सदन में गर्मी दिखाने की जरुरत नहीं, सबका पेट दर्द दूर कर दूंगा…विधानसभा में भड़के योगी

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बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में इन दिनों विधानसभा का सत्र चल रहा है। प्रदेश की कानून व्यवस्था, बेरोजगारी और किसान आंदोलन समेत कई मुद्दों पर विपक्षी पार्टियां योगी सरकार को घेरते नजर आ रही है। आज विधानसभा में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सत्र को संबोधित किया। 

इस दौरान उन्होंने किसानों का मसला उठाया। जिसपर विपक्षी पार्टियों की ओर से जमकर हंगामा किया गया। प्रदेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी सपा के सदस्यों ने सदन में जमकर हंगामा किया। जिसके बाद सीएम योगी ने उन पर बरसते हुए उन्हें आचरण सुधारने की नसीहत दे डाली।

‘गर्मी यहां दिखाने की आवश्यकता नहीं है’

सदस्यों के हंगामे पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘आप लोग सदन की गरिमा को सीखिए, मैं जानता हूं कि आप किस प्रकार की भाषा और किस प्रकार की बात सुनते हैं, और उसी प्रकार का डोज भी समय-समय पर देता हूं।‘ उनके इस बयान के बाद सदन में हंगामा तेज हो गया।

जिसपर भड़कते हुए योगी आदित्यनाथ ने विपक्षी पार्टियों पर जमकर हमला बोला।  उन्होंने कहा, ‘गर्मी यहां दिखाने की आवश्यकता नहीं है, सदन है, इसकी मर्यादा का पालन कीजिए और पालन करना सीखिए, जो जिस भाषा को समझेगा, उसे उस भाषा में जवाब मिलेगा, अगर बोलते हैं तो सुनने की भी आदत डालिए।‘ 

‘सदन में चिल्लाने से काम नहीं होता’

उन्होंने आगे कहा कि ‘संसदीय लोकतंत्र की सभी परम्पराओं का हम सम्मान करते हैं, अगर किसी को गलतफहमी होगी कि सदन में जितनी उद्दंडता कर लेगा, उसकी गलतफहमी होगी, हम ऐसा आचरण करें कि जनता उसका अनुसरण करेगी, विश्वसनीयता का संकट खत्म होना चाहिए, अच्छे आचरण को जनता फॉलो करती है।’

सीएम ने कहा, सदन में चिल्लाने से काम नहीं होता। उन्होंने समाजवादी पार्टी को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘सदन में पहले अपना आचरण सुधारे, सुनने की आदत डालें सपा के लोग, सबके पेट का दर्द दूर कर दूंगा।‘

सपा की टोपी पर भी की थी टिप्पणी

बता दें, पिछले दिनों सीएम योगी ने सपा के लाल टोपी पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने एक किस्से को शेयर करते हुए सपा को निशाने पर लिया। सीएम योगी ने कहा था कि ‘मैं बेसिक स्कूल के एक कार्यक्रम में गया था, वहां मेरा विरोध करने आये कुछ लोग टोपी लगाकर आये थे, टोपी पहनकर आने वाले को ढाई साल के बच्चे ने कहा- मम्मी-मम्मी, ये देखो गुंडा।

सीएम योगी ने कहा कि आप गमछा बांध कर आते, पगड़ी पहनकर आते, मैं आपका स्वागत करता, ये अच्छा लगता, इस नाटक से तो बेहतर होता।‘ उनके इस बयान पर भी जमकर सियासत हुई थी। 

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