अब क्या होगा दिल्ली वालों का? क्यों बंद करनी पड़ी मुफ्त की बिजली? कहाँ से आता था free की बिजली बांटने का पैसा ?

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जब से दिली में आप की सरकार आई है तब से दिल्ली की जनता को मुफ्त की रेवड़ी खाने की ऐसी आदत पड़ गयी है कि अगर ‘आप’ ने गलती से इसे हटाने की कोशिश की तो अगली बार का विधानसभा चुनाव इनके हाथों से निकल जाएगा और इसकी असल वजह भी आप जानते होंगे. Kejriwal शायद इस ग़लतफ़हमी में जी रहें है कि उनके नेक कामों के चलते दिल्ली की जनता उन्हें सत्ता में बार बार वापसी करवा रही है. लेकिन असल वजह तो ये है कि दिल्ली की पब्लिक में आधी से ज्यादा संख्या बाहर से आए लोगों की है.

जिन्हें अगर मुफ्त की चीज़ीं मिलनी बंद हो गयी तो समझो केजरीवाल का पत्ता साफ़. लेकिन जरा रुको ऐसा सुनने में आया है कि भाई आप सरकार ने इसे बंद करने की ठान ली है और इसे बंद करने भी जा रही है. अभी तक सरकार दिल्ली निवासियों को जो बिजली और पानी पर निवासियों पर जो सब्सिडी (subsidy) राज्य सरकार द्वारा दी जा रही थी वो अब बंद होने वाली है और इस खबर से दिल्ली के करीब 46 लाख लोग प्रभावित होने वाले हैं. तो अब जानते हैं कि आखिर ये सब्सिडी क्यों बंद की जा रही है कहीं पैसे तो कम नहीं पद रहे ?

क्या थी योजना?

आपको बता दे कि दिल्ली सरकार योजना के अनुसार दिल्ली के मूल निवासियों को 200 यूनिट तक के लिए पर कोई भी चार्ज नहीं देना पड़ता था. इसके साथ ही 201 से 400 यूनिट बिजली खर्च होने पर 50% की सब्सिडी भी दी जाती थी. 2019 में दिल्ली सरकार की तरफ से योजना की शुरुआत की. योजना को लेकर सियासी बयानबाजी भी हुई और दिल्ली सरकार पर सत्ता और सांसद के दुरुपयोग का भी आरोप लगा.

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दिल्ली सरकार की तरफ से अगस्त 2019 में इस योजना की शुरुआत हुई. इसका प्रमुख उद्देश्य परिवार को आर्थिक रूप से सहायता प्रदान करना था, क्योंकि बिजली के बिल भुगतान में महीने भर में हजारों रुपए खर्च होते थे. बहुत से ऐसे परिवार भी हैं जो अधिक अमाउंट से बिजली के बिल का भुगतान करने में असमर्थ होते थे. इस योजना से गरीब परिवारों को काफी मदद दी जा रही थी. हालांकि यह योजना केवल गरीब परिवारों के लिए नहीं बल्कि दिल्ली के सभी निवासियों के लिए थी.

कैबिनेट मंत्री आतिशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जानकारी

दिल्ली कैबिनेट मंत्री आतिशी (Atishi) ने जानकारी देते हुए बताया कि केजरीवाल सरकार (Kejriwal government) के द्वारा बिजली में जो सब्सिडी दी जाती है. बिजली फ्री योजना के तहत 200 यूनिट तक बिजली फ्री होती है. वहीं 200 से 400 यूनिट तक 50% सब्सिडी दी जाती है. इसके तहत वकीलों, किसानों और 1984 के दंगों के पीड़ितों को बिजली की सब्सिडी दी जाती है. लेकिन 15 तारीख के बाद जो भी असल बिल आएगा उपभोक्ताओं को वह जमा करना होगा.

क्यों रुक गई सब्सिडी?

केजरीवाल ने कैबिनेट में यह बात रखी थी कि आने वाले समय में भी बिजली दिल्ली वालों को फ्री मिलेगी. लेकिन उस फाइल को (एलजी) लेफ्टिनेंट गवर्नमेंट (Lieutenant Government) अपने पास रख कर बैठ गए हैं और इस योजना को मंजूरी नहीं दे रहे हैं. जब तक वह फाइल एलजी ऑफिस से वापस नहीं आती है तब तक अरविंद केजरीवाल की सरकार सब्सिडी का पैसा रिलीज नहीं कर सकती है. हालंकि केजरीवाल सरकार के पास पैसा है विधानसभा सरकार ने पैसा पास किया है.

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जिसका फैसला भी दिल्ली की कैबिनेट कर लिया है. बावजूद इसके अब बिजली की सब्सिडी रुक जाएगी. कैबिनेट मंत्री के पास दिल्ली की एक बिजली कंपनी से चिट्ठी आई. उन्होंने उस चिट्ठी पर स्पष्ट तौर पर लिखकर बताया क्योंकि उनको आने वाले साल के लिए कोई भी सब्सिडी की सूचना नहीं मिली है. इसीलिए आज से नॉर्मल बिलिंग यानी बिना सब्सिडी की बिलिंग शुरू की जा रही है.

सीबीआई ने केजरीवाल को भेजा समन

शुक्रवार को दिल्ली शराब घोटाले में सीबीआई ने अरविन्द केजरीवाल को सामान भेजा है जिसमे सफतुअर पर लिखा हुआ है कि आपको 16 तारीख को सीबीआई के दफ्तर में पेश होना है आपको बता दें कि इसी मामले में सबसे पहले इनके स्वस्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन और उसके बाद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पहले ही जेल कि हवा खा रहे हैं. और इसी लिस्ट में अब तीसरा नंबर सीएम अरविन्द केजरीवाल का आ गया है.

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