आखिर क्यों राक्षसों के नाम पर रखे गए हैं देश के कई बड़े शहरों के नाम?

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Indian Cities Demons Name – भारत में शहरों, अस्पतालों, और स्कूलों-कालेजों के नाम समाज में अच्छे काम करने वाले महापुरुषों या उस जगह जगह पर अवतारिक देवी देवता के नाम से रखे गए हैं. देश भर में आपने आजादी के क्रांतिकारियों से लेकर महापुरुषों और राजनेताओं के नाम पर कई स्कूल संस्थाए और सडकें देखि होंगी. और ये नार्मल सी बात है कि भारत जैसे हिन्दू राष्ट्र में भगवान की ढेर सारी कथाएँ प्रचलित हैं. और इनके नाम पर भी कई गाँव, शहर और कस्बों के नाम है.

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लेकिन आज हम जो बताने जा रहे हैं उसके बारे में जानकर आपके कान खड़े हो जाएंगे हो सकता है हंसी के ठहाके भी लगा दें. आज हम बताएँगे देश के कुछ ऐसे शहरों के नाम जिनका नाम राक्षसों के नाम पर है. हंसी जरूर आएगी लेकिन जरा सोंच कर हँसना क्योंकि इसमें आपके शहर का भी नाम हो सकता है. तो चलिए जानते हैं उन शहरों के बारे में कि कैसे उनका नाम पड़ा?

मैसूर, कर्नाटक (Mysore, Karnataka)

मैसूर, कर्नाटक का एक ऐतिहासिक शहर है. जिसका नाम ‘महिषासुर’ राक्षस नाम के एक राक्षस के नाम पर पड़ा है. महिषासुर के समय इसे महिषा-ऊरु कहा जाता था. फिर महिषा-ऊरु बाद में महिषुरु कहा जाने लगा. महिशुरु पर राक्षस महिषासुर का शासन था, लेकिन चामुंडेश्वरी देवी ने लोगों की रक्षा के लिए राक्षस का वध कर दिया था. इसके बाद कन्नड़ में इसे मैसुरु कहा गया, जो अब मैसूर के रूप में फ़ेमस हो गया है. मैसूर की ‘चामुंडी पहाड़ी’ की चोटी पर महिषासुर (Mahishasura Statue) की एक विशाल मूर्ति भी बनाई गई है.

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Gaya, Bihar – Indian Cities Demons Name

गया बिहार का दूसरा सबसे बड़ा शहर है. इसका नाम भी ‘गयासुर’ नाम के राक्षस के नाम पर पड़ा है. भगवान ब्रह्मा से मिले वरदान के चलते ‘गयासुर’ को देवताओं से भी अधिक पवित्र माना जाता था. इसे देखने और छूने से ही लोगों के पाप दूर हो जाते और वो स्वर्ग चले जाते.

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इस दौरान जब असुर भी स्वर्ग पहुंचने लगे तो इसे रोकने के लिए भगवान नारायण ने ब्रह्मा जी के ज़रिए यज्ञ के लिए ‘गयासुर’ से उसकी देह मांग ली और गयासुर ने अपना देहदान कर दिया. कहते हैं कि पूरा गया शहर इस राक्षस के पांच कोस का शरीर है. इसलिए ऐसी मान्यता के चलते लोग यहां अपने पितरों के तर्पण के लिए आते हैं.

जालंधर, पंजाब (Jalandhar, Punjab)

आपको हमने जालंधर के बारे में कई सारी बाते बताईं और इसकी एतिहासिक विरासत के बारे में भी बताया है और आज फिर एक बार फिर इसका जिक्र आया है. पंजाब का सबसे पुराना शहर है जालंधर. इसका नाम ‘जलंधर’ राक्षस के नाम पर पड़ा है. प्राचीन काल में ये शहर ‘जलंधर राक्षस’ की राजधानी हुआ करती थी.

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ये वही राक्षस था जिसकी पत्नी वृंदा के पतिव्रत के कारण उसे कोई नहीं मार सकता था. बाद में भगवान विष्णु ने वृंदा का पतिव्रत भंग कर ‘जलंधर राक्षस’ का वध किया था. हिन्दू मान्यताओं के मुताबिक़ लुक लोग जालंधर शहर को भगवान राम के बेटे लव की राजधानी भी बताते हैं.

तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु (Tiruchirappalli, Tamil Nadu)

तिरुचिरापल्ली, तमिलनाडु का जिला और शहर दोनों है. इसका नाम ‘थिरिसिरन’ राक्षस के नाम पर पड़ा है. ये शहर पहले थिरि-सिकरपुरम के नाम से जाना जाता था. कहा जाता है कि कावेरी नदी के किनारे पर बसे इसी शहर में ‘थिरिसिरन’ राक्षस ने भगवान शिव की तपस्या की थी. इसी वजह से इस शहर का नाम थिरि-सिकरपुरम पड़ा, जो बाद में थिरि-सिकरपुरम से थिरिसिरपुरम हुआ और फिर अंत में तिरुचिरापल्ली. इस शहर को ‘त्रिची’ भी कहा जाता है.

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कुल्लू घाटी, हिमाचल प्रदेश (Kullu Valley, Himachal Pradesh)

हिमाचल प्रदेश की रानी ये कुल्लू घाटी अपने सुन्दरता और यहाँ आने वाले लाखों की संख्या में टूरिज्म के लिए पूरी दुनिया भर में फेमस है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी की इसका नाम भी ‘कुलांत’ नाम के एक राक्षस के नाम पर पड़ा है. पुराने समय में इस जगह’ का नाम ‘कुलंथपीठ’ हुआ करता था. जिसका मतलब होता है रहने लायक दुनिया का अंत.

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ऐसा कहा जाता है कि एक दिन ‘कुलान्त’ राक्षस अजगर बन कुंडली मार कर ब्यास नदी के रास्ते में बैठ गया. ऐसा करके वो पानी में डुबोकर दुनिया का अंत करना चाहता था. जब भगवान शिव को इसका पता तो उन्होंने इस राक्षस का वध कर दिया. मरने के बाद ‘कुलान्त’ राक्षस का पूरा शरीर पहाड़ में बदल गया जिसे आज ‘कुल्लू घाटी’ के नाम से जानते हैं.

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