Maha Kumbh 2025: गंगा तट पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, 45 करोड़ श्रद्धालुओं की उम्मीदों के साथ शुरू हुआ महाकुंभ

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Maha Kumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 का शुभारंभ आज से हो गया है। संगम तट पर आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा है। पौष पूर्णिमा के पहले अमृत स्नान पर्व पर श्रद्धालु गंगा, यमुना, और सरस्वती (अदृश्य) नदी के पवित्र संगम में डुबकी लगा रहे हैं। अनुमान है कि आज लगभग 1 करोड़ श्रद्धालु पवित्र स्नान करेंगे।

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श्रद्धालुओं का सैलाब- Maha Kumbh 2025

शनिवार और रविवार को संगम पर स्नान करने के लिए लाखों श्रद्धालु पहुंचे। अधिकारियों के अनुसार, शनिवार को 33 लाख श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया। रविवार को यह संख्या बढ़कर 50 लाख तक पहुंच गई। दो दिनों में कुल मिलाकर 85 लाख से ज्यादा श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं।

इतिहास का सबसे बड़ा महाकुंभ

इस वर्ष के महाकुंभ को अब तक का सबसे बड़ा आयोजन माना जा रहा है। सूचना निदेशक शिशिर ने बताया, “इस बार महाकुंभ में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है, जो इसे इतिहास का सबसे बड़ा धार्मिक समागम बनाएगा।”

Maha Kumbh 2025 Royal Bath
Source: Google

अखाड़ों की धूम

महाकुंभ के दौरान सनातन धर्म के 13 प्रमुख अखाड़े अपने-अपने क्षेत्र में शिविर लगाकर साधना और अनुष्ठान कर रहे हैं। रविवार को श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन ने शिविर क्षेत्र में प्रवेश किया, जिससे अखाड़ों के जुलूस का समापन हुआ। पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के अवसर पर 14 जनवरी को होगा।

आस्था और आधुनिकता का संगम

उत्तर प्रदेश पुलिस और प्रशासन ने महाकुंभ को भव्य, दिव्य, डिजिटल और सुरक्षित बनाने के लिए विशेष प्रबंध किए हैं। ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के जरिए निगरानी सुनिश्चित की गई है। कुंभ क्षेत्र में पार्किंग, स्वच्छता, और ट्रैफिक प्रबंधन के लिए डिजिटल तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। उत्तर प्रदेश के डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “इस बार हमने पारंपरिक व्यवस्थाओं से आगे बढ़कर तकनीक का भरपूर उपयोग किया है। पुष्प वर्षा के साथ श्रद्धालुओं का स्वागत किया जा रहा है।”

Maha Kumbh 2025 Royal Bath
Source: Google

महाकुंभ की खासियतें

  1. श्रद्धालुओं के लिए विशेष इंतजाम:
    • स्नान के दौरान भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए 24/7 निगरानी।
    • मेडिकल सुविधा और इमरजेंसी सेवाएं तैनात।
  2. डिजिटल तकनीक का उपयोग:
    • मोबाइल एप्स के जरिए स्नान तिथियों और अखाड़ों की जानकारी।
    • कुंभ क्षेत्र में वाई-फाई और डिजिटल डिस्प्ले।
  3. साफ-सफाई पर जोर:
    • कुंभ क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाने का प्रयास।
    • गंगा की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए विशेष अभियान।

श्रद्धालुओं का उत्साह

संगम तट पर श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, और साधु-संत आस्था में लीन होकर संगम तट पर अनुष्ठान कर रहे हैं। पुष्प वर्षा और भव्य आयोजन के बीच श्रद्धालु अपनी संस्कृति और परंपराओं का अनुभव कर रहे हैं।

अधिकारियों की तैयारी

डीजीपी प्रशांत कुमार ने कहा, “भीड़ प्रबंधन और सुरक्षा के लिए सभी अधिकारी हाई अलर्ट पर हैं। श्रद्धालुओं को किसी भी परेशानी का सामना न करना पड़े, इसके लिए हर स्तर पर तैयारियां की गई हैं।”

आस्था और भक्ति का महासंगम

महाकुंभ मेला 2025 न केवल आस्था और भक्ति का पर्व है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विविधता और धार्मिक परंपराओं का उत्सव भी है। करोड़ों श्रद्धालु यहां अपनी धार्मिक मान्यताओं को साकार करते हैं और पवित्र स्नान के जरिए आत्मशुद्धि की ओर अग्रसर होते हैं।

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