शो में अभिषेक के साथ फिल्म निर्माता शूजित सरकार भी शामिल हुए. अभिषेक और शूजित अपनी अगली फिल्म ‘आई वांट टू टॉक’ के प्रमोशन के लिए शो में पहुंचे थे. फिल्म में अभिषेक बच्चन के साथ जॉनी लीवर, जयंत कृपलानी और अहिल्या बामरू भी अहम रोल में हैं. फिल्म के लिए अभिषेक ने अपना वजन बढ़ाया है. ‘आई वांट टू टॉक’ 22 नवंबर 2024 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी.

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अमिताभ बच्चन का फ़िल्मी करियर

अमिताभ बच्चन ने 1969 में फिल्म “सात हिंदुस्तानी” से बॉलीवुड में कदम रखा, लेकिन उनकी असली पहचान 1973 में आई फिल्म “जंजीर” से मिली इसके बाद उन्होंने “दीवार”, “शोले”, “कुली”, “अग्निपथ”, “सिलसिला” और “मि. नटवरलाल” जैसी फिल्मों से भारतीय सिनेमा को कई यादगार किरदार दिए. अमिताभ बच्चन की खासियत उनके गहरे आवाज़, शानदार अभिनय, और बहुमुखी प्रतिभा में है. वे एक सशक्त एक्टर होने के साथ-साथ एक अच्छे गायक, निर्माता और टीवी होस्ट भी हैं. उन्होंने 2000 में “कौन बनेगा करोड़पति” (KBC) के होस्ट के रूप में भी अपार लोकप्रियता हासिल की.

इसके अलवा बच्चन साहब को उनकी फिल्मों के लिए कई राष्ट्रीय पुरस्कार और सम्मान मिल चुके हैं, जिनमें पद्मश्री, पद्मभूषण और पद्मविभूषण जैसी उच्चतम भारतीय नागरिक सम्मान शामिल हैं. इसके अलावा, उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान मिली है.

आगे पढ़े : 10 सबसे महत्वपूर्ण बुद्ध और देवता .

10 सबसे महत्वपूर्ण बुद्ध और देवता

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Buddha Mudra, Lord Buddha
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हमने तिब्बती बौद्ध धर्म के उन पात्रों का चयन किया है जो लगभग सभी तिब्बती बौद्ध मठों और मंदिरों में पाए जा सकते हैं, बौद्ध धर्म एक प्रमुख धर्म है जो गौतम बुद्ध के उपदेशों और आदर्शों पर आधारित है. यह धर्म भारत की एक प्रमुख आध्यात्मिक परंपरा है, तो चलिए हम आपको इस लेख में  उन बुद्ध देवता के बारें में जानते हैं.

बुद्ध और देवता

बुद्ध शाक्यमुनि – ऐतिहासिक बुद्ध – बुद्ध शाक्यमुनि ऐतिहासिक बुद्ध हैं, जो लगभग 600 ईसा पूर्व रहते थे और उन्हें बौद्ध धर्म का संस्थापक माना जाता है.

बुद्ध मैत्रेय – भावी बुद्ध – बुद्ध मैत्रेय भविष्य के बुद्ध हैं. बौद्ध धर्म में 5 “पृथ्वी” बुद्ध हैं, जिनमें से प्रत्येक दुनिया के 5 युगों (काल) में से एक से जुड़ा हुआ है. बुद्ध शाक्यमुनि चौथे और वर्तमान युग के सांसारिक बुद्ध हैं.

अवलोकितेश्वर – करुणा के बोधिसत्व – अवलोकितेश्वर (तिब्बती: चेनरेज़िग) करुणा के बोधिसत्व और तिब्बत के संरक्षक संत हैं। बोधिसत्व वे प्रबुद्ध प्राणी हैं जो करुणा के कारण निर्वाण में नहीं जाते, बल्कि वहीं रहते हैं.

मंजुश्री – ज्ञान के बोधिसत्व – मंजुश्री ज्ञान और साहित्य के बोधिसत्व हैं. जैसा कि अपेक्षित था, विद्वानों और छात्रों के लिए उनका बहुत महत्व है, जो उन्हें बुलाते हैं.

