रविवार को आप संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने असं के दौरे पर थे. वहीं इस दौरान जहाँ केजरीवाल ने एक रैली के दौरान केजरीवाल ने अपनी स्पीच में कहा था कि वह हिमंता बिस्वा सरमा को अपने घर चाय और लंच पर बुलाना चाहते हैं। वहीं इस असम दौरे पर आए केजरीवाल ने अपनी स्पीच में कहा था कि वह हिमंता बिस्वा सरमा को अपने घर चाय और लंच पर बुलाना चाहते हैं। वहीं निमंत्रण को लेकर सीएम हिमंत सरमा ने जवाब दिया है.
हिमंत सरमा ने दिया केजरीवाल को जवाब
दरअसल, सीएम केजरीवाल ने असम दौरे के दौरान कहा कि सीएम हिमंता सरमा को दिल्ली आने का न्योता दिया है. वहीं इस दौरान हिमंता सरमा ने केजरीवाल को जवाब देते हुए कहा ‘अरविंद केजरीवाल ने कहा कि उनकी सरकार ने 12 लाख नौकरियां दीं, वह सात साल में इतनी नौकरियां कैसे दे सकते हैं, जब दिल्ली में केवल 1.5 लाख नौकरियों की जगह खाली हैं? हमारी स्थिति दिल्ली वालों से अच्छी है। उन्होंने मुझे दिल्ली आने का न्यौता दिया है, लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि मैं दिल्ली में जहां जाना चाहता हूं, वहां जाऊंगा, न कि वहां जो जगह उन्होंने सुझाई है। मैं उन्हें एक पत्र लिखूंगा और अगर उनमें दम है, तो उन्हें इसका जवाब दें।’
गांव की हालत आपके झुग्गी-झोपड़ी से अच्छी
इसी के साथ असम सीएम ने कहा, ‘हमारे यहां हर गांव की हालत आपके झुग्गी-झोपड़ी से अच्छी है। दिल्ली के 60 फीसदी लोग परेशान हैं, नर्क जैसे हालात में रहने को मजबूर हैं। असम तो स्वर्ग है। दिल्ली के एक-एक कमरे में 20-20 लोग रहते हैं। झुग्गियों में 70 फीसदी लोग रहते हैं और वहां पानी भी नहीं है। असम स्वर्ग है, यहां आने के बाद लोग यहां से जाएंगे ही नहीं।’
केजरीवाल पर साधा निशाना
वहीं केजरीवाल पर निशाना साधते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘मैंने कहा था कि आप असम आ रहे हैं, यहां आकर मेरे खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में बोल कर दिखाएं। मैं आपको कोर्ट में देख लूंगा। उन्होंने कहा कि वही हुआ। वह मेरे खिलाफ कुछ भी कहने की हिम्मत भी नहीं दिखा पाए और अनाप-शनाप बोलकर चले गए। मेरे ऊपर कोई क्रिमिनल केस है, बोलने का हिम्मत नहीं हुई।’
मर्द जैसी कीजिए बात
इसी के असम सीएम ने कहा, ‘इसलिए मैं उनसे कहता हूं कायर जैसी बात मत कीजिए। अगर आप मर्द हैं तो मर्द जैसी बात कीजिए, अगर आप महिला हैं तो महिला जैसी बात कीजिए। कायर जैसा बात मत कीजिए। यह मेरा सुझाव था।’ हिमंत ने आगे कहा, ‘उनकी हिम्मत भी नहीं हुई मेरे खिलाफ कुछ बोलने की। इससे यह साबित हो जाता है कि इन लोगों का अपना हीरोइज्म है, वह केवल विधानसभा के अंदर ही दिखाने की शक्ति रखते हैं।’