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भाजपा और कांग्रेस के वो दिग्गज मुस्लिम नेता जिन्होंने धार्मिक बंधनों को तोड़कर हिन्दू महिलाओं से रचाई शादी ?

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इन मुस्लिम नेताओं ने करी है हिन्दू महिलाओं से शादी 

‘आशिक तो बहुत देखे लेकिन प्यार में जो पागल हो जाए ऐसे आशिक बहुत कम देखे’ अजय देवगन (Ajay devgan) और रवीना टंडन (raveenaa tondon) की सुपरहिट फिल्म दिलवाले (Dilwale) का इससे मिलता जुलता ही डायलॉग तो आपने सुना ही होगा ऐसे ही रियल लाइफ में कुछ दिग्गज नेता (leader) भी हैं, जिन्होंने अपने धर्म के सारे बंधनों को तोड़ते हुए हिन्दू लड़कियों से शादी रचाई है और समाज में एक मिसाल कायम की है साथ ही साथ यह सन्देश भी दिया है की प्यार और रिश्ते किसी धार्मिक बंधन के मोहताज़ नहीं हैं। आज हम आपको भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) के कुछ नेताओं के बारे में बताएँगे जिन्होंने अपने धर्म से अलग होकर अन्य धर्म की महिलाओं के साथ शादियाँ रचाई है । इस लिस्ट में पहला नाम आता है. 

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सैयद शाहनवाज हुसैन (भाजपा)


सैयद शाहनवाज हुसैन (Syed Shahnawaz Hussain) 21 जनवरी 2021 को हुसैन बिहार विधान परिषद के लिए निर्विरोध निर्वाचित हुए। 9 फरवरी 2021 को, उन्हें सातवें नीतीश कुमार मंत्रालय में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया गया। वैसे तो भाजपा के मशहूर नेता शाहनवाज हुसैन काफी खुशमिजाज़ नेता हैं। लेकिन साथ साथ इश्क बाज़ी में भी कम नहीं हैं. अपनी मोहब्बत को पाने के लिए शाहनवाज ने कितने पापड़ बेले हैं ये तो सिर्फ वही बता सकते हैं और करते भी क्यों नहीं, एक हिन्दू लड़की को अपना दिल जो दे बैठे थे । शाहनवाज़ को इश्क का शुरूर तब चढ़ा जब वो अपने कॉलेज के दिनों में दिल्ली के DTC बसों से सफ़र किया करते थे । इसी सफर में उन्हें एक ऐसी लड़की नजर आई जिसके बारे में शाहनवाज़ सोचते सोचते दिन और रात का सफर काटना मुश्किल हो गया था वे अक्सर उस लड़की से मिलते थे लिहाजा कुछ दिनों बाद वे उसका पीछा करने लगे और धीरे-धीरे मुलाकातें हुईं, बातें हुईं। बताया जाता है कि एक दिन बस में शाहनवाज को सीट मिल गई लेकिन उस दिल्ली की लड़की को नहीं मिली तो उन्होंने अपनी सीट उसे दे दी। इस बीच शाहनवाज़ ने रेनू के परिवार वालों से काफी अच्छी बातचीत बना ली थी लेकिन नेता शायद बातों ही बातों में रेनू को दिल दे बैठे उनको पता ही न चला । जब शानावाज़ ने एक दिन रेनू को अपने दिल का हाल बताकर अपने प्यार का इज़हार किया तो रेनू काफी गुस्सा हुई थी और हिन्दू  मुसलमान का हवाला देकर रिश्ते से मना कर दिया. लेकिन शाहनवाज़ कहां हार मानने वाले थे इस चक्कर में 9 साल बीत गए और शायद उनके अल्लाह ने भी उनकी सुन ली, 1994  में आखिरकार दोनों ने शादी कर ली । कहते हैं  इन दोनों प्रेमी जोड़ों की शादी कराने में भाजपा की दिग्गज नेता उमा भारती का बहुत बड़ा हाथ था उन्होंने ने ही इनके परिवार को मनाकर शादी के लिए राजी करवाया था ।

मुख्तार अब्बास नकवी (भाजपा)