महाकाल – संरक्षक – महाकाल धर्मपालों या “सिद्धांत के रक्षकों” में से एक हैं. ये वास्तव में भूत, राक्षस और देवता हैं जो पुरानी तिब्बती परंपरा से संबंधित हैं .

तारा – महिला देवता – तारा (तिब्बती: डोलमा) एक महिला बोधिसत्व है. उसके पाँच रूप हैं: हरा, सफ़ेद, नीला, लाल और पीला. उसे एक महान रक्षक माना जाता है जो लोगों को जीवन के आठ बड़े खतरों से बचाती है.

पदमसंभव – गुरु रिनपोछे –  पद्मसंभव ( कमल से जन्मे ), जिन्हें गुरु रिनपोछे भी कहा जाता है, तिब्बती बौद्ध धर्म के ऐतिहासिक रूप से मूर्त संस्थापक हैं। उन्हें तिब्बती बौद्ध धर्म के सबसे पुराने स्कूल, निंग्मा स्कूल का संस्थापक माना जाता है.

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पाल्डेन ल्हामो – महिला संरक्षक – पाल्डेन ल्हामो एक पुरानी तिब्बती महिला संरक्षक देवी हैं. वह 8 धर्मपालों की एकमात्र महिला देवी हैं. तिब्बती बौद्ध धर्म के गेलुग्पा संप्रदाय के पीली टोपी वाले भिक्षुओं द्वारा उनकी विशेष रूप से पूजा की जाती है.

त्सोंगखापा – धर्म के संस्थापक – त्सोंगखापा भी एक ऐतिहासिक व्यक्ति हैं। वे तिब्बती बौद्ध धर्म के चार मुख्य संप्रदायों में से अंतिम संप्रदाय गेलुग के संस्थापक हैं.

वज्रपाणि – शक्ति के बोधिसत् – वज्रपाणि शक्ति के बोधिसत्व हैं, जो बुद्ध के चारों ओर स्थित तीन मुख्य सुरक्षात्मक देवताओं में से एक हैं, और अक्सर उन्हें अन्य दो के साथ संयोजन में दर्शाया जाता है: अवलोकितेश्वर (करुणा) और मंजुश्री (ज्ञान).

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10 शानदार प्रकार के बाज और उन्हें कहां पाया जा सकता है

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Coopers hawk, Eagle
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बाज और चील, परिवार की 200 से ज़्यादा प्रजातियों में से हैं, जो तेज़, मज़बूत शिकारी पक्षियों का एक समूह है जो भोजन के लिए दूसरे जानवरों को मारते हैं दुनिया में बाज़ (Hawks) के कई प्रकार होते हैं, जो अलग-अलग प्रजातियों के अंतर्गत आते हैं. बाज़ मुख्य रूप से Accipitridae परिवार के सदस्य होते हैं, जो शिकार करने वाले शिकारी पक्षियों का समूह है, इस परिवार में कई जातियाँ और प्रजातियाँ पाई जाती हैं, और इनमें से कुछ प्रमुख प्रकार निम्नलिखित हैं. जो भोजन के लिए दूसरे जानवरों को मारते हैं चलिए आज आपको इस लेख में कुछ शानदार बाज के बारे में बताते हैं.

10 types of Eagles

उल्का बाज (Common Buzzard)- यह बाज़ यूरोप और एशिया में पाया जाता है और काफी सामान्य है. इसका आकार मध्यम होता है, और यह अक्सर खुले मैदानों और जंगलों में पाया जाता है.

पानी बाज (Osprey) – यह बाज़ मुख्य रूप से जलाशयों के पास पाया जाता है और मछलियाँ शिकार करता है. इसका सिर सफेद और शरीर में काले रंग के धब्बे होते हैं.

हैरियर्स (Harriers) – हैरियर्स बाज़ की एक श्रेणी है जो मुख्य रूप से खुले मैदानों में उड़ते हैं और छोटे जानवरों का शिकार करते हैं. इनकी विशिष्टता यह है कि ये अपने शिकार को बहुत धीमी गति से उड़ते हुए पकड़ते हैं.

