प्रेग्नेंट महिलाएं समेत ये लोग गलती से भी ना लगवाएं कोरोना की वैक्सीन, जानिए वजहें

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देश में कोरोना वैक्सीनेशन का तीसरा फेज शुरू होने जा रहा है। 1 मई से 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगाई जाएगी। कोरोना की दूसरी लहर ने देश में भयंकर तबाही मचाई हुई है। इस लहर से सबसे ज्यादा खतरा युवाओं को ही हो रहा है, जिसके चलते सरकार ने 18 से ऊपर के लोगों के वैक्सीनेशन को मंजूरी दी।

 देश में फिलहाल दो कोरोना वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन। वैसे तो लोगों से बढ़ चढ़कर वैक्सीनेशन के इस अभियान में हिस्सा लेने की अपील की जा रही है, लेकिन ऐसे कई लोग होते हैं, जिनको वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। ऐसा करने से उनको नुकसान भी हो सकता है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि आखिर किन किन लोगों को कोरोना वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए…

– प्रेग्नेंट महिलाएं या फिर ब्रेस्ट फीडिंग करने वाले महिलाओं को कोरोना वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। इसकी ये वजह है कि प्रेग्नेंट और ब्रेस्ट फीडिंग करने वाली महिलाओं में वैक्सीन का ट्रायल नहीं हुआ। इसलिए वैक्सीन का उन पर क्या असर होगा, इस पर कुछ स्पष्ट नहीं कहा जा सकता है। 

– बच्चों के लिए ये वैक्सीन नहीं है, तो उनको गलती से भी ना लगवाएं। बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल नहीं हुआ।   

– कोवैक्सीन ने अपनी फैक्टशीट में बताया है कि उन लोगों को वैक्सीन के किसी विशेष इनग्रिडिएंट से एलर्जी हो तो उनको वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए। वहीं किसी व्यक्ति को वैक्सीन का पहला डोज देने के बाद एलर्जिक रिऐक्शन दिखे तो ऐसे लोगों को भी वैक्सीन नहीं लेनी चाहिए। इसको लेकर डॉक्टर से सलाह करें। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति गंभीर बीमारी का शिकार है, तो वो भी डॉक्टर की सलाह के बिना वैक्सीन ना लगवाएं। 

– अगर किसी व्यक्ति में कोरोना के एक्टिव लक्षण बुखार, खांसी दिख रहे हो, तो वो वैक्सीन ना लगवाएं। कोरोना संक्रमण से पूरी तरह ठीक होने के 4 से 8 हफ्ते बाद ही वैक्सीन लगवानी चाहिए। 

– इसके अलावा किसी व्यक्ति को बुखार, ब्लीडिंग डिसऑर्डर हो या फिर कोई मरीज खून को पतला करने वाली दवा ले रहा हो तो उसको भी कोरोना वैक्सीन लेने से बचना चाहिए। 

– जिन कोरोना मरीजों का इलाज प्लाज्म थेरेपी या एंटीबॉडीज की मदद से हो रहा हो, उन्हें रिकवर होने के 4 से 8 हफ्ते बाद वैक्सीन लेनी चाहिए। 

– इस बात का भी खास ध्यान रखें कि जिस वैक्सीन की पहली डोज ली हो, उसी की दूसरी डोज भी लगवाएं। यानि अगर आपने पहली डोज कोवैक्सीन की ली हो, तो दूसरी डोज में ही कोवैक्सीन ही लगवाएं, कोविशील्ड नहीं। 

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