चंडीगढ़ के इस गांव में मिले 26 लाख साल पुराने इंसानी मौजूदगी के सबूत, जानिए शोधकर्ता ने क्या कहा

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आज तक कोई भी यह अनुमान नहीं लगा पाया है कि मनुष्य और पृथ्वी का रिश्ता कितना पुराना है। लेकिन वैज्ञानिक समय-समय पर इस विषय पर अपनी थ्योरी देते रहते हैं। कुछ साल पहले धरती पर कुछ ऐसा ही मिला था जिससे यह साबित हो गया था कि 26 लाख साल पहले भी धरती पर मनुष्य मौजूद था। यह शोध एक फ्रेंच जर्नल में प्रकाशित हुआ है। जिसमें कहा गया था कि चंडीगढ़ के पास मसूल गांव में ऐसे सबूत मिले हैं।

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गांव को लेकर हुई रिसर्च

इस शोध को और मजबूत करने के लिए फ्रांस और भारत के विशेषज्ञ ने एक साथ मिलकर काम किया था। मसूल गांव में फ्रांस के नेशनल म्यूजियम ऑफ नेचुरल हिस्ट्री और भारत के सोसायटी फॉर आर्कियोलॉजिकल एंड एंथ्रोपोलॉजिकल रिसर्च की टीम को खुदाई के दौरान कई और सबूत मिले हैं, जिससे वैज्ञानिकों को यह अनुमान लगाने में मदद मिली है कि हमारा वंश 26 लाख साल से भी ज्यादा पुराना हो सकता है, न कि सिर्फ 26 लाख साल।

  lakh years old human presence Evidence found
Source: Google

शोधकर्ता ने क्या कहा

इस शोध से जुड़े डॉ. मुकेश सिंह बताते हैं कि उनकी टीम ने फरवरी और मार्च के महीने में कई दिनों तक लगातार यहां खुदाई की। उनके साथ फ्रांस से डॉमिनिक कोश और डॉ. एन. मालसे भी थे। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के विशेषज्ञ भी उनके साथ थे। डॉ. मुकेश बताते हैं कि उन्हें यहां कई जीवाश्म और औजार मिले हैं जिन्हें परीक्षण के लिए फ्रांस भेजा गया है। डॉ. मुकेश के मुताबिक इन साक्ष्यों का परीक्षण कॉस्मो-न्यूक्लिड डेटिंग पद्धति से किया जाएगा, जिससे यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि ये जीवाश्म किस जानवर के हैं और कितने पुराने हैं।

दुर्लभ प्रजाति के जानवरों के मिले फॉसिल्स

पिछली खुदाई में कई दुर्लभ प्रजाति के जानवरों के जीवाश्म मिले थे। उस समय कुछ जानवरों की हड्डियां मिली थीं, जिन पर काटने के निशान थे। जांच के बाद पता चला कि ये काटने के निशान इंसानों ने बनाए थे। स्टेगोडॉन नामक हाथी की एक दुर्लभ प्रजाति के जीवाश्म भी खुदाई में मिले थे। जो मैमथ प्रजाति का भी है। इस प्रजाति के हाथियों के दांत के टुकड़े, जबड़ा, घुटना और अंग मिले थे। इसके अलावा कछुए की दुर्लभ प्रजाति के जीवाश्म भी मिले थे। इन जीवाश्मों को सेक्टर-10 स्थित नेचुरल हिस्ट्री म्यूजियम में रखा गया है। पिछले साल फ्रांस के राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद और पीएम नरेंद्र मोदी इन जीवाश्मों को देखने चंडीगढ़ आए थे।

आपको बता दें, अब तक मानव गतिविधियों के सबसे पुराने सबूत इथियोपिया और चीन में मिले थे, लेकिन उनकी खोज में मिले जीवाश्म उससे भी हज़ारों साल पुराने हैं। अब जो नई खोजें हो रही हैं, उनमें अनुमान लगाया जा रहा है कि इंसानों की मौजूदगी 2.6 मिलियन साल से भी पहले की हो सकती है।

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