क्या है डिजिटल इंडिया बिल जिसके जरिये मोदी सरकार लगाना चाहती है यूट्यूब पर लगाम

Table of Content

मोदी सरकार ऑनलाइन कंटेंट और फर्जी व भड़काऊ कंटेंट पर लगाम लगाने के लिए पहले भी कई हथकंडे अपना चुकी है। लेकिन जैसे-जैसे टेक्नोलॉजी अपडेट होती जाती है, लोग किसी न किसी तरह से इंटरनेट पर फर्जी कंटेंट फैलाते रहते हैं। इसी बीच आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का चलन भी शुरू हो गया है। AI की मदद से लोग अच्छे काम तो नहीं लेकिन साइबर फ्रॉड और डीपफेक वीडियो जैसे घोटाले करने लगे हैं। इंटरनेट पर फैले इस कचरे को साफ करने के लिए मोदी सरकार आगामी सत्र में डिजिटल इंडिया बिल लाने जा रही है। इस कानून में AI तकनीक के इस्तेमाल के बेहतर तरीके भी खोजे जाएंगे। वहीं डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए फैलाई जाने वाली हर अफवाह से निपटने के लिए इस बिल में प्रावधान किए जाएंगे। इसमें अभिव्यक्ति की आजादी का भी ख्याल रखा जाएगा। इसी बिक के जरिये सरकार यूट्यूब पर चालाकी से फैलाई जाने वाली आधी-अधूरी बातों पर भी लगाम लगाने का काम करेगी। वहीं कुछ लोग इस बिल के पक्ष में हैं तो कुछ इसके खिलाफ। आइए आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला।

और पढ़ें: मोदी सरकार के दौरान हुए 4 बड़े रेल हादसे, जो रेलवे को शर्मसार करते हैं

24 जून को शुरू हो रहा सत्र

24 जून से शुरू हो रहे 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में सबसे पहले नए सांसदों का शपथ ग्रहण और राष्ट्रपति का अभिभाषण होगा। सरकार इस सत्र में पूर्ण बजट भी पेश करेगी। सूत्रों के मुताबिक, बजट के अलावा सत्र में डिजिटल इंडिया बिल पर भी चर्चा हो सकती है। इस बिल में सोशल मीडिया पर जारी वीडियो को नियंत्रित करने का प्रावधान भी हो सकता है।

डीपफेक पर पीएम मोदी का बयान

पीएम नरेंद्र मोदी ने 28 मार्च को माइक्रोसॉफ्ट के सह-संस्थापक बिल गेट्स को दिए इंटरव्यू में डीपफेक वीडियो के खतरे के बारे में बताया था। मोदी ने कहा था, ‘AI अच्छी चीज है, लेकिन अगर इसे बिना उचित प्रशिक्षण के किसी को दिया जाए तो इसके गलत इस्तेमाल की संभावना है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में कोई भी डीपफेक का इस्तेमाल कर सकता है। इसलिए एआई जनरेटेड कंटेंट पर वॉटरमार्क होना चाहिए, ताकि लोगों को पता चले कि यह एआई जनरेटेड है। इससे कोई गुमराह नहीं होगा।’

डीपफेक को रोकने के लिए केंद्रीय आईटी मंत्रालय ने चुनाव से पहले जनवरी में ही नए नियम तैयार कर लिए थे। इसके मुताबिक, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म नए नियमों का उल्लंघन करेगा, उसे भारत में कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।

आपकी जानकारी के लिए बाते दें, डीपफेक एक ऐसी तकनीक है, जिसने भ्रामक या गुमराह करने वाली सामग्री बनाने की अपनी क्षमता के बारे में चिंता जताई है। इसमें गलत जानकारी का प्रसार, सार्वजनिक हस्तियों की नकल करके वीडियो बनाना और व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन शामिल है।

डिजिटल इंडिया बिल का विरोध क्यों हो रहा है?

इस बिल से जुड़ी कुछ खास जानकारी हमने आपको दी है। अब आपके दिमाग में ये बात आ रही होगी कि सरकार का ये कदम डिजिटल मीडिया पर फैल रही फर्जी और भ्रामक सूचनाओं पर लगाम लगाने के मकसद से उठाया गया है। यूट्यूब पर फैलाए जा रहे झूठे और भ्रामक थंबनेल पर भी कार्रवाई की जाएगी ताकि दर्शकों को सही और प्रामाणिक जानकारी मिल सके। तो फिर बिल का विरोध क्यों हो रहा है। दरअसल इस बिल के तहत केंद्र सरकार सभी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म को रेगुलेट करने की तैयारी कर रही है, जिससे उन यूट्यूब चैनल्स पर खतरा बढ़ सकता है जो सरकार के खिलाफ मुद्दे उठाते हैं। ये बात हम नहीं बल्कि पत्रकार अभिसार शर्मा ने अपने यूट्यूब चैनल पर हाल ही में अपलोड किए गए एक वीडियो में कही है। अभिसार के मुताबिक सरकार इस बिल के जरिए यूट्यूब पर लगाम लगाने की कोशिश करना चाहती है। क्योंकि गोदी मीडिया की अफसरशाही के बाद अगर सत्ता में बैठी सरकार के खिलाफ कोई बोलता है तो वो यूट्यूब पत्रकार ही है।

इस बिल के लागू होने के बाद यूट्यूब और दूसरे डिजिटल प्लेटफॉर्म को अपने कंटेंट को लेकर और भी सतर्क रहना होगा। अभिसार शर्मा के शब्दों में कहें तो जो पत्रकार अब तक सत्ता में बैठी सरकार से खुलकर सवाल कर रहे थे, अब इस बिल के आधार पर उनके कंटेंट पर रोक लगेगी। अभिसार ने अपने वीडियो में यह भी कहा कि इस लोकसभा चुनाव में जिस तरह से यूट्यूब के पत्रकारों ने बीजेपी के खिलाफ आवाज उठाई है, वह बीजेपी को पसंद नहीं आया और इसीलिए अब बीजेपी ने ऐसे कंटेंट पर लगाम लगाने के लिए इस बिल को लागू करने के बारे में सोचा है। क्योंकि जमीनी स्तर पर बीजेपी खुद ही फर्जी खबरों का समर्थन करती है जो उनके लिए फायदेमंद है और जो उनकी पार्टी की तरक्की में मदद कर सकती है।

तो कुल मिलाकर यह बिल फर्जी खबरों को रोकने के लिए लाया गया है लेकिन अगर इसका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं किया गया तो अभिसार को जो डर है वह सच हो सकता है और इसके कारण जो बची हुई पत्रकारिता है वह भी डिजिटल इंडिया बिल के कारण नष्ट हो जाएगी।

और पढ़ें: चारधाम यात्रा पर आए श्रद्धालुओं द्वारा फेंके गए कूड़े ने जोशीमठ नगर निगम को बना दिया करोड़पति 

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds