ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते समय इन 5 बातों का रखें ध्यान, नहीं आएगी कोई परेशानी

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ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना काफी मुश्किल हो सकता है अगर आपको इसकी प्रक्रिया के बारे में ज़्यादा जानकारी नहीं है। अगर आपको गाड़ी चलाना आता भी है तो लाइसेंस बनवाने में कुछ दिक्कतें आ सकती हैं जिसकी वजह से आपका लाइसेंस बनने में देरी हो सकती है। लेकिन परेशान होने की कोई ज़रूरत नहीं है क्योंकि आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप कुछ छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखकर आसानी से ड्राइविंग लाइसेंस बनवा सकते हैं।

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लाइसेंस पाने के लिए कौन पात्र है?

ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करने के लिए आपकी आयु कम से कम अठारह वर्ष होनी चाहिए और आप भारतीय नागरिक होने चाहिए। कुछ क्षेत्रों में मोटरसाइकिल चलाने की कानूनी उम्र 16 वर्ष हो सकती है, जबकि बड़े वाहन चलाने की कानूनी उम्र 21 वर्ष हो सकती है।

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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए कितना शुल्क लगेगा

ड्राइविंग लाइसेंस की लागत राज्य के अनुसार अलग-अलग होती है। ड्राइविंग लाइसेंस की लागत के बारे में जानकारी कार्यालय में या क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय की वेबसाइट पर उपलब्ध है। इसके अतिरिक्त, आप ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। ऐसा करने के लिए, अपने राज्य के परिवहन विभाग की वेबसाइट पर जाएँ और ऑनलाइन फ़ॉर्म भरें।

लर्निंग लाइसेंस का प्रोसैस

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने से पहले आपको लर्निंग लाइसेंस बनवाना होगा। इसके लिए आपको अपने क्षेत्र के क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) में जाना होगा। आपको उम्र का प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, स्कूल छोड़ने का प्रमाण पत्र), पते का प्रमाण पत्र (आधार कार्ड, राशन कार्ड, बिजली बिल), मेडिकल सर्टिफिकेट (डॉक्टर द्वारा जारी फिटनेस प्रमाण पत्र), आवेदन शुल्क (RTO द्वारा निर्धारित शुल्क) जैसे ज़रूरी दस्तावेज़ जमा करवाने होंगे। इसके बाद आपको एक लिखित परीक्षा भी पास करनी होगी, जिसमें ट्रैफ़िक नियमों और सड़क चिह्नों से जुड़े सवाल होंगे।

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ड्राइविंग की ली ट्रेनिंग

लर्निंग लाइसेंस मिलने के बाद आप ड्राइविंग स्कूल में ट्रेनिंग ले सकते हैं। इससे आपको सुरक्षित ड्राइविंग सीखने में मदद मिलेगी। साथ ही आप ड्राइविंग स्किल भी बढ़ा सकते हैं।

ड्राइविंग टेस्ट करें पास

लर्निंग लाइसेंस मिलने के एक महीने बाद आप ड्राइविंग टेस्ट के लिए आवेदन कर सकते हैं। इसमें दो तरह के टेस्ट होते हैं। प्रैक्टिकल टेस्ट और थ्योरी टेस्ट। इन दोनों ही टेस्ट में आपसे ट्रैफिक नियमों और सड़क चिन्हों से जुड़े सवाल पूछे जाएंगे। अगर आप दोनों टेस्ट पास कर लेते हैं तो आपको परमानेंट ड्राइविंग लाइसेंस मिल जाएगा।

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