केंद्रीय चुनाव आयोग (central election commission) ने एक बड़ा फैसला लिया है और इस फैसले के तहत ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) की पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC), शरद पवार की एनसीपी (NCP) और सीपीआई (CPI) से राष्ट्रीय स्तर का दर्जा छिन गया है, जानकारी के अनुसार, इन तीनों पार्टियों का वोट शेयर देशभर में 6 प्रतिशत से कम हुआ है जिसके बाद चुनाव आयोग ने इन पार्टियों का राष्ट्रीय स्तर का दर्जा छिन लिया गया है. वहीं चुनाव आयोग ने आप को चार राज्यों- दिल्ली, गोवा, पंजाब और गुजरात में उसके चुनावी प्रदर्शन के आधार पर राष्ट्रीय पार्टी (National Party) का दर्जा दिया है.
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इन पार्टियों को मिला राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा
जानकारी के अनुसार, बीजेपी, कांग्रेस, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के साथ आदम आदमी पार्टी भी राष्ट्रीय दल हैं. इसी के साथ तृणमूल कांग्रेस का बंगाल और त्रिपुरा में राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा जारी रहेगा. वहीं टिपरा मोथा पार्टी को त्रिपुरा में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता मिली है. बीआरएस को आंध्र प्रदेश में एक राज्य पार्टी के रूप में अमान्य किया गया है. भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोक दल का एक राज्य पार्टी का दर्जा वापस ले लिया है. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी को पश्चिम बंगाल में एक राज्य पार्टी के रूप में अमान्य किया. मेघालय में वॉइस ऑफ द पीपुल पार्टी को राज्य स्तरीय पार्टी के रूप में मान्यता मिली. वहीं उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय लोकदल (RLD), पश्चिम बंगाल में रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (RSP), आंध्र प्रदेश में भारत राष्ट्र समिति (BRS), मणिपुर में PDA, पुडुचेरी में PMK और मिजोरम में MPC का राज्य पार्टी का दर्जा छिन गया है.
सीएम अरविंद केजरीवाल ने बताया इसे चमत्कार
आम आदमी पार्टी को राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने पर दिल्ली के सीएम और आप के राष्ट्रीय संजोयक अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया कि इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? ये किसी चमत्कार से कम नहीं. सबको बहुत बहुत बधाई. देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहां तक पहुंचाया. लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है. आज लोगों ने हमें ये बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है. हे प्रभु, हमें आशीर्वाद दो कि हम ये जिम्मेदारी अच्छे से पूरी करें.
इतने कम समय में राष्ट्रीय पार्टी? ये किसी चमत्कार से कम नहीं। सबको बहुत बहुत बधाई
देश के करोड़ों लोगों ने हमें यहाँ तक पहुँचाया। लोगों को हमसे बहुत उम्मीद है। आज लोगों ने हमें ये बहुत बड़ी ज़िम्मेदारी दी है
हे प्रभु, हमें आशीर्वाद दो कि हम ये ज़िम्मेदारी अच्छे से पूरी करें
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 10, 2023
गुजरात चुनाव में हार के बाद AAP को मिला नेशनल पार्टी का दर्जा
AAP को गुजरात या हिमाचल में 6% से ज्यादा वोट शेयर पाने की जरूरत थी. गुजरात में AAP को करीब 13% वोट शेयर मिला है. ऐसे में वह नेशनल पार्टी बन गई है. किसी पार्टी को नेशनल पार्टी का दर्जा हासिल करने के लिए लोकसभा या विधानसभा चुनाव में चार राज्यों में 6% वोट हासिल करना जरूरी होता है. AAP इससे पहले 3 राज्यों दिल्ली, पंजाब और गोवा में 6% से ज्यादा वोट शेयर हासिल कर चुकी है. जिसके बाद चुनाव आयोग ने आम आदमी पार्टी (AAP) को नेशनल पार्टी का दर्जा दिया है.
राष्ट्रीय पार्टी के बनने के लिए क्या है नियम
- राष्ट्रीय पार्टी बनने के लिए पार्टी को कम से कम चार राज्यों में 6 फीसदी वोट हासिल हुआ हो.
- लोकसभा की कुल सीटों में से 2 फीसदी सीटें कम से कम तीन राज्यों से मिली.
- इसी के साथ पार्टी को चार राज्यों में क्षेत्रीय दल का दर्जा मिला हो.
राष्ट्रीय पार्टी को मिलने वाले फायदे
राष्ट्रीय पार्टियां अपना सिंबल या चुनाव चिन्ह देशभर में सुरक्षित कर सकती हैं. राष्ट्रीय पार्टियां चुनाव प्रचार में अधिकतम 40 स्टार प्रचारक रख सकती हैं साथ ही इनके यात्रा खर्च को उम्मीदवार के चुनाव खर्च में नहीं रखा जाता है. राजधानी दिल्ली में राष्ट्रीय पार्टियों को सब्सिडी दर पर पार्टी अध्यक्ष और पार्टी कार्यालय के लिए एक सरकारी बंगला किराए पर मिलता है.इसी के साथ आम चुनावों के दौरान राष्ट्रीय पार्टियों को आकाशवाणी पर प्रसारण के लिए ब्रॉडकास्ट और टेलीकास्ट बैंड्स मिलते हैं. यानी राष्ट्रीय पार्टियों को सरकारी चैनलों पर दिखाए जाने का समय तय होता है. वहीं राष्ट्रीय पार्टियों को नामांकन दाखिल करने के लिए केवल एक प्रस्तावक की ही जरूरत होगी. राष्ट्रीय पार्टियों को मतदाता सूची के दो सेट मुफ्त में दिए जाते हैं. साथ ही इनके उम्मीदवारों को आम चुनावों के दौरान एक प्रति मुफ्त मिलती है.
TMC, NCP और CPI के लिए बदल जाएगा नियम
वहीं अब TMC, NCP और CPI के लिए उपार बताए गये सभी नियम बदल जायेंगे. अब इन पार्टी का सिंबल या चुनाव चिन्ह सुरक्षित नहीं रहेगा. सरकारी बंगला वाला फायदा, प्रचार, नामांकन दाखिल जैसे नियम बदल जाएंगे.
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