लाल बाज (Red-tailed Hawk) – यह बाज़ उत्तरी अमेरिका में पाया जाता है और इसके पूंछ का रंग लाल होता है. यह सबसे अधिक पहचाने जाने वाले बाज़ों में से एक है और खुले मैदानों तथा पहाड़ी क्षेत्रों में पाया जाता है.

बाज़ेट (Kites) – बाज़ेट भी बाज़ परिवार के सदस्य होते हैं, और ये छोटे पक्षी होते हैं जो हल्के होते हैं और इनकी उड़ान अक्सर स्थिर और सीधी होती है. इनका शिकार छोटे कीट और मच्छर होते हैं.

सिरियल बाज (Serpent Eagle) – ये बाज़ अक्सर जंगलों और घने पेड़ों में पाए जाते हैं.इनका शिकार मुख्य रूप से सांप और अन्य छोटे जानवर होते हैं.

नाइट हॉक (Night Hawk) – यह बाज़ शिकार के लिए रात का समय पसंद करता है, और यह बहुत तेज़ उड़ान भरने वाला पक्षी होता है.

कील-पूंछ वाला बाज (Cooper’s Hawk) – यह बाज़ छोटे पक्षियों का शिकार करता है और अमेरिकी जंगलों में पाया जाता है. इसके शरीर का आकार छोटा और मजबूत होता है, जो उसे तेज़ी से शिकार करने में मदद करता है.

स्वार्म बैज़ (Swainson’s Hawk) – यह बाज़ मुख्य रूप से उत्तर और दक्षिण अमेरिका में पाया जाता है और यह अपनी लंबी उड़ान के लिए जाना जाता है। यह खेतों और घास के मैदानों में शिकार करता है.

कैलिफोर्निया बाज (California Condor) – यह एक विशाल पक्षी है, जो दक्षिणी कैलिफोर्निया और पश्चिमी अमेरिका के कुछ हिस्सों में पाया जाता है. इसे अब “विपत्ति में” सूचीबद्ध किया गया है.

कार में एयरबैग होने के बावजूद न करें ये 5 गलतियां, वरना हो सकता है भारी नुकसान

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Tips for Airbag Cars, Car
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Tips for Airbag Cars: कार में एयरबैग एक महत्वपूर्ण सुरक्षा फीचर है, लेकिन अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल न किया जाए तो यह फायदेमंद होने के बजाय नुकसानदेह साबित हो सकता है। एयरबैग (Car Airbag Caution) एक आपातकालीन सुरक्षा उपकरण है जिसे दुर्घटना की स्थिति में चालक और यात्रियों की जान बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। हालांकि, कई बार अनजाने में की गई गलतियाँ इसके फ़ायदे को कम कर सकती हैं। यहां ऐसी 5 गलतियाँ बताई गई हैं जिनसे आपको हर कीमत पर बचना चाहिए।

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सीट बेल्ट न पहनना-Tips for Airbag Cars

एयरबैग सीट बेल्ट (Car Airbag safety) के साथ मिलकर काम करता है। अगर आप सीट बेल्ट नहीं पहनते हैं, तो एयरबैग पूरी तरह से प्रभावी नहीं होगा।

  • खतरा: अगर एयरबैग खुल जाता है, तो आपको गंभीर चोट लग सकती है क्योंकि सीट बेल्ट के बिना शरीर असंतुलित रहता है।
  • सलाह: गाड़ी चलाने से पहले हमेशा सीट बेल्ट पहनें।

सीट के बहुत पास बैठना

अगर ड्राइवर या यात्री सीट के बहुत करीब बैठता है, तो एयरबैग खुलने पर चोट लगने का जोखिम बढ़ जाता है। एयरबैग खुलने पर अत्यधिक दबाव और गति होती है।

  • खतरा: चेहरे या छाती पर चोट लग सकती है।
  • सलाह: ड्राइविंग सीट और स्टीयरिंग व्हील के बीच कम से कम 10 इंच की दूरी रखें।
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बच्चों को आगे की सीट पर बैठाना

बच्चों को हमेशा कार की पिछली सीट पर बैठाना चाहिए। एयरबैग का बल बच्चों के लिए खतरनाक हो सकता है।

  • खतरा: अगर एयरबैग (Car Airbag) खुल जाए तो बच्चे गंभीर रूप से घायल हो सकते हैं।
  • सलाह: बच्चों को हमेशा पीछे की ओर वाली सीट या पिछली सीट पर चाइल्ड सेफ्टी सीट पर बैठाएँ।

एयरबैग ऑन/ऑफ स्विच का सही उपयोग न करना

कुछ कारों में एयरबैग को चालू या बंद करने का विकल्प होता है। इसका सही तरीके से इस्तेमाल करना ज़रूरी है।

  • ख़तरा: गलत समय पर एयरबैग को निष्क्रिय करने से सुरक्षा कम हो सकती है।
  • सलाह: अगर आपकी कार में यह सुविधा है, तो इसे हमेशा ज़रूरत के हिसाब से सेट करें।
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एयरबैग सिस्टम की समय-समय पर जांच न कराना

एयरबैग सिस्टम की नियमित रूप से जाँच करवाना ज़रूरी है क्योंकि अगर सिस्टम में कोई खराबी है, तो यह समय पर काम नहीं करेगा।

  • ख़तरा: दुर्घटना के दौरान एयरबैग खुल नहीं सकता।
  • सलाह: कार सर्विस के दौरान एयरबैग सिस्टम की जाँच ज़रूर करवाएँ।

नोट: एयरबैग एक जीवन रक्षक तकनीक है, लेकिन उचित उपयोग और रखरखाव ही इसे प्रभावी बनाता है। इन 5 गलतियों से बचकर आप न केवल अपनी सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं बल्कि संभावित दुर्घटनाओं में गंभीर नुकसान से भी बच सकते हैं। सड़क पर सुरक्षित रहें और हमेशा यातायात नियमों का पालन करें।

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Varansi Mass Murder: करोड़पति परिवार की निर्मम हत्या की गुत्थी और भी उलझी, भतीजे के रंजिश का एंगल आया सामने

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Varanasi Rajendra Gupta Family Murder, crime
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Varansi Mass Murder Details: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बनारस जिले में एक खौफनाक वारदात ने सबको झकझोर कर रख दिया है। 5 नवंबर को शहर के पॉश इलाके में करोड़पति शराब कारोबारी राजेंद्र गुप्ता और उनके पूरे परिवार की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। हत्यारे ने घर में घुसकर राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू गुप्ता, दो बेटों नवनेंद्र और सुबेंद्र और बेटी गौरांगी को दो-दो गोलियां मारकर मौत के घाट उतार दिया था। इस नृशंस वारदात ने शहर के साथ-साथ पूरे प्रदेश में सनसनी मचा दी है। अब घटना के 72 घंटे बाद मृतक राजेंद्र की मां ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

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राजेन्द्र अपने भतीजों से करता था नफरत- Varansi Mass Murder Details

मृतक राजेंद्र (Rajendra Gupta Family Murder) की मां शारदा देवी के अनुसार राजेंद्र अपने भतीजों विक्की और जुगनू को बिना वजह पीटता था क्योंकि वह उनसे नफरत करता था। विक्की राजेंद्र से उतना ही नफरत करता था जितना राजेंद्र अपने भतीजों जुगनू और विक्की से करता था। विक्की ने अपनी दादी शारदा देवी से कहा था कि दिवाली पर घर लौटने पर वह राजेंद्र की हत्या कर देगा। हालांकि, उसकी दादी ने उसे शांत किया और वह वापस लौट आया। लेकिन राजेंद्र गुप्ता, उसकी पत्नी, दो लड़के और एक बेटी सभी कुछ घंटों बाद मारे गए।

Varanasi Rajendra Gupta Family Murder
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सभी को मारी गोली- Varanasi Rajendra Gupta Family Murder

