Sikhism in Wales: वेल्स में सिख धर्म का संघर्ष, सांस्कृतिक समावेशिता और अस्थि विसर्जन स्थल की स्थापना से समृद्धि तक का सफर

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Sikhism in Wales: वेल्स में सिख धर्म का आगमन एक दिलचस्प और प्रेरणादायक कहानी है, जो चकाचौंध से भरी एक नई पहचान और संघर्ष की दास्तान को बयां करता है। 2021 की जनगणना के आंकड़े बताते हैं कि वेल्स में 4,048 सिख रहते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस छोटे से समुदाय ने वेल्स में अपनी गहरी छाप कैसे छोड़ी? सिख धर्म का वेल्स में सफर उतना आसान नहीं था, जितना यह अब दिखता है। इस सफर में कई उतार-चढ़ाव, संघर्ष और अनकही कहानियाँ छिपी हैं, जो आज इस समुदाय को वेल्स में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाने में कामयाब रही हैं। तो चलिए, जानते हैं इस आकर्षक और अनोखे सफर के बारे में, जो केवल आंकड़ों से कहीं ज्यादा है।

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सिख धर्म का आगमन और समुदाय का विकास- Sikhism in Wales

वेल्स में सिख समुदाय की शुरुआत 20वीं सदी में हुई। पहली बार सिखों का आगमन ब्रिटिश द्वीपों में पंजाब से हुआ था। शुरू में, सिखों ने मुख्यतः वाणिज्यिक गतिविधियों में हिस्सा लिया, जैसे कि दरवाजे-दरवाजे सामान बेचना। 1950 के दशक के बाद, वेल्स में सिख समुदाय का विस्तार हुआ, और इस दौरान उन्होंने स्थायी रूप से वेल्स में बसने का निर्णय लिया। 2011 की जनगणना के अनुसार, वेल्स में 2,962 सिख थे, जो जनसंख्या का 0.1% थे। 2021 में सिखों की संख्या बढ़कर 4,048 हो गई।

धार्मिक स्थल का निर्माण

1989 में कार्डिफ़ में पहला सिख गुरुद्वारा खोला गया था, जो समुदाय के लिए एक बड़ा मील का पत्थर था। इससे पहले, सिख समुदाय अस्थायी स्थानों पर मिलकर पूजा करता था। कार्डिफ़ में गुरुद्वारा श्री दसमैस सिंह सभा की स्थापना के साथ, वेल्स में सिख धर्म को एक स्थायी स्थान मिला। यह गुरुद्वारा वेल्स में पहला और ब्रिटेन का तीसरा सिख धार्मिक स्थल था।

Sikhism in Wales
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सिख समुदाय की चुनौतियां और संघर्ष

वेल्स में सिखों को कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। 2000 में, पोर्ट टालबोट में एक लोकप्रिय सिख व्यक्ति की हत्या एक नस्लीय हमले के परिणामस्वरूप हुई थी। इसके अलावा, 2008 में एक प्रमुख घटना हुई, जब एबर्डेयर गर्ल्स स्कूल में एकमात्र सिख छात्रा को स्कूल से बाहर कर दिया गया क्योंकि उसने अपने कड़ा (सिखों का धार्मिक आभूषण) को हटाने से मना कर दिया था। हालांकि, उच्च न्यायालय ने बाद में स्कूल के फैसले को गलत ठहराया। इन घटनाओं ने सिख समुदाय में असंतोष और असुरक्षा की भावना को जन्म दिया।

अस्थि विसर्जन स्थल की स्थापना

इन सब के बीच, 2021 में वेल्स में हिंदू और सिख समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण घटना घटी, जब उन्हें अपने प्रियजनों की अस्थियां विसर्जित करने के लिए एक स्थायी स्थल मिल गया। यह कदम कई सालों की मांग और संघर्ष का परिणाम था। इस स्थल का निर्माण वेल्स की राजधानी कार्डिफ़ में हुआ, और इसकी स्थापना में कार्डिफ़ काउंसिल, सिख और हिंदू समुदायों के सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान था। इस कदम को विमला पटेल, एएसजीडब्ल्यू की अध्यक्ष ने सराहा और कहा कि यह कदम वेल्स में रहने वाले हिंदू और सिख समुदाय की एकता और सम्मान का प्रतीक है।

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प्रसिद्ध वेल्श सिख

वेल्स में कई प्रसिद्ध सिख व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने समाज में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उनमें से एक हैं, नीता बैचर, जो एक स्वतंत्र सामाजिक कार्यकर्ता हैं और कई स्थानीय और राष्ट्रीय समितियों में काम करती हैं। वे न्यायिक अधिकारियों के रूप में भी कार्य करती हैं और सिख समुदाय के अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से काम करती हैं। नीता का मानना है कि सिख धर्म के तीन प्रमुख सिद्धांतों – किरत करो (ईमानदारी से काम करना), वंड छको (दूसरों के साथ अपनी संपत्ति और संसाधनों को बांटना), और नाम जापो (ईश्वर का स्मरण करना) का पालन करना समाज के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण है।

इसके अलावा, कार्डिफ़ के हारदेव कौर और जोआ सिंह जैसे सदस्य भी सिख समुदाय के बीच महत्वपूर्ण योगदान दे रहे हैं। हारदेव कौर, जो पहले कार्डिफ़ में एक शिक्षण सहायक के रूप में कार्य करती थीं, अब सिख महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी हैं। उनका कहना है कि हालांकि उन्हें शुरुआत में कुछ नस्लवाद का सामना करना पड़ा था, लेकिन अब स्थिति में काफी सुधार हो चुका है और लोग एक-दूसरे की संस्कृति और धर्म का सम्मान करते हैं।

समग्र समावेशिता और एकता

वेल्स में सिख समुदाय ने हमेशा अपने धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों को बनाए रखते हुए स्थानीय समाज में खुद को समाहित किया है। जो लोग वेल्स में पैदा हुए हैं, वे अपनी सिख पहचान को गर्व से स्वीकार करते हैं और इसे वेल्श पहचान के साथ जोड़ते हैं। कार्डिफ़ के जोगा सिंह कहते हैं, “हमने इस क्षेत्र में 1950 के दशक से भाग लिया है और यहां के स्कूलों में स्थानीय समुदाय के साथ पढ़ाई की है। आज, हम सभी एक साथ बड़े हुए हैं और वेल्स के समाज का एक अभिन्न हिस्सा हैं।”

वेल्स में सिख धर्म का इतिहास छोटा है, लेकिन इसकी यात्रा अत्यधिक महत्वपूर्ण और प्रेरणादायक रही है। सिख समुदाय ने कठिनाइयों का सामना करते हुए अपनी पहचान को बनाए रखा और समाज में समग्र समावेशिता और भाईचारे को बढ़ावा दिया है। आज, वेल्स में सिखों का एक सशक्त और सम्मानित स्थान है, और वे स्थानीय समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।

और पढ़ें: Sikhism in Durban: डर्बन में सिख धर्म! भारतीय समुदाय की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को बनाए रखने की संघर्षपूर्ण यात्रा

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