Delhi Election 2025: न कैंपेन में दम, न नैरेटिव तैयार… दिल्ली चुनाव से पहले कांग्रेस के लोकल नेताओं में जोश की कमी, राहुल-प्रियंका ने लगाई फटकार!

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Delhi Election 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व गंभीरता दिखा रहा है, लेकिन स्थानीय नेताओं के उत्साह में कमी साफ नजर आ रही है। पार्टी की चुनावी रणनीति पर सोमवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की एक महत्वपूर्ण ऑनलाइन बैठक हुई, जिसमें प्रचार अभियान को तेज करने के निर्देश दिए गए।

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बैठक में क्या हुआ? (Delhi Election 2025)

राहुल गांधी ने बुधवार, 22 जनवरी से अपनी जनसभाओं को फिर से शुरू करने की घोषणा की। उन्होंने सीलमपुर में अपनी पहली रैली के बाद प्रचार में आई सुस्ती पर नाराजगी जताई। बैठक में यह सवाल उठाया गया कि कांग्रेस के अन्य बड़े नेता प्रचार में सक्रिय क्यों नहीं हैं।

Delhi Election 2025 Congress
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कांग्रेस नेताओं को निर्देश दिया गया कि वे आक्रामक प्रचार करें और बीजेपी व आम आदमी पार्टी के खिलाफ पार्टी का स्पष्ट नैरेटिव स्थापित करें। इसके अलावा, कांग्रेस की पांच गारंटियों – विशेषकर महिलाओं और युवाओं के लिए घोषित गारंटियों – को जनता तक प्रभावी ढंग से पहुंचाने के तरीके खोजने पर जोर दिया गया।

कौन-कौन से नेता थे शामिल?

इस बैठक में कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी काजी निजामुद्दीन, प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र यादव और प्रदेश के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सहित कई स्थानीय नेता शामिल हुए। राहुल गांधी ने सभी नेताओं से अपने क्षेत्रों में सक्रिय होने और कांग्रेस के एजेंडे को स्पष्टता से पेश करने का आह्वान किया।

राहुल गांधी की रैलियों से उम्मीदें

राहुल गांधी की दिल्ली में रैलियां इस हफ्ते से तेज होंगी। इन रैलियों का उद्देश्य कांग्रेस के पारंपरिक वोट बैंक-मुस्लिम, दलित और ब्राह्मण समुदायों को फिर से पार्टी से जोड़ना है।

  • 22 जनवरी: सदर बाजार में जनसभा। यहां मुस्लिम, दलित और ब्राह्मण मतदाताओं का प्रभाव है।
  • 23 जनवरी: मुस्तफाबाद में रैली। यह क्षेत्र मुस्लिम बहुल है।
  • 24 जनवरी: मादीपुर में अनुसूचित जाति सुरक्षित सीट पर रैली। यहां सिख आबादी भी बड़ी संख्या में है।

राहुल गांधी इससे पहले सीलमपुर में रैली कर अपने चुनाव अभियान की शुरुआत कर चुके हैं।

चुनौती और रणनीति

बैठक में स्थानीय नेताओं से यह भी कहा गया कि बीजेपी और आम आदमी पार्टी के खिलाफ प्रचार में आक्रामकता दिखानी होगी। अब तक का प्रचार अभियान राहुल और प्रियंका गांधी पर निर्भर रहा है, लेकिन स्थानीय नेताओं को अपने क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाने की जरूरत है।

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कांग्रेस ने महिलाओं और युवाओं को विशेष रूप से लक्षित करते हुए पांच गारंटियों की घोषणा की है। इनमें रोजगार, शिक्षा, सुरक्षा और स्वास्थ्य से जुड़े वादे शामिल हैं। पार्टी का मानना है कि इन घोषणाओं के जरिए वह वोटरों के बीच अपनी जगह बना सकती है।

दिल्ली में कांग्रेस का चुनाव प्रचार अभी तक सुस्त रहा है, लेकिन राहुल गांधी की रैलियों से पार्टी को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीद है। कांग्रेस को अपनी पांच गारंटियों और पारंपरिक वोट बैंक को फिर से जोड़ने के लिए अपने प्रचार अभियान को मजबूती से चलाना होगा।

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