9 साल दलित बिटिया को न्याय दिलाने की मांग तेज: इस केस में शुरू से लेकर अब तक क्या क्या हुआ? यहां जानिए सबकुछ

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देश की राजधानी दिल्ली एक बार फिर से शर्मसार हो गई। दिल्ली के कैंट इलाके में 9 साल की एक मासूम दलित बच्ची के साथ दरिंदगी भरी वारदात को अंजाम दिया गया। शुरू में तो मामला हादसा बताकर टालने की कोशिश की गई। बच्ची के माता पिता को पुजारी ने कहा कि करंट लगने की वजह से उनकी बच्ची की जान चली गई। यही नहीं मासूम का जबरन अंतिम संस्कार भी कर दिया गया। इसके बाद जब केस का सच सबके सामने आ ही गया। 

एक तरफ जहां बच्ची की मौत के बाद जबरन अंतिम संस्कार के मामले के सामने आते ही इसने तूल पकड़ना शुरू कर दिया। इलाके के लोग इस घटना के बाद गुस्से से लाल है और बच्ची को इंसाफ दिलाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा सोशल मीडिया पर भी ये मामला चर्चाओं में हैं और मासूम बच्ची को न्याय देने की गुहार लोग लगाते हुए नजर आ रहे हैं। साथ ही इस पूरे मामले में राजनीति भी तेज हो रही है। कई नेता पीड़ित परिवार से मिलने के लिए पहुंच रहे हैं। इस मामले में अब तक क्या क्या हुआ है, आइए इसके बारे में आपको बता देते हैं…

1 अगस्त को हुई थी घटना

घटना एक अगस्त की शाम करीब साढ़े पांच से 6 बजे के बीच की बताई जा रही है। हुआ कुछ यूं था कि मासूम बच्ची श्मशान घाट से पानी लेने के लिए गई थीं। वैसे ऐसा पहली बार बिल्कुल भी नहीं था, जब वो मासूम पानी लेने के लिए श्मशान घाट गई हो। वो अक्सर ही वहां जाया करती थी। लेकिन इस बार वो वापस लौटकर ही नहीं आई। 

मामले को टालने की हुई कोशिश

जिसके बाद पंडित ने कुछ लोगों को बच्ची के घर पर भेजा और उनकी मां को वहां बुलाया। जब बच्ची के माता पिता श्मशान घाट पहुंचे तो पंडित ने बताया कि उनकी बेटी की मौत हो गई। मौत का कारण उन्हें बताया गया वॉटर कूलर से लगा करंट। पंडित ने कहा कि करंट लगने से बच्ची की मौत हो गई। 

जबरन किया गया बच्ची का अंतिम संस्कार 

यही नहीं पंडित ने इस दौरान पुलिस और डॉक्टर को भी बुलाने से इनकार कर दिया और बच्ची का अंतिम संस्कार करने की बात कह दी। बच्ची के माता पिता को लग गया था कि उनकी बेटी के साथ कुछ ना कुछ तो गलत जरूर हुआ है। इस वजह से उन्होंने बच्ची का अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया था। जब माता पिता नहीं माने तो जबदस्ती ही मासूम का अंतिम संस्कार किया गया। ये सारी बातें खुद बच्ची के पिता ने बताई है। 

इसके बाद हंगामा बढ़ने पर गांव के लोग इकट्ठ हो गए और किसी ने पुलिस को भी फोन मिला दिया। इस दौरान कुछ लोगों ने पानी की मदद से आग बुझाने की भी कोशिश की, लेकिन तब तक बच्ची का शव जल चुका था। बचा था तो सिर्फ खोपड़ी और पैर का ही थोड़ा सा हिस्सा।

पीड़ित परिवार मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला है। वो दिल्ली नौकरी की तलाश में आए थे और फिलहाल यहां कूड़ा बीनकर अपने घर का गुजारा चला रहे थे।

बच्ची के शरीर पर थे निशान

पीड़ित मासूम बच्ची के पिता के मुताबिक भीड़ बढ़ती देख पंडित ने अपनी गलती मानी थी । साथ ही मामले को वहीं पर खत्म करने को भी कहा था। वहीं पीड़िता की मां ने भी यही बताया कि पंडित बार बार इन्हीं कोशिशों में थे कि मामला दबा दिया जाए। वो कह रहे थे कि अगर पुलिस को फोन किया, तो केस लंबा चला जाएगा। मां ने बताया कि जब उन्होंने श्मशान घाट में अपनी मृत पड़ी हुई लड़की को देखा था, तो उसकी बाईं कलाई और कोहनी के बीच जलने के निशाने थे। होंठ भी नीले पड़ हुए थे।