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ है कि गुप्ता परिवार की हत्या (Varanasi Gupta Family Mass Murder Mystery) के मामले में सभी को कनपटी और सीने में गोली मारी गई थी। डीसीपी काशी जोन गौरव बंसल ने लोकल 18 को बताया कि इस सामूहिक हत्याकांड में पहले राजेंद्र गुप्ता की हत्या की गई और फिर उसके बाद उसके परिवार के सदस्यों की हत्या की गई।

Varanasi Rajendra Gupta and his wife
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विक्की पर पुलिस को शक

इस मामले में जांच अभी भी जारी है और शक की सुई राजेंद्र के भतीजे विक्की की ओर घूम रही है। घटना के बाद से ही विक्की लापता है और पुलिस बेंगलुरु, दिल्ली और अन्य जगहों पर उसकी तलाश कर रही है। पुलिस के मुताबिक, विक्की ने 28 साल पहले अपने माता-पिता की हत्या और संपत्ति विवाद के चलते यह अपराध किया है। हालांकि, सच्चाई पुलिस जांच के बाद ही पता चल पाएगी।

28 साल पहले छोटे भाई की हुई थी हत्या-Varanasi Rajendra Gupta Family Murder

मिली जानकारी के मुताबिक, कुछ दिन पहले भदैनी में राजेंद्र गुप्ता, उनकी पत्नी नीतू और उनके तीन बच्चों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। राजेंद्र के पड़ोसियों के अनुसार, 1996 में जमीन जायदाद के लालच में उसने अपने छोटे भाई कृष्णा और उसकी पत्नी मंजू की हत्या के लिए हत्यारे किराए पर लिए थे। राजेंद्र पर 1997 में अपने पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके एक गार्ड की हत्या का आरोप लगा था। हालांकि, राजेंद्र की मां शारदा देवी इस मुकदमे में वादी थीं। नतीजतन, अपनी मां का समर्थन पाकर वह जेल से रिहा हो गया। दूसरी ओर, मंजू और कृष्णा की हत्या का मामला भी ठंडे बस्ते में चल गया।

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एक एक्सीडेंट की वजह से छिन गया इस एक्ट्रेस का उभरता हुआ स्टारडम, पीक पर छोड़ना पड़ा करियर, अब हैं सफल बिजनेसवुमन

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Talluri Rameshwari Career, Bollywood
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Talluri Rameshwari Career: बॉलीवुड में कई ऐसी अभिनेत्रियां रही हैं जो अपने समय में काफी लोकप्रिय हुईं लेकिन कुछ सालों तक चमकने के बाद अचानक पर्दे से गायब हो गईं। इन्हीं में से एक हैं टैलेंटेड एक्ट्रेस तल्लूरी रामेश्वरी। एक्ट्रेस को भी अपनी पहली फिल्म से ही बड़ी पहचान मिली थी। लेकिन करियर के पीक पर हुए एक हादसे के बाद एक्ट्रेस इंडस्ट्री से दूर हो गईं। तल्लूरी रामेश्वरी (Talluri Rameshwari Acting Career) 80 के दशक की मशहूर भारतीय अभिनेत्री हैं, जिन्होंने हिंदी और तेलुगु सिनेमा में अपनी एक्टिंग से खास पहचान बनाई। उनका जन्म 1958 में आंध्र प्रदेश के काकीनाडा में हुआ था। करियर की शुरुआत में उन्होंने बैक टू बैक हिट फिल्मों में काम किया। जीतेंद्र के साथ उनकी जोड़ी काफी हिट रही। हर कोई कहता था कि उन्हें उनके साथ फिल्म करनी चाहिए लेकिन उनकी जिंदगी में एक दिन ऐसा आया जिसने सब कुछ बदल दिया।

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करियर की शुरुआत में मिली बड़ी सफलताTalluri Rameshwari Career

रामेश्वरी ने 1977 में राजश्री प्रोडक्शन की फिल्म ‘दुल्हन वही जो पिया मन भाये’ से हिंदी सिनेमा में कदम रखा, जो एक बड़ी सफलता साबित हुई। इसके बाद उन्होंने ‘आशा’ (1980) में जितेंद्र की पत्नी माला का किरदार निभाया, जिसमें उनके अभिनय की सराहना की गई। उन्होंने मिथुन चक्रवर्ती के साथ ‘मेरा रक्षक’ (1978) में भी काम किया। इन फिल्मों के जरिए उन्होंने दर्शकों के दिलों में खास जगह बनाई। यहां गौर करने वाली बात ये है कि ऐसे समय में जब अभिनेत्रियों को उनके सांवले रंग के कारण नकार दिया जाता था, तल्लूरी ने अपने सांवले रंग और सादगी भरी खूबसूरती से सभी का दिल जीत लिया। हिंदी सिनेमा में गहरी छाप छोड़ने के बाद, अभिनेत्री ने तेलुगु फिल्म उद्योग में प्रवेश किया और वहां भी सफल रहीं।

Talluri Rameshwari Career, Bollywood
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एक्सीडेंट ने बदल दी ज़िंदगी

उनकी ज़िंदगी बहुत अच्छी चल रही थी, लेकिन एक दिन अचानक ऐसा मोड़ आया कि सब कुछ बर्बाद हो गया। एक दिन घोड़े से गिरने के कारण उनकी एक आँख में गंभीर चोट लग गई। इस घटना के बाद, चिकित्सकों ने उन्हें न्यूयॉर्क में सर्जरी करवाने की सलाह दी। इसके बाद अभिनेत्री का करियर बर्बाद हो गया। उन्हें कई फ़िल्मों को भी अलविदा कहना पड़ा। इसके बाद कई फिल्मों से एक्ट्रेस को रिप्लेस कर दिया गया।

ऐक्टिंग छोड़ बिजनेस किया शुरू

इस बीच रामेश्वरी ने पंजाबी एक्टर और प्रोड्यूसर दीपक सेठ से शादी की। शादी के बाद उन्होंने फिल्मों से दूरी बना ली (Talluri Rameshwari Acting Career) और स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का बिजनेस (Talluri Rameshwari Business) शुरू किया और खुद को एक सफल बिजनेसवुमन के तौर पर स्थापित किया।

Talluri Rameshwari Career, Bollywood
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हाल ही में रामेश्वरी ने जूनियर एनटीआर की फिल्म ‘देवरा’ (2024) में काम किया, जो बॉक्स ऑफिस पर सफल रही। इस फिल्म में उनके अभिनय की सराहना की गई।

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J&K Gurudwaras: जम्मू और कश्मीर के 5 प्रमुख गुरुद्वारे जहां आपको जरूर जाना चाहिए

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Gurudwaras in Jammu and Kashmir, Gurudwaras
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Gurudwaras in Jammu and Kashmir: अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और विविधता के लिए मशहूर जम्मू-कश्मीर में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल हैं। इन स्थलों में गुरुद्वारे भी शामिल हैं, जो न केवल सिख समुदाय के लिए बल्कि हर धर्म और संस्कृति के लोगों के लिए शांति और आध्यात्मिकता के केंद्र हैं। जम्मू-कश्मीर में कई प्रमुख गुरुद्वारे हैं, जिन्हें आप अपनी यात्रा के दौरान देख सकते हैं। वहीं, इन गुरुद्वारों में जाने का सबसे अच्छा समय अप्रैल से अक्टूबर तक है।

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गुरुद्वारा श्री गुरु नानक साहिब | पुराना हेरिटेज शहर (Gurdwara Sri Guru Nanak Sahib)

यह गुरुद्वारा सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की याद में बनाया गया है। यह जम्मू शहर के बीचों-बीच स्थित है और सिखों के लिए एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। यहां गुरु नानक देव जी के उपदेशों और उनकी शिक्षाओं की झलक मिलती है।

गुरुद्वारा खुलने का समय: 24 घंटे – हर दिन

निकटतम हवाई अड्डा: जम्मू हवाई अड्डा

निकटतम रेलवे स्टेशन: जम्मू तवी रेलवे स्टेशन

निकटतम बस स्टेशन: जम्मू बस स्टैंड

निकटतम स्थान: रघुनाथ मंदिर, मुबारक मंडी पैलेस, बहू किला

Gurdwara Sri Guru Nanak Sahib
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गुरुद्वारा चटी पातशाही | श्रीनगर (Gurdwara Chatti Patshahi)

यह ऐतिहासिक गुरुद्वारा गुरु हरगोबिंद साहिब जी (सिख धर्म के छठे गुरु) के प्रवास की याद में बनाया गया है। बारामुला के पास स्थित यह गुरुद्वारा शांत वातावरण और भक्तिमय माहौल के लिए प्रसिद्ध है।

गुरुद्वारा खुलने का समय: सुबह 7:00 बजे से रात 9:45 बजे तक – हर दिन

निकटतम हवाई अड्डा: श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा

निकटतम रेलवे स्टेशन: श्रीनगर रेलवे स्टेशन

निकटतम बस स्टेशन: श्रीनगर बस स्टैंड

निकटतम स्थान: डल झील, शंकराचार्य मंदिर, मुगल गार्डन

Gurdwara Chatti Patshahi
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गुरु नानक गुरुद्वारा | अवंतीपोरा (Guru Nanak Gurdwara Awantipora)

गुरु नानक गुरुद्वारा, अवंतीपोरा के शांत शहर में स्थित है, जो गुरु नानक देव जी को समर्पित है। हरे-भरे हरियाली और शांत वातावरण से घिरा यह गुरुद्वारा भक्तों और आगंतुकों के लिए एक शांतिपूर्ण विश्राम स्थल प्रदान करता है। ऐसा कहा जाता है कि सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी अपने विश्वस्त अनुयायी मरदाना (Bhai Mardana) के साथ वर्ष 1518 ई. में अपनी तीसरी मिशनरी यात्रा (सिख इतिहास में उदासी) के दौरान इस स्थान पर आए थे।

गुरुद्वारा समय: 24 घंटे – हर रोज़

निकटतम हवाई अड्डा: श्रीनगर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा

निकटतम रेलवे स्टेशन: अवंतीपुरा रेलवे स्टेशन

निकटतम बस स्टेशन: अवंतीपोरा बस स्टैंड

निकटतम स्थान: अवंतीश्वर मंदिर, मार्तंड सूर्य मंदिर, अनंतनाग

Guru Nanak Gurdwara Awantipora
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गुरुद्वारा तपो अस्थान | अखनूर (Gurdwara Tapo Asthan)

ऐतिहासिक शहर अखनूर में स्थित गुरुद्वारा तपो अस्थान, गुरु नानक देव जी की यात्रा से जुड़ा एक पवित्र स्थान है। यह भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक अभयारण्य के रूप में कार्य करता है और ध्यान और प्रार्थना के लिए एक शांत वातावरण प्रदान करता है।

गुरुद्वारा खुलने का समय: सुबह 4:00 बजे से रात 10:00 बजे तक – हर रोज़।

निकटतम हवाई अड्डा: जम्मू हवाई अड्डा।

निकटतम रेलवे स्टेशन: जम्मू तवी रेलवे स्टेशन।

आस-पास के स्थान: अखनूर किला, चिनाब नदी, मांडा चिड़ियाघर।

Gurdwara Tapo Asthan
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गुरुद्वारा साहिब रोचा सिंह पुरा | बटोटे डोडा (Gurdwara Sahib Rocha Singh Pura)

बटोटे डोडा के सुंदर इलाके में बसा गुरुद्वारा साहिब रोचा सिंह पुरा सिखों के लिए एक पूजनीय पूजा स्थल है। यह ऐतिहासिक महत्व रखता है क्योंकि यह सिख गुरुओं की शिक्षाओं का स्मरण कराता है और आध्यात्मिकता का प्रतीक है।

गुरुद्वारा खुलने का समय: 24 घंटे – हर दिन

निकटतम हवाई अड्डा: जम्मू हवाई अड्डा

निकटतम रेलवे स्टेशन: जम्मू तवी रेलवे स्टेशन

निकटतम बस स्टेशन: डोडा बस स्टैंड

निकटतम स्थान: पटनीटॉप, नत्थाटॉप, सनासर

Gurdwara Sahib Rocha Singh Pura
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Pakistan: लाहौर में एयर पॉल्यूशल का कहर! 1900 के पार AQI, 15 हजार मरीज अस्पतालों में भर्ती, डॉक्टर बोले लग सकता है लॉकडाउन

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Pakistan, Lahor Air Quality Index
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AQI Lahore: पाकिस्तान का लाहौर (Pakistan Air Quality Index) इस समय वायु प्रदूषण की गंभीर समस्याओं से जूझ रहा है। हाल ही में यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) का स्तर 1900 तक पहुंच गया, जो चिंताजनक रिकॉर्ड है। बढ़ते प्रदूषण ने न केवल स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ पैदा की हैं, बल्कि इसके कारण अस्पतालों और क्लीनिकों में सांस संबंधी समस्याओं से पीड़ित लोगों की भीड़ भी उमड़ पड़ी है। रिपोर्टों के अनुसार, सांस लेने में तकलीफ, अस्थमा और अन्य श्वसन समस्याओं के कारण लगभग 15,000 मरीजों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि अगर लोग मास्क नहीं पहनते हैं और प्रशासनिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं करते हैं, तो लाहौर में लॉकडाउन जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।

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एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना जरूरी- AQI Lahore

स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि अगर तुरंत कुछ नहीं किया गया तो समस्या और भी बदतर हो सकती है। प्रदूषण के प्राथमिक कारणों का पता लगाना चाहिए और सरकार द्वारा उन्हें नियंत्रित किया जाना चाहिए। इसके अलावा, निजी वाहनों की संख्या कम करने और स्थानीय आबादी के बीच सार्वजनिक परिवहन के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कार्रवाई की जानी चाहिए। ऐसे परिदृश्य में, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करना, घर के अंदर रहना और मास्क पहनना आवश्यक है। शहर की वायु गुणवत्ता को बढ़ाने और अपने नागरिकों के स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए, लाहौर के नागरिकों और सरकार को इस चुनौती से निपटने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।

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क्या कह रहे हैं विशेषज्ञ?

विशेषज्ञों का मानना ​​है कि पड़ोसी इलाकों में पराली जलाने की घटनाएं लाहौर के प्रदूषण स्तर (Lahore Toxic Mist) में तेज वृद्धि का कारण हैं। पंजाब के सूचना मंत्री आजमा बुखारी के अनुसार भारत से आने वाली हवाएं लाहौर को और प्रदूषित कर रही हैं। उनके अनुसार, भारतीय शहरों अमृतसर और चंडीगढ़ से आने वाली हवाओं के कारण वायु गुणवत्ता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है और यह स्थिति संभवतः कुछ दिनों तक जारी रहने वाली है।

लाहौर प्रशासन उठा रहा है यह कदम

लाहौर सरकार ने प्रदूषण (Lahore pollution) की समस्या के मद्देनजर वायु गुणवत्ता में सुधार के लिए कृत्रिम वर्षा कराने की रणनीति पर भी विचार किया है। इसके अतिरिक्त, पंजाब के मुख्यमंत्री ने इस गंभीर प्रदूषण समस्या से निपटने के लिए भारतीय राज्य पंजाब के मुख्यमंत्री के साथ बैठक की है। लाहौर को पहले बगीचों और हरियाली से भरा शहर माना जाता था, लेकिन शहर के तेजी से शहरीकरण और हरियाली में कमी के कारण वायु प्रदूषण एक बड़ी समस्या बन गई है।

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स्कूल किये गए बंद

नासा के मॉडरेट रेजोल्यूशन इमेजिंग स्पेक्ट्रो रेडियोमीटर द्वारा उत्तरी पाकिस्तान में प्रदूषण की एक छवि जारी की गई। नासा मोडिस के अनुसार, नवंबर की शुरुआत में, उत्तरी पाकिस्तान के ऊपर आकाश में प्रदूषण की एक घनी परत छा गई। परिणामस्वरूप, सैकड़ों लोग अस्पताल में भर्ती हुए हैं, स्कूल बंद कर दिए गए हैं, और हवा की गुणवत्ता में गिरावट आई है। पाकिस्तान स्मॉग की समस्या को दूर करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। तीन महीने तक शादियों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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