जब कैंसर पीड़ित चंद्रशेखर के पिता दिल्ली AIIMS में  तड़प रहे थे, नहीं मिली थी भर्ती, जानिए पूरी कहानी

Table of Content

भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद आज भले ही सांसद हों, भले ही वे सत्ता में आ गए हों, लेकिन एक समय ऐसा भी था जब उन्हें अपनी जाति के कारण काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा था। गरीबी में पले-बढ़े चंद्रशेखर उर्फ ​​रावण ने अपने जीवन में काफी संघर्ष किया है। एक समय तो उनकी गोली मारकर हत्या करने की साजिश तक रची गई थी। इसके अलावा उन्हें 16 महीने जेल में बिताने पड़े थे। लेकिन उनके जीवन में एक ऐसा दिन भी था जिसकी याद आज भी उनकी रूह को डरा देती है और वे खुद को बेहद असहाय महसूस करते हैं। आइए आपको बताते हैं उस किस्से के बारे में।

और पढ़ें: मारीचामी: ‘हक की भक्ति करने के लिए करना पड़ा कड़ा संघर्ष’, पढ़ें पिछड़ी जाति के पुजारी की कहानी

बचपन से सहा भेदभाव

3 दिसंबर 1986 को सहारनपुर में जन्मे चंद्रशेखर आज़ाद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सहारनपुर के ठाकुर छज्जू सिंह पुंडीर एएचपी इंटर कॉलेज से प्राप्त की। एक इंटरव्यू में वे बताते हैं कि स्कूल में पढ़ाई के दौरान उन्हें काफी भेदभाव का सामना करना पड़ा। चंद्रशेखर कहते हैं कि कई बार ऊंची जातियों के बच्चे हमें पीटते थे। जब हम इस बारे में प्रिंसिपल या टीचर से शिकायत करते थे तो वे उल्टा हमें ही डांटते थे।

How to meet Chandrashekhar Azad Ravan
Source-Google

पिता के साथ भेदभाव की कहानी

चंद्रशेखर आज़ाद के पिता गोवर्धन दास शिक्षक थे। आज़ाद के दो भाई हैं: बड़े भरत सिंह और छोटे कमल किशोर। आज़ाद कहते हैं कि शिक्षक होने के बावजूद मेरे पिता को जातिगत भेदभाव का सामना करना पड़ा। पहली बार उन्हें ऊंची जाति के गांव में भेजा गया। जब वे स्कूल गए तो लोग उनसे पूछने लगे, “मास्टर जी, आपका गिलास कहाँ है?” यहाँ आपको अपना गिलास अलग रखना पड़ता है। जब वे घर गए तो उन्होंने मुझे पूरी घटना के बारे में बताया, जिसे सुनकर मुझे बहुत बुरा लगा।

Chandrasekhar's father AIIMS story
Source: Google

वो दिन जिसे आज भी नहीं भूला पाए चंद्रशेखर

ANI को दिए एक इंटरव्यू में चंद्रशेखर आज़ाद ने 11  साल पहले हुई उस घटना का जिक्र किया हीसे वह आजतक नहीं भूले हैं। इंटरव्यू में उन्होंने बताया, ‘मेरे पिता को कैंसर था। मैं उन्हें एम्स में भर्ती कराना चाहता था, लेकिन मेरे पास कोई कॉन्टैक्ट या सिफारिश नहीं थी। मैंने बहुत भागदौड़ की, लेकिन मेरी पूरी कोशिशों के बावजूद मैं अपने पिता को एम्स में भर्ती नहीं करवा पाया। 11 जनवरी 2013 को देहरादून में मेरे हाथों उनकी मृत्यु हो गई। मैं आज भी उस घटना को नहीं भूल पाया हूँ। मैं अपने पिता की मदद करने में लाचार था और उस दिन से मैंने कसम खाई कि आज के बाद मैं अपने किसी भी प्रियजन को ऐसे नहीं जाने दूँगा। मैं अपनी गरीबी और लाचारी को इस मामले में कभी बाधा नहीं बनने दूँगा और मैं अपने परिवार के किसी भी सदस्य को ऐसे नहीं जाने दूँगा। जो मेरे पिता के साथ हुआ, मैं अपने किसी भी प्रियजन के साथ ऐसा नहीं होने दूँगा।’

और पढ़ें: सत्यशोधक समाज क्या था जिसके गठन के लिए ज्योतिबा फुले ने किया अपना जीवन समर्पित और ब्राह्मणवादी व्यवस्था को दी चुनौती

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds