‘3 बार मारने की हुई कोशिश, डोसे की चटनी में मिलाया जहर’, ISRO के टॉप वैज्ञानिक ने ये खुलासा कर चौंकाया

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के एक बड़े वैज्ञानिक ने एक बहुत बड़ा दावा करके हर किसी को चौंका दिया। ISRO के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. तपन मिश्रा ने खुलासा करते हुए बताया कि उनको तीन सालों में तीन बार जहर देकर मारने की कोशिश हुई। उन्होनें मंगलवार को अपने फेसबुक अकाउंट पर ये सनसनीखेज खुलासा किया। साथ ही मिश्रा ने इस मामले में सरकार से जांच करने की भी मांग की।

‘हेडक्वार्टर में जहर दिया गया’

एक काफी लंबी फेसबुक पोस्ट कर बताया कि काफी दिनों तक उन्होनें इसको रहस्य रखा। लेकिन कई तरह की चुनौतियों को देखते हुए इसको अब सार्वजनिक करना पड़ रहा है। तपन मिश्रा के मुताबिक 23 मई 2017 को पहली बार बेंगलुरु हेडक्वार्टर में प्रमोशन इंटरव्यू के दौरान उनको ऑर्सेनिक ट्राइऑक्साइड दिया था।

उन्होनें बताया कि लंच के बाद नाश्ते में डोसे के साथ चटनी में उनको जहर मिलाकर दिया गया। उनको लंच पसंद नहीं आया, जिसके चलते चटनी के साथ थोड़ा सा डोसा खाया। इस वजह से केमिकल पेट में टिका नहीं। लेकिन इसके चलते दो साल तक काफी ब्लीडिंग हुई।

तपन मिश्रा ने आगे बताया कि उन पर दूसरा हमला चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग से दो ही दिन  पहले हुआ था। 12 जुलाई 2019 में भी उनको जान से मारने की कोशिश की गई, उनको हाइड्रोजन साइनाइड दिया गया। लेकिन इस दौरान NCG अफसर की वजह से  उनकी जान बच गई। हाईसिक्योरिटी वाले घर में सुरंग बनाकर जहरीले सांप छोड़े भी छोड़े गए।

आगे उन्होनें  बताया कि सितंबर 2020 में आर्सेनिक देकर उनको मारने की कोशिश की गई। जिसके बाद उनको सांस की गंभीर समस्या, चमड़ी निकलना, न्यूरोलॉजिकल और फंगल इंफेक्शन जैसी परेशानियां होने लगीं।

इस वजह से डायरेक्टर के पद से हटाया गया

तपन मिश्रा ने बताया कि अहमदाबाद के ISRO स्पेस एप्लीकेशन सेंटर में 2018 में 3 मई को धमाका हुआ, जिसमें मैं बच गया। इस धमाके में 100 करोड़ रुपये की लैब बर्बाद हो गई। जुलाई 2019 में एक भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर ने मुझे मुंह बंद रखने को कहा और इसके बदले में मेरे बेटे को अमेरिकी इंस्टीट्यूट में एडमिशन का ऑफर दिया, जब मैनें ऐसा करने से इनकार कर दिया, तो मुझे वहां डायरेक्टर के पद से हटा दिया गया।

‘…हो सकता हैं बाहरी ताकतों का हाथ’

तपन मिश्रा ने कहा कि उन्हें नहीं मालूम की इन सबके पीछे कौन है। लेकिन उन्होनें ये कहा कि कुछ बाहरी ताकतें ऐसी हैं, जो ये नहीं चाहती कि ISRO और इसके वैज्ञानिक आगे बढ़ें। उन्होनें कहा कि इस तरह के हमलों का उद्देश्य कमर्शल और सैन्य महत्व के उपकरण बनाने वाले वैज्ञानिकों को रास्ते से हटाने का हो सकता है। इस दौरान उन्होनें डॉ. विक्रम साराभाई की रहस्यमयी मौत का भी हवाला दिया।

ISRO वैज्ञानिक ने आगे ये भी बताया कि 2017 जुलाई में गृह विभाग के सुरक्षा अधिकारी उनको आर्सेनिक के खतरे से सावधान कर चुके हैं। बता दें कि तपन मिश्रा जनवरी में रिटायर होने वाले हैं और इससे पहले अब उन्होनें ये हैरान कर देने वाला खुलासा किया है।

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