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US Nuclear Weapon Missing: संयुक्त राज्य अमेरिका के परमाणु इतिहास में ‘ब्रोकन एरो’ घटनाएं, गायब परमाणु हथियार और सुरक्षा पर उठते सवाल

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US Nuclear Weapon Missing: संयुक्त राज्य अमेरिका, दुनिया की सबसे शक्तिशाली सैन्य ताकतों में से एक के रूप में जाना जाता है। इसके सैन्य क्षमता की एक प्रमुख वजह उसका विशाल परमाणु शस्त्रागार है। हालांकि, यह शस्त्रागार अपने इतिहास में कई परेशानियों और विवादों से भी घिरा हुआ रहा है। इनमें से सबसे गंभीर और चिन्ताजनक घटनाओं में से एक है ‘ब्रोकन एरो’ – वह घटनाएं जिनमें अमेरिकी परमाणु हथियार गायब हो गए थे या दुर्घटनाग्रस्त हो गए थे, और अब तक उनका पता नहीं चल सका है।

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‘ब्रोकन एरो’ घटनाएं और गायब परमाणु हथियार- US Nuclear Weapon Missing

ब्रोकन एरो वह सैन्य शब्द है जिसका उपयोग अमेरिकी परमाणु हथियारों से जुड़ी आकस्मिक घटनाओं को बताने के लिए किया जाता है। ये घटनाएं आम तौर पर उस समय होती हैं जब परमाणु हथियारों से जुड़ी कोई गंभीर दुर्घटना होती है। कोल्ड वॉर के दौरान ऐसी घटनाओं में परमाणु हथियारों के गायब होने की संख्या चौंकाने वाली रही है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कोल्ड वॉर के दौरान छह परमाणु हथियार गायब हो गए थे, जिन्हें आज तक नहीं ढूंढा जा सका है।

US Nuclear Weapon Missing
source: Google

1965 में हुआ प्रसिद्ध बी-52 विमान दुर्घटना

इन घटनाओं में सबसे प्रसिद्ध और परेशान करने वाली घटना 1965 में हुई थी, जब अमेरिकी सेना का बी-52 बमवर्षक विमान उत्तरी कैरोलिना के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस विमान में दो हाइड्रोजन बम लोड थे। जबकि एक बम को बरामद कर लिया गया, दूसरे बम का कोई सुराग नहीं मिल पाया। इस बम के गायब होने की घटना आज भी अमेरिका के परमाणु शस्त्रागार की सुरक्षा पर सवाल उठाती है।

1968 में स्पेन के तट पर हुआ हादसा

इसके बाद 1968 में स्पेन के तट के पास एक और भयावह घटना हुई। इस बार एक बी-52 बमवर्षक विमान ने ईंधन भरने के दौरान एक अन्य विमान से टकरा लिया, जिससे बमवर्षक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इसमें चार थर्मोन्यूक्लियर बम लोड थे। तीन बमों को बरामद कर लिया गया, लेकिन चौथा बम आज तक लापता है। इस बम की तलाश में दशकों से अभियान चलाए गए हैं, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिली। कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह बम शायद अभी भी भूमध्य सागर के अंदर कहीं छिपा हो सकता है।

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1970 के दशक में और घटनाएं

इसके बाद 1970 के दशक में दो अन्य ‘ब्रोकन एरो’ घटनाएं हुईं, जिनमें परमाणु उपकरण नष्ट हो गए थे। ये घटनाएं कथित तौर पर परिवहन या यांत्रिक विफलताओं के कारण हुईं, लेकिन इन घटनाओं के बारे में अधिक जानकारी अब तक गुप्त रखी गई है। ये घटनाएं अमेरिकी परमाणु भंडार की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़ा करती हैं।

सार्वजनिक विश्वास और सुरक्षा पर चिंताएँ

इन घटनाओं की समीक्षा करते हुए आलोचक यह तर्क करते हैं कि अमेरिकी सरकार का इन घटनाओं से निपटने का तरीका, विशेषकर जानकारी की कमी और पारदर्शिता की कमी, परमाणु हथियारों की सुरक्षा पर सार्वजनिक विश्वास को प्रभावित करता है। इससे यह सवाल उठता है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को कैसे रोका जा सकता है और अमेरिकी सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए।

पर्यावरणीय खतरे और संभावित रिसाव

इसके अलावा, विशेषज्ञों ने खोए हुए परमाणु हथियारों से उत्पन्न पर्यावरणीय खतरों के बारे में भी चिंता जताई है। जब बी-52 बमवर्षक विमान और अन्य दुर्घटनाओं की घटनाओं में परमाणु हथियार समुद्र में गिर गए थे, तो समुद्री जीवन और पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर खतरा हो सकता है। अगर ये हथियार समुद्र में रेडियोधर्मी सामग्री लीक करते हैं, तो इससे समुद्र जीवों के लिए भारी खतरा पैदा हो सकता है।

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