गाजियाबाद से मेयर पद के लिए डॉ. सपना बंसल ने ठोकी दावेदारी

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उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनाव का शुरुआत हो गयी है और नगर निगम के मेयर, नगर पालिका-नगर पंचायत अध्यक्ष और वार्ड पार्षद सीटों के लिए आरक्षण लिस्ट जारी कर दी है. इस बीच डा. सपना बंसल ने गाजियाबाद से मेयर पद के लिए दावेदारी पेश की है. 

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सपना बंसल ने करी प्रतिष्ठित महानुभावों से मुलाकात 

गुरुवार को सपना बंसल ने गाजियाबाद के प्रतिष्ठित महानुभावों के साथ राज्य सभा सांसद श्री अनिल अग्रवाल जी, विधायक श्री अतुल गर्ग जी, श्री दिनेश गोयल जी ने डा. सपना बंसल ने से मुलाकात करी. वहीं प्रतिनिधि मंडल में श्री नानक चंद गोयल , व्यापारी नेता श्री प्रदीप गुप्ता , अनिल गर्ग , सुनिल वार्ष्णेय, नीरज गर्ग  व वैश्य अग्रवाल परिवार के अध्यक्ष श्री अनिल जैन जी थे।और इस मुलाकात के बाद आगामी चुनाव में गाजियाबाद मेयर के लिए डॉ. सपना बंसल ने अपनी दावेदारी पेश कर दी है।

जानिए कौन है डा. सपना बंसल 

डा. सपना बंसल दिल्ली विश्वविद्यालय में प्रोफेसर है साथ ही वो देश विदेश की विभिन्न सामाजिक, सांस्कृतिक व शैक्षणिक संगठनों से जुड़ी हुई हैं और समाज उत्थान के लिए समय-समय पर कार्यक्रम आयोजित करतीं रहतीं हैं। 

यूपी में 760 नगर निकायों में होगा चुनाव 

यूपी की कुल 762 नगर निकायों में से 760 नगर निकायों में चुनाव होगा, जिसके लिए आरक्षण की लिस्ट गुरुवार को जारी कर दी गई. यूपी के 17 नगर निगम के मेयर, 199 नगर पालिका के अध्यक्ष और 544 नगर पंचायत अध्यक्ष पद के आरक्षण घोषित कर दिया गया है. इसके अलावा नगर निगम, पालिका परिषद और पंचायतों के 13,965 वार्डों का भी आरक्षण जारी कर दिया है.  शाहजहांपुर नगर निगम में मेयर पिछड़ा वर्ग महिला बनेंगी। वहीं ओबीसी सर्वे के बाद जारी मेयर पद के आरक्षण सूची में मेरठ नगर निगम के मेयर का पद पिछड़ा वर्ग के खाते में गया है।

महिला उम्मीदवार के खाते में गई गाजियाबाद की सीट 

फिरोजाबाद नगर निगम में पिछड़ा वर्ग महिला को मेयर का पद गया है। सहारनपुर नगर निगम में भी मेयर का पद पिछड़ा वर्ग को गया है। कानपुर नगर निगम में मेयर महिला बनेंगी। वहीं, गाजियाबाद नगर निगम की सीट महिला उम्मीदवार के खाते में गई है जहाँ से डा. सपना बंसल ने इस बार अपनी उम्मीदवर बनी है.   

इसी के साथ वाराणसी और प्रयागराज नगर निगम में मेयर के पद अनारक्षित घोषित किए गए हैं। वहीं, अलीगढ़ और बरेली नगर निगम के मेयर पद भी अनारक्षित घोषित किए गए हैं। वहीं मुरादाबाद और गोरखपुर नगर निगम में नगर निगम का पद अनारक्षित रखा गया है। वहीं, अयोध्या और मथुरा- वृंदावन नगर निगम के मेयर पद को भी अनारक्षित रखा गया है. 

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