क्या अमीर होने के कारण सीएम बनते बनते रह गए डीके शिवकुमार? ये रहा उनकी पूरी संपत्ति का ब्योरा

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DK Shivkumar Networth – कर्नाटक चुनाव में मिली जीत के बाद से ही कांग्रेस में में मुख्यमंत्री पद को लेकर हलचलें तेजी से बढ़ रही थी थी तमाम तरह की अटकलें लगायी गई थी सिद्धारमैया मुख्यमंत्री बनेंगे या फिर डी के शिवकुमार. दोनों ही नेताओं ने अपने विधायकों को बुलाकर बैठके भी की जिसके बाद भी ये तय नहीं हो पाया चूंकि शिवकुमार काफी शुरुआत से ही कर्नाटक के कांग्रेस अध्यक्ष में अपनी सेवा दे रहे हैं. इसलिए उनका भी मुख्यमंत्री मैदान में उतरना लाज़मी था. जब बात आपस में नहीं सुलझी तो तो इन्हें दिल्ली बुलाया गया. अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड्गे से मिले राहुल गांधी से मिले तो ये तो कन्फर्म हो गया कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया होंगे लेकिन अब डी के शिवकुमार को मनाना मुश्किल हो गया.

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उन्हें स्प्लिट लीडिंग का आप्शन दिया गया के ढाई साल एक और ढाई साल एक मुख्यमंत्री रहेगा लेकिन बात नहीं बनी जिसके बाद इसका फैसला शिमला में बैठी आलाकमान सोनिया गांधी ने ऑनलाइन वीडियो कांफ्रेंस के जरिए किया  और आने लोकसभा चुनाव को मद्दे नज़र रखते हुए सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री और शिवकुमार को उप मुख्यमंत्री चुना. शिवकुमार को क्यों नहीं चुनाव गया इसके कुछ वजहों के बारे में हमने आपको इससे पहले वाले लेख में बताया था लेकिन आज के लेख में उस एक खास वजह का जिक्र करेंगे जिसके चलते उन्हें बतौर सीएम नहीं चुना गया.

‘भ्रष्टाचारी नेता की छवि’

दरअसल करनाटक कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर बैठे शिवकुमार के मामले इतने आसान नहीं है. उनके पास आय से ज्यादा इनकम सीबीआई, ईडी, जैसे विभागों में तमाम भ्रष्टाचार के केस पड़े हुए हैं जो बतौर एक नेता एक मुख्यमंत्री की छवि के रूप में पार्टी पर गलत असर डालता. वहीँ अगर सिद्धारमैया की बात करें तो आजतक उनपर कोई भी भ्रष्टाचार का केस नहीं लगा है और कहीं न कहीं शिवकुमार से ज्यादा वो एक जमीन से जुड़े नेता हैं.

हालिया चुनावों में दिए हलफनामे के मुताबिक उन पर 19 मामले लंबित हैं. इनमें मनी लॉन्ड्रिंग और बेहिसाब संपत्ति का मामला तक है. कांग्रेस की दिक्कत है कि अगर उन्हें सीएम बनाया जाता है तो बीजेपी उनके खिलाफ मुकदमों को लेकर कांग्रेस पर न सिर्फ हमलावर हो सकती है. ऐसे में हाल ही में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर बीजेपी को घेरकर चुनाव जीतने वाली कांग्रेस की खासी किरकिरी होगी.

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सितंबर 2018 में शिवकुमार, नई दिल्ली में कर्नाटक भवन के एक कर्मचारी ए हनुमंथैया और अन्य लोगों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज किया था. यह मामला कथित कर चोरी और हवाला लेन-देन के लिए बेंगलुरु की एक अदालत के समक्ष शिवकुमार और अन्य के खिलाफ दाखिल आयकर विभाग के आरोपपत्र पर आधारित था.

क्या रॉयल अंदाज़ और अमीरी है मुख्यमंत्री न बनने की असल वजह?

डीके शिवकुमार ने जब अपना पहला चुनाव लड़ा था, तब इसके लिए उन्हें अपनी गिरवी रखनी पड़ी थी लेकिन इस बार हर साल उनकी संपत्ति में इजाफा होता गया. आज डीके शिवकुमार कर्नाटक के सबसे अमीर नेताओं में से एक हैं.

DK Shivkumar Networth – डीके शिवकुमार की कुल संपत्ति, कैश, जमीनें, सोना, कारें और अन्य ऐसेट्स की बात करें तो ये कुल मिलाकर अरबों में है. चुनाव आयोग को दिए गए अपने हलफनामे में डी के शिवकुमार ने बताया है कि उनके पास कुल 1,413 करोड़ रुपये की संपत्ति है. इनमें कई बैंक खाते, जमीनें, प्लॉट, बॉन्ड्स, सोने-हीरे के गहने आदि शामिल हैं. कई लग्जरी गाड़ियां भी शिवकुमार के काफिले में है.

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डीके शिवकुमार की नेटवर्थ में पिछले पांच सालों में 68 फीसदी का उछाल देखा गया है. साल 2018 में दी गई जानकारी के मुताबिक शिवकुमार के पास 840 करोड़ रुपये की संपत्ति थी और ये 2013 के मुकाबले दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ी थी. चुनाव आयोग को दिए हलफनामे में उन्होंने बताया है कि उनके पास 12 बैंक अकाउंट हैं जिनमें से कुछ उनके भाई डीके सुरेश द्वारा संयुक्त रूप से प्रबंधित किए जाते हैं. कुल ऐसेट्स 1413 करोड़ रुपये के हैं, साथ ही उनके लोन का अमाउंट 225 करोड़ रुपये का है.

DK Shivkumar Networth in Hindi – ऐसे में ये कहाँ गलत नहीं होगा कि इनका शाही अंदाज़ और इनकी अमीरियत से कहीं न कहीं कांग्रेस को आने वाले लोकसभा चुनाव में कर्नाटक का इनका नेतृत्व घाटे का सौदा करवाता. क्योंकि वो जनता तक पहुँचने में कामयाब नहीं होते. बतौर नेता जो एक राजनीतिक छवि होती है वो होती है कि जनता से जुड़ना और उनकी परेशानियों को जाना और सिद्धारमैया एक जन नेता के रूप में जाने जाते हैं जिसकी वजह से इन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर चुना गया.

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