2024 के लोकसभा चुनाव में सभी विपक्षी पार्टी केंद्र की सत्ता पर काबिज मोदी सरकार को हराने में जुट गयी है. जहाँ इन चुनाव से पहले संसद में मोदी सरकार पर कई सारे आरोप लगाए गए थे और इन मामलों पर काफी हंगामा भी हुआ था तो वहीं इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार ने बयान दिया है जो BJP सरकार के लिए राहत की खबर हो सकती है. दरअसल, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) सुप्रीमो शरद पवार ने सावरकर, अडानी, पीएम की फर्जी डिग्री मामले पर अपनी राय रखी है.
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अडानी मामले पर नहीं है जांच की जरूरत
अडानी मामले पर शरद पवार ने कहा कि इस मामले में किसी भी प्रकार की जांच की जरूरत नहीं है। एनसीपी प्रमुख ने कहा कि पहले भी इस प्रकार के मुद्दे उठते रहे हैं, लेकिन इस बार इस मुद्दे को पहले से कहीं अधिक महत्व दिया गया। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि अडानी समूह को अमेरिका स्थित शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने निशाना बनाया है।
हालांकि, उनके इस बायन पर कांग्रेस ने किनारा करते हुए कहा कि उनकी सहयोगी राकंपा का अपना अलग विचार हो सकता है। वहीं उन्होंने कहा कि इस तरह के बयान भी कई व्यक्तियों द्वारा दिए गए थे, जिसके कारण संसद में हंगामा हुआ था। हालांकि, इस बार इस मुद्दे को पहले से कहीं अधिक महत्व दिया गया। उन्होंने कहा कि जब ऐसे मुद्दे उठाए जाते हैं तो पूरे देश में हंगामा होता है और इसका खामियाजा देश की आर्थव्यवस्था को चुकानी पड़ती है.
शैक्षणिक डिग्री मुद्दा ही नहीं है- शरद पवार
इसी के साथ पीएम की फर्जी डिग्री मामले पर भी एक बयान दिया है. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा, ”जब हम बेरोजगारी, कानून व्यवस्था और महंगाई का सामना कर रहे हैं तो क्या देश में किसी की शैक्षणिक डिग्री राजनीतिक मुद्दा होना चाहिए? आज धर्म और जाति के नाम पर लोगों में भेद पैदा किया जा रहा है। महाराष्ट्र में बे मौसम बारिश से फसलें बर्बाद हो गई हैं। ये ऐसे मुद्दे हैं, जिन पर चर्चा करना जरूरी है.
सावरकर नहीं है राष्ट्रीय मुद्दा
इसी के साथ राहुल गांधी लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराए जाने के पर राहुल गांधी ने कहा कि मेरा नाम सावरकर नहीं है, मेरा नाम गांधी है. गांधी किसी से माफी नहीं मांगता. वहीं राहुल के इस बयान पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा किआज सावरकर कोई राष्ट्रीय मुद्दा नहीं है, यह पुरानी बात है. हमने सावरकर के बारे में कुछ बातें कही थीं लेकिन वह व्यक्तिगत नहीं थी. यह हिंदू महासभा के खिलाफ था. लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी है. हम देश की आजादी के लिए सावरकर जी द्वारा दिए गए बलिदान को नजरअंदाज नहीं कर सकते.” करीब 32 साल पहले उन्होंने सावरकर के प्रगतिशील विचारों के बारे में संसद में बात की थी. सावरकर ने रत्नागिरी में एक घर बनवाया और उसके सामने एक छोटा मंदिर भी बनवाया . उन्होंने वाल्मीकि समुदाय के एक व्यक्ति को मंदिर में पूजा करने के लिए नियुक्त किया. मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही प्रगतिशील चीज थी.
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