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क्यों 21 जून को ही मनाया जाता है योग दिवस? क्या आप जानते हैं इसके पीछे की वजह?

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अपने स्वास्थ्य को लेकर हमें कितना सतर्क रहने की जरूरत है..ये तो कोरोना काल में हमें मालूम हो ही गया। कोरोना वायरस ने लोगों को फिट और अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक रहना सीखा दिया। खुद को स्वस्थ रखने के लिए शारीरिक के साथ-साथ मानसिक फिटनेस भी काफी जरूरी होती है और इसमें एक बड़ी भूमिका निभाता है योग। 

योग को स्वस्थ जीवनशैली का एक अहम हिस्सा माना जाता है। तनाव को कम करना हो या फिर रोगों से छुटकारा पाना…योग इन सबमें हमारी मदद करता है। कोरोना काल में योग का महत्व बढ़ गया है। दुनियाभर में योग को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल मनाया जाता है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस। ये 21 जून को मनाया जाता है। योग दिवस साल 2015 से मनाया जा रहा है और सोमवार को 7वां अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। 

क्यों 21 जून को मनाया जाता है योग दिवस?

ये तो हम सभी जानते हैं कि 21 जून को योग दिवस के रूप में हम बीते 7 सालों से मनाते आ रहे हैं, लेकिन इसके लिए यही तारीख क्यों चुनी गई? क्यों हर साल 21 जून को ही अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है? क्या आपको इसके पीछे की वजह मालूम है? अगर नहीं, तो आइए हम आपको इसके बारे में बताते हैं…

दरअसल, 21 जून को योग दिवस मनाने के पीछे की वजह है इस दिन का लंबा होना। ये तो हम जानते ही हैं कि पूरे साल में 21 जून सबसे लंबा दिन होता है, जो मनुष्य के दीर्घ जीवन को दर्शाता है। इसके अलावा इस दिन सूर्य जल्दी उदय होता है और देर से ढ़लता है। यही वजह है योग दिवस 21 जून को मनानी की। 

योग दिवस मनाने की शुरूआत कैसे हुई?

इसकी शुरूआत मोदी सरकार की पहल से ही हुई। दरअसल, पीएम मोदी ने  संयुक्त राष्ट्र महासभा के अपने संबोधन में अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने का आह्मान किया था। इस संबोधन में पीएम मोदी ने योग का महत्व दुनिया को समझाया था। इसके बाद 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने पूरी दुनिया में योग दिवस मनाने का ऐलान किया था। पहला योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इसके बाद से हर साल अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जा रहा है। 

इस बार की क्या है थीम?

हर साल योग दिवस पर एक नई थीम रखी जाती है। 2015 में जब पहली बार योग दिवस मनाया गया था, तब इसकी थीम थी ‘सद्भाव और शांति के लिए योग’। वहीं 2016 में युवाओं को योग के लिए जागरूक करने को लेकर थीम रखी थीं। ये थीं ‘युवाओं को कनेक्ट करें।’ फिर 2017 में ‘स्वास्थ्य के लिए योग’ और 2018 में ‘शांति के लिए योग’ थीम रखी गई। 

इसके बाद 2019 में योग के साथ पर्यायवरण को जोड़ने की कोशिश हुई और इसके लिए थीम रखी गई ‘पर्यायवरण के लिए योग’। इसके बाद 2020 में जब कोरोना महामारी का साया दुनियाभर पर मंडरा रहा था, तब थीम थीं ‘सेहत के लिए योग- घर से योग’। अब बात अगर इस साल यानि 2021 की थीम की करें तो इस बार ‘स्वास्थ्य के लिए योग’ थीम रखी गई है। 

वैसे तो योग दिवस पर कई सार्वजनिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है और बड़ी संख्या में लोग एक साथ जुटकर योग करते हैं। लेकिन पिछले साल की तरह इस साल भी कोरोना महामारी का साया देश और दुनिया पर अब तक मंडरा रहा है। इसलिए डिजिटल, वर्चुअल माध्यमों के जरिए ही कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। हर साल की तरह पीएम मोदी इस साल भी देश की जनता को योग दिवस पर संबोधित करेंगे। उनका संबोधन सुबह साढ़े 6 बजे होगा। 

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