Karnataka EX DGP Murder: मैंने राक्षस को मार डाला!…पूर्व DGP ओम प्रकाश की हत्या से पहले पत्नी ने रचा था पूरा ब्लड प्लान, गूगल सर्च और वीडियो कॉल से खुला राज!

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Karnataka EX DGP Murder: कर्नाटक के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) ओम प्रकाश की हत्या के मामले में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। बेंगलुरु के एचएसआर लेआउट स्थित उनके आवास में मृत पाए गए ओम प्रकाश की पत्नी पल्लवी ने खुद को हत्या का आरोपी बताते हुए पुलिस कंट्रोल रूम 112 पर कॉल की। इस कॉल में पल्लवी ने कहा, “मैंने ही हत्या की है।” इसके बाद पुलिस ने पल्लवी और उनकी बेटी कृति को हिरासत में ले लिया, जबकि उनका बेटा कार्तिकेश घर पर मौजूद नहीं था।

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कार्तिकेश और कृति के बयानों में फर्कKarnataka EX DGP Murder

एफआईआर के मुताबिक, जब कार्तिकेश घर लौटे, तो उन्होंने अपने पिता को खून से सने हुए जमीन पर पड़ा पाया। शुरुआत में उन्होंने अपनी मां या बहन पर सीधे आरोप नहीं लगाए, लेकिन 20 अप्रैल 2025 को दर्ज शिकायत में उन्होंने कहा कि पल्लवी पिछले एक हफ्ते से ओम प्रकाश को जान से मारने की धमकी दे रही थीं। इन धमकियों के चलते ओम प्रकाश ने अस्थायी रूप से अपनी बहन सरिता कुमारी के घर शरण ली थी। इस दौरान, पल्लवी और ओम प्रकाश के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे, और दो दिन पहले कृति ने अपने पिता को जबरन घर वापस ले आया था।

 

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हत्या का दिन: घटनास्थल पर पहुंचने तक पहले ही पुलिस मौजूद थी

हत्या वाले दिन, कार्तिकेश कर्नाटक गोल्फ एसोसिएशन में थे, जब शाम को 5 बजे उनके पड़ोसी जयश्री श्रीधरन ने उन्हें फोन कर बताया कि उनके पिता गंभीर रूप से घायल अवस्था में पड़े हैं। जब कार्तिकेश 5:45 बजे घर पहुंचे, तो पुलिस और स्थानीय लोग पहले ही घटनास्थल पर मौजूद थे। एफआईआर में उल्लेख किया गया है कि ओम प्रकाश के सिर और गर्दन पर गंभीर चोट के निशान थे, और घटनास्थल से एक टूटी हुई बोतल और चाकू भी बरामद किया गया। उन्हें सेंट जॉन हॉस्पिटल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

पल्लवी का वीडियो कॉल

पुलिस जांच में यह खुलासा हुआ है कि यह हत्या पूर्व-नियोजित हो सकती है। एक अधिकारी के अनुसार, पल्लवी और ओम प्रकाश के बीच बहस के दौरान पल्लवी ने ओम प्रकाश के चेहरे पर मिर्च पाउडर फेंका और जब ओम प्रकाश इससे उबरने की कोशिश कर रहे थे, तब उन्हें कई बार चाकू से हमला किया। इसके बाद, पल्लवी ने एक दोस्त को वीडियो कॉल करके कहा, “मैंने उस राक्षस को मार दिया।”

अब आया नया खुलासा: हत्या से पहले गूगल सर्च और व्हाट्सएप मैसेज

अब ताजा रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि हत्या से पांच दिन पहले पल्लवी ने गूगल पर यह खोजा था कि “गर्दन की नसें और रक्तवाहिकाएं काटने से मौत कैसे होती है।”
इतना ही नहीं, सूत्रों के मुताबिक, पल्लवी ने हत्या से पहले एक व्हाट्सएप ग्रुप में कई संदेश भी साझा किए थे, जिनमें उसने खुद को घर में बंधक बताए जाने, निगरानी में रखे जाने और जहर दिए जाने की कोशिश की शिकायत की थी। उसने अपनी बेटी कृति की सुरक्षा को लेकर भी चिंता जाहिर की थी।

14 दिन की न्यायिक हिरासत और मानसिक जांच

सोमवार को अदालत में पेशी के बाद पल्लवी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। वहीं, कृति को मानसिक स्थिति की जांच के लिए निमहंस (NIMHANS) अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
पुलिस ने सोमवार शाम पल्लवी को घटनास्थल पर ले जाकर घटनाओं की पुनरावृत्ति करवाई, जहां पल्लवी ने खुद को घरेलू हिंसा की पीड़िता बताया। मामले की गंभीरता को देखते हुए अब बेंगलुरु पुलिस कमिश्नर बी. दयानंद ने इसकी जांच सेंट्रल क्राइम ब्रांच (CCB) को सौंप दी है। CCB ने मंगलवार से इस हाई-प्रोफाइल मामले की औपचारिक जांच शुरू कर दी है।

संपत्ति विवाद और पारिवारिक तनाव

PTI की रिपोर्ट के मुताबिक, पल्लवी और ओम प्रकाश के बीच संपत्ति को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा था, जिसमें दांडेली में स्थित एक जमीन का मामला भी शामिल है। इस विवाद ने दोनों के रिश्तों में और भी तनाव पैदा कर दिया था।

हत्या को लेकर पुलिस की प्रतिक्रिया

VIP सुरक्षा निरीक्षक श्रीनिवास ने इस हत्याकांड को “बेहद निर्मम” बताया। उन्होंने बताया कि हत्या से कुछ घंटे पहले दोपहर 3:05 बजे ओम प्रकाश से उनकी सामान्य बातचीत हुई थी। जब श्रीनिवास ने मिलने की पेशकश की तो ओम प्रकाश ने मना कर दिया था, यह कहते हुए कि “मैडम घर पर हैं।”

गृह मंत्री की प्रतिक्रिया

कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर ने मीडिया से बातचीत में कहा, “पूर्व DGP की हत्या हुई है। पत्नी की भूमिका को लेकर बातें सामने आ रही हैं, लेकिन जांच जारी है। जल्द ही निष्कर्ष पर पहुंचने की कोशिश की जाएगी।”

ओम प्रकाश का बैकग्राउंड

68 वर्षीय ओम प्रकाश मूल रूप से बिहार के चंपारण जिले के निवासी थे। वे 1 मार्च 2015 को कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक के पद पर नियुक्त हुए थे। इससे पहले वे राज्य के होम गार्ड्स और अग्निशमन सेवा के महानिदेशक भी रह चुके थे। 2015 से 2017 तक उन्होंने कर्नाटक के पुलिस बल का नेतृत्व किया।

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