जिस फिल्म के लिए लोग चप्पल उतारकर थिएटर जाते थे, उसे आज तक क्यों माना जाता है मनहूस?

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जिस फिल्म ने कई लोगों की आर्थिक हालात को ठीक कर दिया, जिस फिल्म की लोग थिएटर में भी पूजा करते थे, जो बनी तो केवल 12 लाख में थी लेकिन तब उस फिल्म ने 25 करोड़ से भी ज्यादा का कारोबार किया था। जिसे देखने से पहले लोग थिएटर में चप्पल उतार कर जाते थे… इस एक फिल्म के साथ इतनी सारी खासियत जुड़ने के बाद भी इस फिल्म को सभी मनहूस कहते है। ये फिल्म थीं 1975 की दूसरी सबसे बड़ी सुपरहिट फिल्म जय मां संतोषी। ये फिल्म शोले के टक्कर की थी, लेकिन फिर भी आज के समय में इस फिल्म को अब तक सबसे मनहूत फिल्म कहा जाता है। आखिर क्या है वजह, जिस कारण एक सुपरहिट फिल्म मनहूस फिल्म बन गई? आइए जानते हैं…

इसे बनाने की कहानी भी फिल्मी है…

दरअसल संतोषी मां फिल्म को बनाने के पीछे की कहानी बेहद ही फिल्मी है। इस फिल्म के निर्माता सतराम रोहरा ने फिल्म को बनाने का फैसला किया। हुआ यूं कि सतराम रोहरा की कोई संतान नहीं थी। वो तहे दिल से चाहते थे उन्हें एक संतान हो। सतराम रोहरा की पत्नी ने संतान के लिए माता संतोषी का व्रत करना शुरू कर दिया, और इसी दौरान वो गर्भवती हो गई। गर्भवस्था के दौरान सतराम रोहरा ही अपनी पत्नी को संतोषी मां की कथा सुनाते थे। उनके घर में बेटी ने जन्म लिया और सतराम रोहरा ने कुछ इस तरह संतोषी मां को लेकर फिल्म बनाने का फैसला किया।

सुपरहिट हुई थी फिल्म, लेकिन…

उस वक्त में संतोषी माता को ज्यादा लोग जानते भी नहीं थे। फिल्म शुरू हुई और इसमें संतोषी मां के किरदार के लिए अनिता गुहा को लिया गया। अनिता गुहा को इस फिल्म के बाद देवी मानकर लोग पूजते थे। सतराम गुहा ने फिल्म का निर्माण शुरू किया और ये तब 12 लाख रुपये में बनकर तैयारी हुई थी।

उस दौरान केवल एक्शन फिल्मों का दौर था। संतोषी मां के साथ सुपरहिट ब्लॉकबस्टर फिल्म शोले रिलीज हुई थीं। संतोषी मां शोले के आगे फीकी पड़ा और फिल्म ने पहले 4 शो में 400 रुपये की भी कमाई नहीं की, लेकिन सोमवार को कहानी बदल गई। लोग बैलगाड़ियों से फिल्म देखने पहुंचने लगे। यहां तक कि सिनेमाघरों में प्रसाद और भोग लेकर आते और चप्पल उतारकर हॉल में जाते थे। लोग जो पैसा फेंकते थे फिल्म के खत्म होने के बाद, उसकी वजह से कई लोगों की आर्थिक हालात सुधर गए थे।

एक्टर से प्रोड्यूसर तक सबको पड़ी भारी

लेकिन इतनी कमाई करने वाली ये फिल्म… कलाकारों और निर्माता के लिए बेड लक साबित हुई। फिल्म के निर्माता सतराम वोहरा ने खुद को दिवालियां घोषित कर दिया। उनके भाइयों ने फिल्म की कमाई का सारा पैसा लूट लिया। इतना ही नहीं संतोषी मां के नाम से फेमस हुई अनिता गुहा भी बड़ी स्टार बन गई थीं, लेकिन इस फिल्म के बाद अनिता गुहा को सफेद दाग हो गए और उन्होंने घर से बाहर आना ही बंद कर दिया। इसी के साथ अनिता गुहा के पति माणिक दत्त की असमय मौत हो गई, जिसके बाद अनिता गुहा फिल्मों से दूर हो गई।

फिल्म के वितरक केदारनाथ अग्रवाल के पास भी फिल्म की कमाई का कोई पैसा नहीं पहुंचा और बाद में उन्हें लकवा मार गया। इसके अलावा फिल्म के अभिनेता आशिष कुमार और केदारनाथ अग्रवाल के साथी संदीप सेठी के बीच पैसों को लेकर काफी विवाद रहा था। इतना ही इस फिल्म के बाद संतोषी मां पर बनी कोई और फिल्म चली ही नहीं। ये फिल्म भले ही बड़ी हिट साबित हुई हो, लेकिन इस फिल्म के बाद इससे जुड़े लोगों की जिंदगियों में बड़ा तूफान आया..जिसके कारण ही इस सुपरहिट फिल्म को मनहूस कहा जाता है।

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