Cough Syrup Mafia का बड़ा भंडाफोड़, दुबई से चल रहा था यूपी-बांग्लादेश तक का काला कारोबार, मास्टरमाइंड शुभम दुबई फरार

Table of Content

Cough Syrup Mafia: उत्तर प्रदेश में प्रतिबंधित कोडीनयुक्त कफ सिरप फेंसिडिल की अवैध तस्करी को लेकर सामने आया रैकेट जितना बड़ा है, उतना ही चौंकाने वाला भी। यूपी एसटीएफ (STF) की लगातार कार्रवाई के बाद यह खुलासा हुआ कि यह नेटवर्क झारखंड से लेकर यूपी और बांग्लादेश तक फैला हुआ है। करोड़ों रुपये की इस तस्करी में सिर्फ गिरोह के सदस्य ही नहीं, बल्कि कई प्रभावशाली चेहरे, बाहुबली नेता और कथित ‘सफेदपोश’ भी जुड़े नजर आ रहे हैं।

और पढ़ें: Nikki Bhati murder case: पहले से रची गई साजिश, 500 पन्नों की चार्जशीट में खुला 21 अगस्त की रात का दर्दनाक सच

इस पूरे सिंडिकेट को चलाने वाले वाराणसी के मुख्य मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल के दुबई भाग जाने के बाद एसटीएफ ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी कर दिया है। वहीं, पूरे नेटवर्क में अहम भूमिका निभाने वाले जौनपुर निवासी अमित सिंह उर्फ टाटा को लखनऊ के गोमतीनगर इलाके से गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती। तस्करी की इस कड़ी से कई राजनीतिक और बाहुबली नेताओं के नाम जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भूमिका भी अब सवालों के घेरे में आ गई है।

अमिताभ ठाकुर की मांग: पूर्व सांसद की भूमिका की जांच हो (Cough Syrup Mafia)

अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी और आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने यूपी डीजीपी को पत्र लिखकर इस मामले में पूर्व सांसद धनंजय सिंह की भूमिका जांचने की मांग की है। अमिताभ ठाकुर का कहना है कि कुछ दिन पहले यह दावा किया गया था कि पूरे रैकेट के पीछे टाटा काम कर रहा था और शुभम जायसवाल के लिए उसने रास्ता बनाया। अब जब एसटीएफ ने टाटा को गिरफ्तार कर लिया है, तो यह जानना जरूरी है कि उसके पीछे कौन-कौन लोग खड़े थे।

सोशल मीडिया पर तस्वीरें: बाहुबली और नेताओं से दोस्ताना कनेक्शन

इस तस्करी कांड की चर्चा तब और गहरी हो गई जब सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल होने लगीं। इन तस्वीरों में बीजेपी विधायक सुशील सिंह, अमित टाटा को अपना छोटा भाई कहते नजर आ रहे हैं। एक वीडियो में धनंजय सिंह भी अमित टाटा को “छोटा भाई” कहकर संबोधित कर रहे हैं और शुभम जायसवाल तथा धनंजय सिंह की कथित तस्वीरें भी चर्चाओं का विषय बनी हुई हैं। इन तस्वीरों ने यह संकेत दिया कि जिस रैकेट को अब उजागर किया गया है, वह सिर्फ अपराधियों का गैंग नहीं था, बल्कि उसे राजनीतिक और बाहुबली सर्कल का भी मजबूत संरक्षण मिल रहा था।

फॉर्च्यूनर कार का नंबर भी बताता है गहरी नजदीकी

अमित सिंह टाटा की गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ ने उसकी एक फॉर्च्यूनर कार बरामद की, जिसका नंबर UP-9777 है। दिलचस्प बात यह है कि यही नंबर धनंजय सिंह अपनी लगभग सभी गाड़ियों पर इस्तेमाल करते हैं। यह कार टाटा की पत्नी साक्षी सिंह के नाम पर दर्ज है, लेकिन अक्सर धनंजय सिंह के काफिले में शामिल दिखाई देती थी। एसटीएफ की शुरुआती जांच में यह भी पता चला कि शुभम और अमित हर साल दुबईऔर पटाया की यात्राएं करते थे और तस्करी से कमाए गए पैसे का लेन-देन हवाला चैनल्स के ज़रिए किया जाता था।दुबई में घूमते दोनों की सोशल मीडिया तस्वीरें भी अब सामने आ चुकी हैं।

कफ सिरप तस्करी का पूरा नेटवर्क कैसे चलता था?

