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Ramzan 2021: रमजान में क्यों खजूर खाकर ही खोला जाता है रोजा? जानिए इसके पीछे की दिलचस्प वजहें…

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रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के  लिए बहुत खास होता है। इस पाक महीने को मुस्लिम समुदाय हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। रमजान में लोग रोजा रखते हैं और फिर शाम को इफ्तार के बाद खजूर खाकर अपना रोजा खोलते है। हालांकि जिनके पास खजूर नहीं होता वो पानी पीकर भी रोजा खोल सकते हैं। खजूर के साथ रोजा खोलने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि ऐसा करने की वजह क्या है? आइए हम आपको बताते हैं खजूर से जुड़े वैज्ञानिक और धार्मिक मान्यताओं के बारे में।

धार्मिक मान्यताएं

जैसा कि हम जानते हैं कि रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के हर व्यक्ति के लिए कितना महत्वपूर्ण है। रमजान के दौरान नमाज, रोजा के साथ खजूर का भी बहुत महत्व होता है। खजूर का जिक्र कुरान में कई दफा किया गया है। ऐसा कहा जाता है कि खजूर से रोजा खोलने से सुन्नत हासिल होती है। इस्लाम धर्म के  मानने वाले लोगों की मानें तो पैंगबर मोहम्मद भी अपना रोजा खजूर से ही खोला करते थे। खजूर को लेकर उन्होनें फरमाया, आप में से जो लोग रोजा रखते हैं वो अपना रोजा खजूर से ही खोलें। अगर खजूर ना तो पानी रोजा पानी से खोल सकते हैं।

वैज्ञानिक फायदें

वैसे खजूर से रोजा खोलने के सिर्फ धार्मिक ही नहीं बल्कि वैज्ञानकि फायदे भी होते हैं। दरअसल, खजूर को वैज्ञानिक तौर पर सेहत के लिए चमत्कारी माना गया है। खजूर के पोषक तत्व होते है, जिससे पूरे दिन एनर्जी मिलती रहती है। दरअसल, पूरे दिन भूखा रहने की वजह से एनर्जी लेवल कम हो जाता है। इसलिए ऐसी चीज खानी चाहिए, जिससे शरीर को एनर्जी मिले। इसके लिए खजूर एक बेहतर विकल्प होता है। 

खजूर में शुगर और विटामिन युक्त पोटेशियम और मैग्नीशियम भी पाया जाता है। इसके साथ इसे फाईबर और कार्बोहाइड्रेट्स का भी अच्छा सोर्स माना जाता है। जब आपने उपवास रखा हो और दिन भर कुछ न खाया हो, उस वक्त आपको स्वास्थ्य से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में खजूर के चमत्कारी गुण उन समस्याओं से निजात दिलाते है। खजूर आसानी से पच जाता है और इसे खाली पेट खाने से कोई नुकसान भी नहीं होता। इस वजह से रोजा खोलने समय इसे खाना अच्छा माना जाता है। 

मिडिल ईस्ट के देशों में मशहूर है खजुर

हजारों वर्ष पूर्व से ही खजूर के पेड़ों की खेती की जा रही है। खजूर के पेड़ो की खास बात यह है कि इसका पैदावार रेगिस्तानी जमीन पर भी हो सकता है। आमतौर पर खजूर की लंबाई 3 से 7 सेंटीमीटर तक हो सकती है। अंत में आपको बता दें कि खास तौर पर खजूर का पैदावार मध्य पूर्व के अरब जैसे देशों में होती है।

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