भाजपा के दिग्गज नेता और अल्पसंख्यक मामलों के केंद्रीय कैबिनेट मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की शादी सीमा से हुई है. लेकिन ये शादी इतनी आसान नहीं थी जितनी आसान आम शादियां होती हैं । केंद्रीय मंत्री ने लव मैरिज की है. दरअसल, वाक्या उस वक़्त का है जब मुख्तार अब्बास नकवी इलाहाबाद विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान सीमा से मिले थे. साल 1982 में पढ़ाई के दौरान मुख्तार अब्बास नकवी मुखर छात्र नेता के तौर पर जाने जाते थे जबकि सीमा एक शर्मीली मिजाज की  लड़की हुआ करती थी. शुरू से ही लड़कों से बातचीत करने से काफी दूर रहती थी लेकिन मुख्तार से वो खुद को ज्यादा दिन दूर न रख पाई । समय के साथ मुख्तार अब्बास नकवी और सीमा में दोस्ती हुई और धीरे-धीरे एक-दूसरे को प्यार करने लगें लेकिन सीमा के परिवार वालों को ये रिश्ता बिलकुल पसंद नहीं था. सीमा की मां इसके खिलाफ थीं और उन्होंने सीमा को मुख्तार अब्बास नकवी से मिलने से मना भी कर दिया था . घर से मिली कड़ी चेतावनी के बावजूद सीमा एक्स्ट्रा क्लास के बहाने अब्बास नकवी से मिलने जाया करती थीं. और आखिर में दोनों के प्यार के आगे सीमा के परिवार झुकना पड़ा . 3 जून साल 1983 में दोनों शादी के पवित्र रिश्ते में बंध गए. अब्बास नकवी ने सीमा के साथ तीन तरीके से शादी की. सबसे पहले दोनों ने कोर्ट में शादी की, फिर निकाह किया और अंत में सात फेरे लिए ।

उमर अब्दुल्ला (कांग्रेस)


2008-09 में उमर की पार्टी नेशनल कॉन्फ्रेंस ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनावों में सबसे ज्यादा सीटें जीतीं और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाई। 5 जनवरी 2009 को उमर अब्दुल्ला ने मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। जम्मू-कश्मीर के इतिहास में वे अब तक सबसे युवा मुख्यमंत्री हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और उनकी एक्स वाइफ पायल नाथ 17 साल की शादी निभाने के बाद भले ही एक दूसरे से अलग हो चुके हों लेकिन कभी उनकी भी एक खूबसूरत प्रेम कहानी थी. उमर और पायल की प्रेम कहानी दिल्ली के ओबेराय होटल से शुरू हुई थी । दरअसल उमर यहां होटल ग्रुप के मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव थे और पायल नाथ भी यहां काम करती थीं. नजदीकियां बढती गई और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया । पायल  सिख फैमिली से रिश्ता रखती थी और उनके पिता मेजर जनरल रामनाथ सेना से रिटायर्ड हैं. वहीं उमर अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला के बेटे हैं. मजहब की दीवार पार कर उमर और पायल ने 1994 में शादी कर ली थी । शादी के बाद ऐसा कम ही होता था जब किसी फंक्शन में उमर बिना पायल के जाते थे उमर और पायल के दो बेटे हैं जाहिर और जमीर जो अब अपनी माँ के साथ दिल्ली में ही रहते हैं । वहीं 17 साल की शादी के बाद उमर अब्दुल्ला और पायल 2011 में एक दूसरे से अलग हो गए,  पायल अब दिल्ली में अपना ट्रांसपोर्ट का बिजनेस देखती हैं . बताया जाता है कि दोनों की शादी को लेकर कश्मीरी पंडित नाराज थे। शादी के बाद पायल बहुत कम समय जम्म
ू कश्मीर में रही थीं ।

सिकंदर बख्त (भाजपा)


चमकीले बालों वाले ‘पद्म भूषण’ सिकंदर बख़्त, जो एक समय में कांग्रेस के नेता हुआ करते थे  थे. बख्त हफ्ते भर के लिए भारत के विदेश मंत्री भी रहे और ये एकमात्र ऐसे राज्यपाल थे जिनकी पद पर रहते हुए केरला के थिरुवंथापुरम मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई थी ।  ये वो मुस्लिम नेता थे, जिन्हें बीजेपी भी अपना फाउंडिंग मेंबर कहती थी. सिकंदर बख्त अटल-आडवाणी के जमाने के बीजेपी के कद्दावर मुस्लिम नेता थे। वह भाजपा के संस्थापक सदस्यों में थे और अटल सरकार में एक बार उद्योग मंत्री भी रहे। उनकी लव स्टोरी के बारे में कुछ खास तो नही । भारत को आजाद हुए मुश्किल से 3 साल हुए थे वहीँ  सिकंदर बख्त एक हिन्दू लड़की राज शर्मा को अपना दिल बैठे और दोनों बिना एक दूसरे का धर्म बदले शादी कर ली और अपने दोनों बेटों का भी हिंदू नाम अनिल बख्त और सुनील बख्त रखा था इस बात से हिन्दू महासभा भी काफी भड़की हुई थी उन्होंने कहा कि मुस्लिम पुरुष अपनी महिलाओं को बहला-फुसलाकर हिंदुओं को खतरे में डाल रहे हैं। लेकिन इन सबसे से परे बिना किसी की परवाह किये इन दोनों ने अपने रिश्ते को बखूबी निभाया. 

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