East-Africa Tectonic Plates Separation: धरती के नीचे हो रहा बड़ा बदलाव, अफ्रीका टूटकर बनेगा नया महासागर – वैज्ञानिकों का चौंकाने वाला दावा

Table of Content

EastAfrica Tectonic Plates Separation: धरती के भीतर होने वाली हलचलें हमारे पर्यावरण और भूगोल पर गहरे प्रभाव डालती हैं, जिनसे भविष्य में पृथ्वी की संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव हो सकते हैं। हाल ही में, वैज्ञानिकों ने पूर्वी अफ्रीका के क्षेत्र में हो रहे टेक्टोनिक बदलावों पर शोध किया है, जो न केवल अफ्रीका बल्कि वैश्विक भूगोल को भी प्रभावित कर सकते हैं। यह बदलाव धीरे-धीरे हो रहा है, लेकिन इसके परिणाम बहुत बड़े हो सकते हैं, और अगर यह प्रक्रिया जारी रहती है तो अफ्रीका के पूर्वी हिस्से को अलग कर एक नया महासागर बन सकता है।

और पढ़ें: Shahid Afridi Viral Video: जब पाकिस्तान में शाहिद अफरीदी को भीड़ ने पीटा, थप्पड़ों से गूंजता वीडियो हुआ वायरल

पूर्वी अफ्रीका में हो रहे बदलाव- EastAfrica Tectonic Plates Separation

पूर्वी अफ्रीका में, विशेष रूप से इथियोपिया, केन्या और तंजानिया में, एक बहुत ही सक्रिय टेक्टोनिक गतिविधि हो रही है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस क्षेत्र में अफ्रीकी प्लेट के दो भागों में बंटने की प्रक्रिया चल रही है। इस प्रक्रिया के कारण, पश्चिमी क्षेत्र में न्युबियन प्लेट और पूर्वी क्षेत्र में सोमालियाई प्लेट का निर्माण हो रहा है। हालांकि यह प्रक्रिया बहुत धीमी गति से हो रही है हर साल कुछ मिलीमीटर लेकिन इसके परिणाम विशाल हो सकते हैं। अगर यह गति जारी रहती है, तो अंततः समुद्र का पानी इस अंतर को भरने के लिए आ सकता है, जिससे एक नया महासागर बन सकता है, जो अफ्रीका के पूर्वी हिस्से को बाकी महाद्वीप से अलग कर देगा।

East-Africa Tectonic Plates Separation
Source: Google

सतह पर दरारें और वैज्ञानिकों का मत

2018 में केन्या की रिफ्ट घाटी में एक दरार दिखाई दी थी, जिससे वैज्ञानिकों और पर्यावरणविदों का ध्यान आकर्षित हुआ। कुछ ने इसे पृथ्वी के टूटने का सीधे तौर पर सबूत माना, जबकि कई विशेषज्ञों ने इसे एक प्राकृतिक प्रक्रिया के रूप में देखा। रिसर्चर स्टीफन हिक्स के अनुसार, यह दरार बारिश और मिट्टी के कटाव के कारण हो सकती है, न कि केवल टेक्टोनिक गतिविधि के कारण। वहीं, अन्य विशेषज्ञों ने इसे टेक्टोनिक और वॉल्केनिक गतिविधियों का हिस्सा बताया, जो क्षेत्र को प्रभावित कर रहे हैं, भले ही इसके तुरंत प्रभाव सतह पर न दिखें।

भूगर्भीय ताकतें और उनका प्रभाव

पूर्वी अफ्रीका की रिफ्ट क्षेत्र में टेक्टोनिक और वॉल्केनिक गतिविधि का लंबा इतिहास रहा है। डेविड एडेड, जो इस क्षेत्र के अध्ययन में शामिल हैं, का मानना है कि इन भूगर्भीय ताकतों का प्रभाव भविष्य में भी जारी रहेगा, और इसका असर पृथ्वी की सतह पर महसूस किया जाएगा। हालांकि, यह बदलाव तुरंत स्पष्ट नहीं होते, लेकिन लंबे समय में इसके परिणाम महत्वपूर्ण हो सकते हैं।

East-Africa Tectonic Plates Separation
Source: Google

लूसिया पेरेज़ डियाज़ ने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि दरारों की वास्तविक वजह का अभी तक पूरी तरह से अध्ययन किया जा रहा है। फिर भी, टेक्टोनिक शिफ्ट की संभावना को नकारा नहीं जा सकता है। इन दरारों की हरकतें पृथ्वी की अंदरूनी फॉल्ट लाइनों से जुड़ी हो सकती हैं, जो धीरे-धीरे सतह पर प्रभाव डालती हैं।

भविष्य में क्या हो सकता है?

