जानिए कैसे ये गांव बन गया बिहार का मिनी पंजाब, वजह जानकर हैरान रह जाएंगे आप

Table of Content

बिहार के अररिया के बारे में एक बहुत ही रोचक कहानी है। कहा जाता है कि ब्रिटिश काल में इसे ‘आवासीय क्षेत्र’ के नाम से जाना जाने लगा। जिसे संक्षेप में ‘आर-एरिया’ यानी आर एरिया भी कहा जाता था। समय के साथ आर-एरिया का नाम बदलकर ‘अररिया’ हो गया। 2011 की जनगणना के अनुसार अररिया की जनसंख्या 28,11,569 है। लेकिन हैरान करने वाली बात ये है कि यहां एक ऐसा गांव भी है जिसे मिनी पंजाब कहा जाता है। यहां रहने वाले लोगों ने सामाजिक भेदभाव के चलते अपना धर्म बदल लिया है और लंबे व्यक्त से वह यहीं रह रहे हैं। तो चलिए आपको इसके बारे में भी बताते हैं।

और पढ़ें: तमिलनाडु के इस गांव में आज भी नहीं है दलितों को सैलून जाने की इजाजत, जानिए जातिगत भेदभाव सह रहे पीड़ित लोगों का दर्द

बिहार के इस गांव का नाम खास हलहलिया है और यहां महादलित मुसहर समुदाय बसा हुआ है। गांव के इन लोगों ने सामाजिक बंधन तोड़कर सिख धर्म अपना लिया है। यहां एक गुरुद्वारा भी है, जहां रोजाना कीर्तन होता है और खास मौकों पर लंगर भी चलता है, जिसमें दूसरे समुदाय के लोग भी आते हैं।

लोगों ने अपनाया सिख धर्म

सरदार टोला, फोर्ब्सगंज अनुमंडल के हलहलिया पंचायत में स्थित इस गांव का नाम है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस इलाके में करीब 300 सिख रहते हैं। इतना ही नहीं, इन लोगों के पहनावे में भी बदलाव आया है। वे सिखों जैसी ही जीवनशैली जीते हैं। इस इलाके की महिलाएं सलवार कमीज पहनती हैं और कृपाण लटकाती हैं। युवा भी लंबे बालों को पगड़ी में बांधकर रखते हैं।

Know how this Bihari village became mini Punjab
Source: Google

गांव के लोगों ने बदली अपनी जिंदगी

यहां के लोगों का कहना है कि जब वे पंजाब आते थे तो हम सिख उनका बहुत सम्मान करते थे। वहां भेदभाव नहीं होता। लेकिन बिहार के कई इलाकों में हम जैसे महादलितों को भेदभाव का सामना करना पड़ता है और उन्हें तिरस्कृत किया जाता है। लेकिन उनकी तरह हम भी इंसान हैं। यही वजह है कि परिवार और मैंने सिख धर्म अपनाने का अहम फैसला किया। आपको बता दूं कि इस गांव के बच्चों को स्कूल से जोड़ने का प्रयास किया गया क्योंकि वे शिक्षा से वंचित थे। जब बच्चों को शिक्षा मिलनी शुरू हुई तो महिलाओं में भी बदलाव आने लगा। रहन-सहन और बोलचाल का तरीका दोनों बदल गया। जब लोगों ने इस बदलाव को देखा तो और लोग भी जुड़ने लगे।

Know how this Bihari village became mini Punjab
Source: Google

बता दे कि आज से कुल सालों पहले तक इस गांव की स्थिति काफी दर्दनाक थी। यहां मुसहर समाज के लोग रहते थे। यह सभी दूसरे के खेतों में मजदूरी का काम किया किया करते थे। लेकिन जब से इन लोगों ने सिख धर्म को अपनाया है तो इन लोगों में काफी बदलाव आया। इन्होंने राजाना पूजा-पाठ शुरू किया। आज यहां गुरुद्वारा बन गए हैं और लोग सुबह-शाम कीर्तन करते हैं।

और पढ़ें: जानिए कैसे हीरा डोम ने अपनी एक कविता से शुरू किया था दलित आंदोलन, लिखी थी ‘अछूत की शिकायत’

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds