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एक सरपंच से 5 बार मुख्यमंत्री बनने तक, ऐसी रही प्रकाश सिंह बादल की राजनीतिक यात्रा

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Parkash Singh Badal Passes Away: पंजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल का निधन हो गया है और उन्होंने 95 साल की उम्र में आखिरी सांस ली. प्रकाश सिंह बादल कई समय से मोहाली के फोर्टिस हॉस्पिटल की आईसीयू में भर्ती थे उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी और इस शिकायत के बाद एक हफ्ते पहले उन्हें मोहाली में फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जहाँ सोमवार को 8.30 बजे उनक निधन हो गया और उनके निधन पर केंद्र सरकार ने दो दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है.

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कई समय थे बीमार से प्रकाश सिंह बादल

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता को प्रकाश सिंह बादल जून 2022 में भी ‘गैस्ट्राइटिस’ और सांस लेने में परेशानी होने की शिकायत के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया था लेकिन कुछ समय बाद अस्पताल से उनकी छुट्टी हो गई थी।

सितंबर 2022 में फिर से सेहत बिगड़ने के बाद उन्हें PGI चंडीगढ़ में भर्ती कराया गया था. इससे पहले भी बादल पिछले साल जनवरी में कोरोना वायरस से संक्रमित हो गये थे और उन्हें लुधियाना के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन ठीक होने लके बाद उन्हें छुट्टी मिल गयी. वहीं हाल ही में फिर उनकी तबियत खराब हुई जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया और सोमवार को 8.30 बजे उनका निधन हो गया.

1947 में शुरू किया राजनीतिक सफर

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के वरिष्ठ नेता को प्रकाश सिंह बादल पंजाब राज्य के पांच बार मुख्यमंत्री रहे. 8 दिसंबर 1927 को श्री मुक्तसर साहिब के गांव में जन्में बादल ने गांव के सरपंच से का चुनाव लड़कर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। बादल ने साल 1947 में राजनीति शुरू की थी। उन्होंने सबसे पहले सरपंच का चुनाव लड़ा और जीत हासिल की और उस समय वो सबसे कम उम्र के सरपंच बने थे. इसके बाद उन्होंने 1957 में पहला विधानसभा चुनाव लड़ा और 1969 में उन्होंने दोबारा जीत हासिल की। 1969-70 तक वे पंचायत राज, पशु पालन, डेयरी आदि मंत्रालयों के मंत्री रहे।

25 सालों तक संभाली थी पंजाब की सत्ता

इसके अलावा वे 1970-71, 1977-80, 1997-2002 में पंजाब के मुख्यमंत्री बने। वे 1972, 1980 और 2002 में विरोधी दल के नेता भी बने। मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री रहते वे सांसद भी चुने गए। 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव लड़ने के बाद वे सबसे अधिक उम्र के उम्मीदवार भी बने  लेकिन ये चुनाव वो हार गए.

पत्नी की मृत्यु पर कैंसर मरीजों की मदद के लिए आए आगे 

24 मई 2011 को पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की पत्नी सुरिंदर कौर बादल का कैंसर से लंबी लड़ाई के बाद PGI में निधन हो गया था। वहीं पत्नी के निधन के बाद प्रकाश सिंह बादल ने कैंसर के खिलाफ मुहिम शुरू करी उन्होंने घर-घर में कैंसर के मरीजों को डायग्नोस करवाये गए. इतना ही नहीं, सरकारी अस्पतालों में कैंसर के इलाज में तेजी बादल के कारण ही संभव हुई थी। इसी एके साथ CM रिलीफ फंड भी प्रकाश सिंह बादल ने शुरू करवाया था। जिसमें कैंसर के मरीजों की फाइल पास होने के बाद उन्हें फाइनेंशियल सहायता दी गयी ताकि कैंसर से पीड़ित अपना इलाज करवा सकें।

2022 में हुआ राजनीतिक करियर खत्म

बादल 2022 में पंजाब विधानसभा का चुनाव हार गए थे जिसके बाद उनका राजनीतिक करियर खत्म हो गया क्योंकि ये उनकी पहली हार थी. वहीं इसके बाद ज्यादा उम्र होने की वजह से वो चुनाव लड़ना नहीं चाहते थे, लेकिन बेटे सुखबीर बादल के कहने और पंजाब में अकाली दल की दयनीय स्थिति को देखते हुए प्रकाश सिंह बादल चुनावी मैदान में उतरे थे लेकिन इस बार हार गए.

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