वैज्ञानिकों का अनुमान है कि यह प्रक्रिया 50 मिलियन सालों तक चल सकती है, जिससे अफ्रीका के पूर्वी हिस्से का पूरी तरह से विभाजन हो सकता है। नेशनल जियोग्राफिक के अनुसार, यह प्रक्रिया सोमाली प्लेट को न्युबियन प्लेट से अलग कर सकती है, और इसके परिणामस्वरूप एक नया महासागर बेसिन बन सकता है। इस नई महासागर प्रणाली का आकार और प्रभाव समय के साथ विकसित हो सकता है, और यह अफ्रीका के भूगोल में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।

यह प्रक्रिया न केवल अफ्रीका बल्कि पूरे ग्रह के लिए एक अद्वितीय भूगर्भीय परिवर्तन हो सकती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि यह नया महासागर अफ्रीका के पूर्वी हिस्से को पूरी तरह से अलग कर सकता है, जिससे एक नया भूभाग, जैसे मेडागास्कर, उत्पन्न हो सकता है।

और पढ़ें: Hafiz Saeed Security Arrangements: हाफिज सईद की सुरक्षा में हैरतअंगेज इंतजाम, 4 किलोमीटर तक CCTV और ड्रोन से कड़ी निगरानी

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

Is AI Replacing Tech Jobs? Exploring the Impact of Artificial Intelligence on the Workforce

  Introduction: The Rise of AI in Technology Artificial Intelligence (AI) has emerged as a transformative force within the technology sector, fundamentally altering how businesses operate and innovate. Over recent years, we have witnessed a remarkable surge in AI applications, ranging from machine learning algorithms to natural language processing systems, that are now integral components...

UP BJP New President: यूपी भाजपा को मिला नया चेहरा, संगठन की कमान अब पंकज चौधरी के हाथ

UP BJP New President: उत्तर प्रदेश भाजपा को आखिरकार नया प्रदेश अध्यक्ष मिल गया है। शनिवार को एकमात्र नामांकन होने के बाद जिस नाम पर पहले ही सहमति बन चुकी थी, उस पर रविवार को औपचारिक ऐलान कर दिया गया। लखनऊ के राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय परिसर स्थित सभागार में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय पर्यवेक्षकों...

Kanpur News: एक जैसे चेहरे ही नहीं, फिंगरप्रिंट भी सेम! कानपुर का अनोखा मामला, विज्ञान हैरान

Kanpur News: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से एक ऐसा हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जिसने आम लोगों के साथ-साथ विज्ञान के जानकारों को भी सोच में डाल दिया है। विज्ञान अब तक यही मानता आया है कि दुनिया में किसी भी दो इंसानों के फिंगरप्रिंट और आंखों की रेटिना एक जैसी नहीं...

राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख सूत्रधार Dr Ramvilas Das Vedanti का निधन, अयोध्या और संत समाज में शोक की लहर

Dr Ramvilas Das Vedanti: राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख नेता और अयोध्या से पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती का सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के रीवा में निधन हो गया। वे 75 वर्ष के थे। जानकारी के अनुसार, वे 10 दिसंबर को दिल्ली से रीवा पहुंचे थे, जहां उनकी रामकथा चल रही थी। इसी दौरान...

Bhim Janmabhoomi dispute: रात में हमला, दिन में फाइलें गायब! भीम जन्मभूमि विवाद ने लिया खतरनाक मोड़

Bhim Janmabhoomi dispute: महू स्थित संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जन्मभूमि से जुड़ा राष्ट्रीय स्मारक एक बार फिर बड़े विवाद के केंद्र में है। डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर मेमोरियल सोसायटी, महू में कथित तौर पर हुई गंभीर वित्तीय अनियमितताओं, फर्जीवाड़े और सत्ता हथियाने के आरोपों ने इस ऐतिहासिक और अंतरराष्ट्रीय महत्व के स्मारक की गरिमा...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds