आखिर क्या है सिख धर्म में नीली पगड़ी और पोशाक पहनने का इतिहास, जानिए कौन होते हैं ये सिख

Table of Content

ये सिख पहनते हैं नीली पगड़ी और पोशाक 

अपने गुरूद्वारे में नीली पगड़ी और पोशाक पहने कई सिखों (Sikh) को देखा होगा.  जिनको लेकर लोगों द्वारा कहा जाता है कि ये गुरुद्वारे के पुजारी है जो यहाँ पर सेवा करते हैं. लेकिन ऐसा नही है इन लोगों को निहंग सिख कहा जाता है. वहीं इस पोस्ट के ज़रिये हम आपको निहंग सिख कौन होते हैं और क्यों ये सिख नीली पगड़ी और पोशाक पहनते हैं इस बात की जानकारी देने जा रहे हैं.  

Also Read- कई बार नष्ट करने के बाद ऐसे बना सिखों का सबसे बड़ा तीर्थ स्थल अमृतसर का Golden Temple.

कहां से आया निहंग शब्द 


सबसे पहले बात करते है निहंग शब्द कहां से आया इस शब्द का जन्म संस्कृत से हुआ है और इसका अर्थ है निडर और शुद्ध,  एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 1699 में सिख पंथ के अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी द्वाराखालसा की स्थापना की गई थी। खालसा पंथ के पास 2 तरह के सैनिक होते थे। एक वो जो साधारण कपड़े पहनते थे और दूसरे वो जो नीले रंग के कपड़े पहनते और बड़ी-सी पगड़ी लगाते थे। नीले रंग के कपड़े पहनने वालों को ही निहंग (nishank sikh) कहा गया और ये सभी लोग अमृत धारण किए होते हैं। 

ऐसे हुई पगड़ी और नीले रंग का चोला पहनने की शुरुआत 


वहीं ये भी कहा जाता है कि जब गुरु गोविंद सिंह जी (Guru Govind Singh Ji ) के 4 पुत्र में से 1 सबसे छोटे पुत्र बाबा फतेह सिंह जी (Baba fateh singh Ji) को भी अपने भाइयों की तरह युद्ध कला सीखने की बात कही तो उन्हें ये ये कहन कर मना कर दिया गया कि वो छोटे हिं जिसके बाद वो घर गए और बड़ी-सी पगड़ी और नीले रंग का चोला पहनकर बाहर आए और कहा कि अब तो मैं छोटा नहीं लग रहा हूं। तभी से निहंग पंथ की नीली वेशभूषा (blue suit) पहनने की शुरुआत हुई. 

बाकि सिखों से क्यों अलग होते हैं निहंग सिख  


निहंग सिखों को बाकि सिख से सिर्फ नीले रंग के कपड़ों की वजह से अलग नजर नहीं आते. नीले रंग कपडे पहनने के साथ-साथ निहंग सिख हमेशा बड़ा तेग (भाला) या तलवार होती है. वे हमेशा नीली पगड़ी (Blue Turban) बांधे रहते हैं, साथ ही पगड़ी पर भी चांद तोरा लगा होता है. हाथ में कड़ा पहनते हैं और कमर पर कटार बांधकर रखते हैं. कई सिख ढाल भी रखते हैं और उनका योद्धाओं के जैसा पहनावा होता है. निहंगों में भी 2 समूह ब्रह्मचर्य और गृहस्थ. एक समूह  ब्रह्मचर्य का पालन करता है और दूसरा गृहस्थ, गृहस्थ निहंग की पत्नियां और बच्चे भी वही वेश धारण करते हैं, जो निहंग करते हैं और ये सब भी समूह के साथ ही चलते हैं। गृहस्थ निहंग सिख गुरुओं के जीवन से जुड़े स्थानों पर घूमते हैं इनके 3 दल हैं- तरना दल, बिधि चंद दल और बुड्ढा दल। इन सबके अलग-अलग मुखिया होते हैं जिन्हें जत्थेदार कहा जाता है।

क्या करते है निहंग सिख 

निहंग सिख रोज गुरबानी का पाठ करते हैं, बाणे में रहते हैं, भ्रमण करते रहते हैं, अस्त्र और शस्त्र का अभ्यास करते रहते हैं। सिखों के त्योहारों पर यह अपनी कला का प्रदर्शन भी करते रहते हैं। किसी मजबूर, गरीब या कमजोर पर हाथ न उठाना, उनकी रक्षा करना और धर्म की रक्षा करना का कार्य भी करते हैं.निहंग सिखों का धार्मिक चिन्ह निशान साहिब भी नीले रंग का होता है जबकि बाकी के सिख केसरी रंग के निशान साहिब को अपना धार्मिक चिन्ह मानते हैं। निहंग सिख आदि ग्रंथ साहिब (गुरु ग्रंथ साहिब) के साथ-साथ श्री दशम ग्रंथ साहिब और सरबलोह ग्रंथ को भी मानते हैं.

Also Read- जानिए कैसे सिख धर्म में हुई कृपाण धारण करने की शुरुआत और कौन कर सकता इसे धारण.

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds