3 साल में ही सियासत से हो गया मोह भंग: अब IAS शाह फैसल ने लिया बड़ा फैसला!

Table of Content

2009 के संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) के टॉपर रहे जम्मू-कश्मीर के शाह फैसल (Shah Faesal) अचानक से  दोबारा नौकरशाही में लौटने को लेकर फिर से सुर्खियों में है। ऐसा लग रहा है जैसे 2009 बैच के जम्मू – कश्मीर कैडर के पूर्व आईएएस (IAS) अधिकारी शाह फैसल का तीन साल में ही राजनीति से बड़ी जल्दी मन भंग हो गया और वह जल्द से जल्द अपनी पुरानी नौकरी में आना चाहते हैं। हालांकि शाह फैसल की दोबारा कहां पोस्टिंग होगी, ये जानकारी फिलहाल पेंडिंग है। शाह फैसल ने इस खबर की पुष्टि बुधवार को एक बेहद संवेदनशील ट्वीट करके दी है। जिसमें उन्होनें उन तमाम वजहों का बड़ी बेबाकी से सीधे शब्दों में जिक्र किया है, जिसके कारण शाह फैसल दोबारा नौकरशाही में लौटना चाहते है। 

पूर्व IAS शाह फैसल ने अपने ट्वीट में लिखा है – ‘मेरे जीवन के आठ महीनों (जनवरी 2019-अगस्त 2019) ने इतना कचरा पैदा किया कि मैं लगभग समाप्त हो गया था। एक कल्पना का पीछा करते हुए, मैंने लगभग वो सब कुछ खो दिया, जो मैंने वर्षों में बनाया था। काम, मित्र, प्रतिष्ठा और सबकी सद्भावना खो दी, लेकिन मैंने कभी उम्मीद नहीं खोई।’

उन्होंने आगे लिखा- ‘मेरे आदर्शवाद ने मुझे निराश किया, लेकिन मुझे खुद पर भरोसा है कि मैं अपने द्वारा की गई गलतियों को दुरुस्त करूंगा। जीवन में मुझे एक और मौका मिलेगा। उन आठ माहों की यादों का एक हिस्सा मिट चुका है और मैं उस विरासत को पूरी तरह मिटाना चाहता हूं। इसका बहुत कुछ हिस्सा पहले ही खत्म हो गया है। बची बातों पर भी समय पोंछा मार देगा। ‘

शाह फैसल क्यों आए थे राजनीति में? 

शाह फैसल ने 2014 में देश की सत्ता में आई NDA की सरकार की ज्यादातर नीतियों का शुरू से ही विरोध करते थे। जब 2019 में नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से 5 Aug 2019 को धारा 370 को पूर्ण तरीके से निरस्त कर दिया,तब से शाह केंद्र सरकार पर और भी हमलावर हो गए थे। फैसल ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का सरकार के फैसले का विरोध किया था। इस फैसले के विरोध में शाह फैसल ने खुद को पुलिस के हाथों गिरफ्तार भी करवा लिया था, जिसकी चर्चाएं उन दिनों मीडिया में बहुत थी। 

शाह फैसल ने धारा 370 हटाने के फैसले पर कहा था कि आने वाले दिनों में सरकार का जल्दबाजी में वोटबैंक को मध्य नजर रख कर लिया गया। फैसला  भविष्य में सरासर गलत साबित होगा। केंद्र सरकार ने धारा 370 को हटाकर कश्मीर के लोगों के साथ अन्याय किया है। 

शाह फैसल ने देश में बढ़ रही अचानक असहिष्णुता को लेकर भी केंद्र सरकार पर तीखे हमले किए थे। केंद्र सरकार पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा था कि अचानक 2014 के चुनावी नतीजों के बाद से देश में ऐसा माहौल बन गया है। ऐसा माना जाता रहा है कि केंद्र सरकार के कुछ बड़े फैसले और सरकार की नीतियों के विरुद्ध आवाज उठाने के लिए शाह फैसल ने अपनी IAS की नौकरी एक झटके में छोड़कर राजनीति में कूद पड़े थे।

शाह फैसल ने अपनी राजनीतिक पार्टी बनाई

शाह फैसल ने 2019 के जनवरी में  IAS की नौकरी से इस्तीफा देने के बाद बहुत जल्द अपनी राजनीतिक पार्टी बनाने की घोषणा कर दी थी। शाह फैसल ने 2019 के मार्च में  ‘जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ (JKPM) के नाम से अपनी पार्टी बनाई थी। उन्होंने अपने गृह राज्य जम्मू-कश्मीर में विधान सभा चुनाव लड़ने की घोषणा पार्टी की थी। शाह फैसल का कहना था कि मैं जम्मू- कश्मीर की राजनीति में कुछ नया और अलग करना चाहता हूं, जो पहले नहीं हुआ है। 

शाह फैसल का केंद्र सरकार के प्रति अचानक नरम रुख

एक समय केंद्र सरकार की ज्यादातर नीतियों पर जमकर हल्ला बोलने वाले शाह फैसल का बीते कुछ महीनों में केंद्र सरकार के प्रति नरम रुख देखने को मिला है। हाल के दिनों में शाह फैसल केंद्र सरकार की नीतियों का समर्थन करते हुए नजर आ रहे है। वो अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल की तारीफ करते हैं। शाह फैसल ट्विटर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के ट्वीट्स को साझा भी करते हैं। 

ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि अचानक शाह फैसल के केंद्र सरकार के प्रति नरम रुख के पीछे जम्मू – कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का बहुत बड़ा हाथ है। ऐसा कहा जाता है कि शाह फैसल जम्मू – कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के बेहतरीन काम और नीतियों से बीतें कुछ महीनों में बहुत प्रभावित हुए। जिसके बाद से अटकलें लग रही हैं कि वो जम्मू – कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के टीम का महत्वपूर्ण हिस्सा बन सकते हैं। चर्चाएं तो ऐसी भी चल रही हैं कि आने वाले दिनों में उन्हें केंद्र सरकार की ओर से जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा का सलाहकार बनाया जाएगा।

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds