कारगिल विजय दिवस: आज ही के दिन भारत को हुई थी विजय हासिल, जानें क्या था ‘ऑपरेशन विजय’

Table of Content

ऑपरेशन विजय क्या था – कारगिल युद्ध को आज 20 साल पूरे हो गए है. 1999 में आज ही के दिन भारतीय सैनिकों के पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था. ये युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच में 4 मई से लेकर 26 जुलाई तक चला था जिसमें 26 जुलाई को भारतीय सेना को जीत हासिल हुई थी. जिस वजह से हर साल 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है.

ये दिन हर भारतीय के लिए काफी खास होता है. इस दिन को पूरे देश में काफी उत्साह के बाद मनाया जाता है. साथ ही युद्ध में शहीद हुए सैनिकों को श्रद्धांजलि देकर उनके बलिदान को याद भी किया जाता है. इसका सबसे खास कार्यक्रम कश्मीर के द्रास में बने वॉर मेमोरिल में होता था. जिसको हर साल इस दिन काफी अच्छे से सजाया जाता है. हर साल इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने के कई बड़ी-बड़ी हस्तियां आती है.

आखिर क्यों हुआ था दोनों देशों के बीच युद्ध?

आजादी के बाद से ही दोनों देशों के बीच काफी तनातनी चल रही थी. इसी बीच 1982 में भारत और पाकिस्तान के बीच एक शिमला समझौता हुआ था जिसमें ये तय किया गया था कि ठंड के मौसम में ज्यादा बर्फ वाली जगहों पर दोनों देशों की सेनाओं को काफी दिक्कतें होती थी. तो इसलिए दोनों देशों की सेनाएं सर्दी के मौसम में जम्मू-कश्मीर में बेहद बर्फीले वाली जगहों पर मौजूद LoC को छोड़कर कम बर्फीले वाले जगह पर चली जाएंगी.

भारतीय पोस्ट पर पाकिस्तानी सेना ने की घुसपैठ

हर साल की तरह 1998 में भी भारतीय सेना ठंड के मौसम में कम बर्फीली जगह पर चली गई जिसके बाद पाकिस्तान ने धोखे से भारतीय पोस्टों पर कब्जा कर लिया. पाकिस्तानी सेना के 5 हजार जवानों ने घुसपैठियों की तरह सैकड़ों भारतीय पोस्टों पर कब्जा कर लिया. जब भारतीय सेना 1999 में गर्मी का मौसम आने पर दोबारा अपनी पोस्टों पर गई तो उन्हें तब पाकिस्तान के घुसपैठ के बारे में पता चला. पाकिस्तान ने 150 किलोमीटर तक डुमरी से लेकर साउथ ग्लेशियर तक कब्जा कर रखा था.

इसके बाद भारतीय सेना के 5 जवान जब वहां गए तो पाकिस्तानी सैनिकों ने उनकी हत्या कर दी. जिसके बाद अपनी पोस्ट को खाली करवाने के लिए भारतीय सेना ने एक अभियान शुरू किया जिसको ‘ऑपरेशन विजय’ का नाम दिया गया.

527 सैनिक हुए थे शहीद

पाकिस्तानी घुसपैठियों ने पहाड़ो के ऊपर से बैठकर भारतीय सेना पर गोलीबारी की. वहीं भारतीय सेना ने निचले इलाकों से ही पाकिस्तानी सेना को मुंहतोड़ जवाब दिया. इस अभियान को भारतीय सेना और वायुसेना ने संयुक्त रूप से चलाया. इसमें 2 लाख जवानों ने हिस्सा लिया. जिसमें 527 जवान शहीद हो गए और 1300 से ज्यादा जवान घायल हो गए. इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना को भारत से कही ज्यादा नुकसान हुआ. आखिरकार अंत में जब घुसपैठिए भारतीय सेना का मुकाबला नहीं कर पाई तो वो लोग भागने को मजबूर हो गए. इतना ही नहीं पाकिस्तान ने तो अपने सैनिकों की लाशें तक देने से इनकार कर दिया.

वायुसेना के मिग 27 और मिग 29 विमान का हुआ था इस्तेमाल

इस युद्ध में भारतीय सेना का मिग 27 और मिग 29 का भी इस्तेमाल किया गया. इन विमानों ने जहां पर पाकिस्तान ने कब्जा किया था उन जगहों पर बम गिराए. इसके अलावा भारतीय सेना ने आर-77 मिसाइल का इस्तेमाल करके हमला भी किया.

अटल बिहारी वाजपेयी ने फोन पर नवाज शरीफ से की थी बात

ऑपरेशन विजय क्या था – इस युद्ध से कुछ दिन पहले भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने लाहौर को दौरा किया था. जिसके बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में कुछ सुधार हो सकता है. लेकिन पाकिस्तान द्वारा की गई इस तरह की घुसपैठ ने सभी को हैरान करके रख दिया. उस वक्त अटल बिहारी वाजपेयी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को फोन करके काफी लताड़ा भी थ. उन्होनें नवाज शरीफ को फोन पर कहा कि आपने हमारे साथ बहुत ही बुरा सुलूक किया है. एक तरफ तो आप लाहौर में हमसे गले मिल रहे थे, दूसरी तरफ आपके सैनिक कारगिल की पहाड़ियों पर कब्जा जमा रहे थे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शेयर की खास तस्वीरें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कारगिल विजय दिवस के 20 साल पूरे होने पर एक खास तस्वीर शेयर की है. प्रधानमंत्री ने युद्ध के दौरान उस क्षेत्र के अपने दौरे की तस्वीरें शेयर की है. जिसमें वो जवानों के साथ बातचीत करते हुए भी दिखाई दे रहे है. तस्वीरें शेयर करते हुए उन्होनें लिखा- साल 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान मुझे कारगिल जाने और हमारे बहादुर सैनिकों के साथ एकजुटता दिखाने का अवसर मिला,  कारगिल का दौरा और सैनिकों के साथ बातचीत अविस्मरणीय है.

राजनाथ ने वॉर मेमोरिल में शहीदों को दी श्रद्धांजलि

ऑपरेशन विजय क्या था – हर भारतीय कारगिल विजय दिवस को अपने-अपने तरीके से मना रहा है. कई मशहूर हस्तियां सोशल मीडिया के जरिए शहीद सैनिकों के बलिदान को याद करके नमन किया. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने वॉर मेमोरिल जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इसके अलावा तीनों सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बीरेंद्र सिंह धनोआ, आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत और नेवी चीफ एडमिरल करमबीर सिंह ने इस मौके पर द्रास के करिवर वॉर मेमोरिल में शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इसके अलावा  कांग्रेस पार्टी की ओर से कारगिल विजय दिवस पर देशवासियों को शुभकामनाएं दी गई.

और पढ़ें: गोडसे ने आखिर महात्मा गांधी को क्यों मारा था? ये थी हत्या करने की असल वजह

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds