क्या पुलिस आपका फोन चेक कर सकती है?

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Police phone check issue details in Hindi – जब किसी मामले में कोई शख्स अपराधी होता है या उसके खिलाफ कोई अपराध में शामिल होने का शक होता है तो पुलिस जाँच के दौरान उसके फोन की जाँच करती है जैसे उसने किस दूसरे शख्स से बात की उसने किस दूसरे शख्स को मैसेज किया साथ ही फोन की मदद से ये जानकारी भी जुटाई जाती है कि अपराधी कहां गया था किससे मिला आदि. कई मामलों में फोन के जरिए अहम सबूत मिल जाते हैं लेकिन क्या पुलिस अपराधी या किसी शख्स का फोन चेक कर सकती है कि नहीं और फोन चेक करने को लेकर क्या कानून है.

Also Read- धारा 116 क्या है और इसमें जमानत कैसे मिलती है?. 

पुलिस नहीं कर सकती है आपका फोन चेक

सीआरपीसी के सेक्शन 102 के तहत पुलिस को अधिकार है कि वह केस में महत्वपूर्ण होने पर मोबाइल ज़ब्त कर सकती है लेकिन इस जाँच के दौरान कई बातों के ध्यान रखना होगा. जानकारी के अनुसार, कानूनन हर व्यक्ति को निजात का अधिकार मिला हुआ है और सीधा सवाल खड़ा होता है कि अगर किसी का फोन ज़ब्त किया गया है, तो उसकी निजी जानकारियां महफूज़ रखनी है. जांच अधिकारी ही ज़ब्त निजी डिवाइस से काम की जानकारी लेगा और इसे लीक न होने देना भी उसकी ज़िम्मेदारी है. लेकिन फिर भी अगर आपको लगे कि आपकी जानकारियां लीक हो रही हैं या हो सकती हैं तो आप कोर्ट जा सकते हैं.

मोबाइल देने से कर सकते हैं इनकार

Police phone check issue – यह कानूनी नहीं है क्योंकि यह हमारे मौलिक अधिकार यानी निजता के अधिकार का उल्लंघन करता है।भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार जाँच के दौरान फोन देने के लिए आपत्ति जता सकते हैं और मोबाइल फोन देने से इनकार कर सकते हैं.

दर्ज हो सकता है मामला 

वहीं अगर जबरदस्ती आपका फोन लिए गया है तो आईपीसी की धारा 166 के अनुसार मुकदमा दायर कर सकते हैं जो भी एक लोक सेवक होने के नाते, जानबूझकर कानून के किसी भी निर्देश की अवज्ञा करता है, जिस तरह से उसे ऐसे लोक सेवक के रूप में आचरण करना है, इसका इरादा है, या यह जानते हुए संभावना है कि वह, ऐसी अवज्ञा से, किसी व्यक्ति को चोट पहुँचाएगा, उसे एक अवधि के लिए साधारण कारावास से दंडित किया जाएगा.

वहीं धारा 341 आईपीसी “गलत तरीके से रोकने के लिए सजा। -जो कोई भी किसी व्यक्ति को गलत तरीके से रोकता है, उसे साधारण कारावास से दंडित किया जाएगा जिसे एक महीने तक बढ़ाया जा सकता है, या जुर्माना जो पांच सौ रुपये तक बढ़ाया जा सकता है, या दोनों से दंडित किया जाएगा। वहीं इस जानकरी से ये साफ़ होता है कि पुलिस आपकी इजाजत के बिना आपका फोन चेक नहीं  कर सकती है.

Also Read- दिन और रात को मिला कर गिनी जाती है आरोपी की सजा? सच्चाई आपकी आंखें खोल देगी. 

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