पुलिस की कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल 

वहीं  शुरुआत में इस मामले को लेकर पुलिस पर भी लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे है। पुलिस जब तक वहां पहुंची तो बच्ची का शव पूरी तरह से जल चुका था। इसलिए पोस्टमार्टम करने की गुजाइंश भी नहीं बची थी। वहीं शुरुआत में तो पुलिस ने भी इस मामले को लापरवाही के चलते हुआ हादसा ही माना और पंडित के खिलाफ सिर्फ सबूत मिटाने का ही केस दर्ज किया था। तब पुलिस ने हत्या और रेप की बात नहीं स्वीकार की थी। 

फिर इस मामले ने तूल पकड़ना शुरू कर दिया। सड़क से लेकर सोशल मीडिया पर बच्ची को इंसाफ दिलाने की मांग तेज होने लगी, तो पुलिस भी हरकत में आई और केस में रेप, हत्या समेत एससी-एसटी एक्ट की भी धाराओं को जोड़ा गया। हालांकि पुलिस के द्वारा देरी से की गई इस कार्रवाई पर कई तरह के सवाल जरूर उठाए जा रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि आखिर शुरू में पुलिस क्यों सो रही थी? क्यों इतनी लेट पुलिस ने इस मामले में एक्शन लिया? 

अब तक हुई ये कार्रवाई

मामले में अब तक 4 लोगों की गिरफ्तारी पुलिस कर चुकी है, जिसमें राधे श्याम (55), कुलदीप कुमार (63), लक्ष्मी नारायण (48) और मोहम्मद सलीम (49) शामिल है। इसके अलावा केस की जांच करने के लिए 3 सदस्यीय मेडिकल बोर्ड भी बनाया गया है। वो शव का जो बच्चा हुआ हिस्सा है उसका पोस्मार्टम किया गया। हालांकि पोस्टमार्टम में बच्ची की मौत की वजह नहीं पता चल पाई। 

इसके अलावा पुलिस ने उस वॉटर कूलर की भी फॉरेसिंक जांच करने के लिए लैब में भेजा है, जिससे बच्ची की मौत होने का दावा किया जा रहा है। इस दौरान ये पता लगाया जाएगा कि कूलर में करंट आ रहा था या नहीं।

नेताओं ने की पीड़ित परिवार से मुलाकात 

इस मामले को लोग यूपी में हुए हाथरस कांड से जोड़ने लगे और इस पर राजनीति भी तेज होने लगी। मंगलवार को भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने पीड़ित बच्ची के माता पिता से मिलने पहुंचे।

इसके अलावा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी बुधवार सुबह पीड़िता के परिजनों से मिलने पहुंच गए। उन्होंने पीड़ितों के परिजनों से कार में बैठकर बात की। इस दौरान राहुल ने न्याय नहीं मिलने तक पीड़ित परिवार के साथ खड़े होने की बात भी कही। 

जब मिलने पहुंचे केजरीवाल तो…

इसके बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पीड़ित परिवार से मुलाकात करने गए। हालांकि इस दौरान उन्हें लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा। यही नहीं इसके बाद सीएम भाषण देने मंच पर भी गए, लेकिन इस दौरान वो मंच से गिर पड़े। जिसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें संभान और फिर कार में बैठकर वो वहां से चले गए। हालांकि इस दौरान मुख्यमंत्री केजरीवाल ने पीड़ित परिवार से मुलाकात जरूर की। इसके अलावा सीएम ने पीड़ित परिवार को 10 लाख की आर्थिक मदद करने का भी ऐलान किया।

इस पूरे घटना से दिल्ली का सिर एक बार फिर से शर्म से झुक गया। देशभर में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध कम होने का नाम ही नहीं लेते। रोजाना ही कहीं ना कहीं से दिल दहला देने वाली घटनाएं सामने आती रहती है। इस तरह के अधिकतर मामले में केस को दबाने की कोशिश सबसे पहले की जाती है। वहीं कई केस में पुलिस का लापरवाही वाला रवैया भी सामने आता है। अगर पुलिस तुरंत ही एक्शन लेते हुए सख्त कार्रवाई करते, तब ही महिलाओं-बच्चियों के खिलाफ होने वाले अपराधों में कमी आ सकेगी। 

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