दो रुपये और दो मुट्ठी चावल से फूलबासन बाई ने ऐसे तय किया पद्मश्री का सफ़र

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फूलबासन बाई यादव (Phoolbasan Bai yadav )  एक महिला,  एक माँ  और आज के युग की कर्मवीर जिसने ये बताया है कि वक़्त के साथ अपने बुरे हालात को बदला जा सकता है. फूलबासन बाई यादव वो महिला है जो इस समय हर किसी के लिए एक मिशाल है और उनके  द्वारा किए गये काम  से उन्हें भारत सरकार ने पद्मश्री से भी सम्मानित किया है।

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छत्तीसगढ़ से ताल्लुक रखती है फूलबासन बाई


फूलबासन बाई यादव छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के राजनांदगांव (Rajnandgaon) जिले के छोटे से गांव सुकुलदैहान की रहने वाली है और सिर्फ 5वीं तक ही पढ़ी है। राजनांदगांव जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर सुकुलदैहान गांव में 5वीं पास फूलबासन बाई यादव शादी करके आई थी।

कम उम्र में शादी और उसके बाद गरीबी के हालात जिसकी वजह से फूलबासन को कई दिन भूखा भी रहना पड़ता था। जिसके बाद उन्होने अपने हालात को बदलने की ठानी और अपनी मेहनत और लगन से अपना बुरे वक़्त को बदल दिया. 

दो रुपये और दो मुट्ठी चावल से शुरू किया सफ़र

रिपोर्ट एक अनुसार, फूलबासन बाई कहती हैं कि बचपन में पढ़ाई करने की काफी इच्छा थी, लेकिन गरीबी के चलते ये सपना ही रह गया। बड़ी मुश्किल से 5वीं तक की पढ़ाई हो पाई। 13 साल की उम्र में मैं ससुराल आ गई। यहां भी मैंने गरीबी देखी। फिर कुछ करने की इच्छा मन में जागी और महिला समूह की शुरुआत की। मैंने दो रुपये और दो मुट्ठी चावल से सफ़र शुरू किया और  2001 में 10 महिलाओं के साथ स्व सहायता समूह की शुरुआत की थी और आज इस महिला समूह से दो लाख महिलाएं जुड़ गई हैं 

फूलबासन बाई ने लाखों महिलाओं को दिया राजगार

गांव में रहने वाली और 5वीं पास फूलबासन कड़ी मेहनत करके एक महिला समूह बनाया जो अब लाखों महिलाओं को राजगार दे रहा है। फूलबासन बाई मां बम्लेश्वरी स्व सहायता समूह की अध्यक्ष हैं। इनके इस महिला समूह में दो लाख से अधिक महिलाओं का समूह काम कर रहा है। 

5वीं पास फूलबासन को मिला पद्मश्री 


5वीं पास फूलबासन यादव बाई डेयरी, बकरी पालन,मच्छली पालन, खाद कम्पनी चला रही हैं और लाखों महिलाओं को रोजगार दे रही हैं। इसके साथ ही वे नशामुक्ति और खुले में शौच को लेकर भी अभियान चलाती हैं। वहीं उनके द्वारा किये गये काम को लेकर भारत सरकार ने फूलबासन बाई को 2012 में पद्मश्री (Padma Shri) से सम्मानित किया। साथ ही छत्तीसगढ़ सरकार  (Government of Chhattisgarh) ने जनाना सुरक्षा योजना नामक प्रसूति कार्यक्रम के लिए उन्हें अपना ब्रांड एंबेसडर बनाया था। साल 2014 में महावीर फाउंडेशन पुरस्कार से भी सम्मानित किया ।

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