पूछताछ में अमित टाटा ने STF को बताया कि शुभम ने धनबाद में देव कृपा मेडिकल एजेंसी, वाराणसी में श्री मेडिकल नाम से फर्जी फर्में बनवाई थीं। सारा लेन-देन शुभम और उसकी टीम संभालती थी। शुभम ने टाटा को यह लालच दिया था कि 5 लाख निवेश करने पर 30 लाख तक कमाए जा सकते हैं, क्योंकि फेंसिडिल की सबसे ज्यादा मांग पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश में है। फर्जी बिल और ई-वे बिल बनाकर कफ सिरप को एक राज्य से दूसरे राज्य में भेजा जाता था।

सबसे बड़ा खुलासा यह कि एबॉट कंपनी के अधिकारियों की मिलीभगत से 100 करोड़ से अधिक का फेंसिडिल खरीदा गया! पूछताछ में टाटा ने कहा कि कंपनी ने बाद में उत्पादन बंद कर दिया था, लेकिन शुभम की फर्में फिर भी ‘सुपर स्टॉकिस्ट’ बनी रहीं, जो खुद में एक बड़ा फर्जीवाड़ा है।

जांच की शुरुआत कैसे हुई?

फरवरी 2024 में फेंसिडिल की नकली और अवैध सप्लाई की खबरें कई राज्यों से आने लगीं।
यूपी सरकार ने एसटीएफ और फूड एंड ड्रग डिपार्टमेंट की संयुक्त टीम बनाकर एक बड़ी जांच शुरू कराई। लखनऊ के सुशांत गोल्फ सिटी थाना क्षेत्र में भारी मात्रा में कफ सिरप मिलने के बाद एफआईआर दर्ज की गई और वहीं से अमित टाटा व शुभम का नाम सामने आया। अमित ने खुलासा किया कि उसे आजमगढ़ के विकास सिंह ने शुभम से मिलवाया था। इसके बाद अमित ने पैसा लगाया, फर्में बनीं, मुनाफा आया और पूरा रैकेट तेजी से फैल गया। इधर, कार्रवाई शुरू होते ही शुभम अपने परिवार और पार्टनर के साथ दुबई भाग गया।

सियासी कनेक्शन: MLC बनने की तैयारी में था शुभम

सूत्रों के अनुसार, शुभम जायसवाल खुद को यूपी विधान परिषद (MLC) में पहुंचाने की कोशिश कर रहा था। इसके लिए वह बड़े नेताओं से संपर्क बनाने, उनके करीबियों को महंगी गाड़ियां गिफ्ट करने और बाहुबलियों का समर्थन जुटाने में लगा था। अमित टाटा खुद भी राजनीति में उतरने की तैयारी कर रहा था।
उसके फेसबुक अकाउंट पर “लक्ष्य 2026 – रामपुर ब्लॉक प्रमुख” लिखा मिला है।

धनंजय सिंह की सफाई

मामले में नाम आने के बाद पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने फेसबुक पर लंबी पोस्ट लिखकर अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताया। उन्होंने कहा कि यह पूरा मामला उनके नाम को बदनाम करने की साजिश है और कांग्रेस इसे पीएम मोदी की छवि धूमिल करने के लिए इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने पीएम मोदी और सीएम योगी को पत्र लिखकर CBI जांच की मांग भी की है।

उधर, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले पर बीजेपी पर हमला बोला और कहा, “बीजेपी अब माफियाजीवी पार्टी बन चुकी है। कभी एनकाउंटर माफिया, कभी कफ सिरप माफिया, कभी नीट माफिया… सब भाजपा में हैं।”

हत्या का एक और मामला: राजा आनंद ज्योति सिंह प्रकरण फिर खुला

अमित सिंह टाटा का अपराध रिकॉर्ड और बड़ा है। उस पर वाराणसी सेंट्रल बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष अधिवक्ता राजा आनंद ज्योति सिंहकी हत्या का आरोप है। 30 नवंबर 2024 को अधिवक्ता की मौत एक दवा कारोबारी की पार्टी में हुई थी, जहां उन्हें कथित तौर पर जहर मिली कॉफी पिलाई गई थी। अधिवक्ता की पत्नी भारती सिंह का आरोप है कि यह हत्या टाटा और शुभम ने इसलिए की क्योंकि अधिवक्ता कफ सिरप के इस गोरखधंधे का खुलासा करने वाले थे।

तत्कालीन पोस्टमार्टम रिपोर्ट में जहर स्पष्ट न होने के कारण पुलिस ने दोनों को क्लीन चिट दे दी थी।
अब पत्नी की गुहार पर डीसीपी वरुणा जोन और एसीपी सारनाथ ने मामले की दोबारा जांच शुरू कर दी है। पुरानी फाइलें, पोस्टमार्टम रिपोर्ट, विसरा, सीसीटीवी फुटेज और सीडीआर फिर से जांचे जा रहे हैं।

गाड़ियों का काफिला, अचानक बढ़ी दौलत और माफिया कनेक्शन

एसटीएफ की जांच में पता चला कि पहले सिर्फ स्कार्पियो से चलने वाला अमित टाटा पिछले डेढ़ साल में एक फॉर्च्यूनर, एक स्कार्पियो, और अन्य महंगी गाड़ियां खरीद चुका था। ये गाड़ियां उसे शुभम ने दिलाई थीं, ताकि पूर्वांचल के माफिया उससे रंगदारी न मांगें। एसटीएफ को जानकारी मिली है कि शुभम ने पूर्वांचल के कम से कम तीन नेताओं को महंगी गाड़ियां लैंड क्रूजर और फॉर्च्यूनर गिफ्ट में दी थीं। शुभम ने पूरा हिसाब अपने Apple Macbookमें रखा था और साड़ी, होटल, बालू, कोयला और सरिया जैसे दूसरे धंधों में भी तेजी से पैर पसार रहा था।

सेंट्रल बार उपाध्यक्ष की पत्नी ने डिप्टी सीएम से लगाई गुहार

वाराणसी में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के आगमन पर अधिवक्ता की पत्नी भारती सिंह ने उनसे मुलाकात कर पति की हत्या की निष्पक्ष जांच की मांग की। उन्होंने आरोप दोहराया कि टाटा और शुभम ने सुनियोजित तरीके से उनके पति को खत्म किया और पुलिस ने प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की। डिप्टी सीएम के निर्देश के बाद पुलिस ने केस फिर से खोल दिया है।

शुभम की डार्क डिजिटल दुनिया: फेसटाइम और Jangy App से करता था बातचीत

एसटीएफ को पूछताछ में यह भी पता चला कि शुभम फेसटाइम के जरिए अपने साथियों से बात करता था, जबकि उसका पार्टनर विकास सिंह Jangy App नाम के एक खास एप से संपर्क में रहता था। जीएसटी पेमेंट उसके सीए तुषार के जरिए किया जाता था। धनबाद के औषधि निरीक्षक के निरीक्षण से जुड़ी एक रिपोर्ट भी वरुण सिंह के मोबाइल में मिली है।

तस्करी से लेकर राजनीति तक…एक बड़ा खेल उजागर

फेंसिडिल कफ सिरप तस्करी का यह कांड अब सिर्फ एक अवैध व्यवसाय का मामला नहीं रहा।
जांच में जो-जो नाम सामने आ रहे हैं, उन्होंने यह साफ कर दिया कि यह नेटवर्क राजनीति, अपराध, दवा कारोबार और अंतरराष्ट्रीय तस्करी का मिला-जुला रूप था। मुख्य आरोपी शुभम अभी दुबई में है, लेकिन उसकी गिरफ्तारी के बाद इस मामले में और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

और पढ़ें: Almora News: गेंद ढूंढते-ढूंढते बच्चों को स्कूल के पास मिला 161 जिलेटिन स्टिक, अल्मोड़ा में बरामद 20 किलो विस्फोटक

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds