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जानें खेल रत्न से राजीव गांधी के नाम हटाने पर कांग्रेस नेताओं ने क्या दी प्रतिक्रिया?

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खतरनाक कोरोना वायरस के कारण स्थगित हुआ टोक्यो ओलंपिक 2020 का सीजन अब 2021 में खेला जा रहा है। भारत ने ओलंपिक में काफी बेहतरीन प्रदर्शन किया। भारतीय खिलाड़ियों ने अभी तक 5 पदकों पर कब्जा जमाया है। जिसमें से 2 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज हैं। टोक्यो ओलंपिक में भारतीय महिला और पुरुष हॉकी टीम ने लाजवाब प्रदर्शन किया।  

पुरुष हॉकी टीम ब्रॉन्ज जीतने में सफल रही तो वहीं, महिला हॉकी टीम को ब्रॉन्ज मेडल के लिए खेले गए मैच में हार मिली थी। जिसके बाद अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सर्वोच्च खेल पुरस्कार राजीव गांधी खेल रत्न का नाम बदलकर हॉकी के जादूगर कहे जाने वाले मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया है। 

अब इस पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार होगा। बीजेपी और उनकी सहयोगी पार्टियां पीएम मोदी के इस कदम की जमकर तारीफ कर रही है। वहीं, देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की ओर से इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी गई है। आखिर कांग्रेस नेताओं ने इस मसले पर क्या प्रतिक्रिया दी है, आईए जानते हैं…

जानें कांग्रेस पार्टी ने क्या कहा?

कांग्रेस पार्टी ने मेजर ध्यानचंद के नाम पर पुरस्कार का नाम रखने का स्वागत किया और साथ ही पीएम मोदी को लपेटे में भी लिया। कांग्रेस की ओर से कहा गया कि ‘मेजर ध्यानचंद जी का नाम अगर भाजपा और पीएम मोदी अपने राजनीतिक उद्देश्यों के लिए न घसीटते तो अच्छा था। राजीव गांधी जी इस देश के नायक थे, नायक रहेंगे। राजीव गांधी जी पुरस्कारों से नहीं, अपनी शहादत, अपने विचारों और आधुनिक भारत के निर्माता के तौर पर जाने जाते हैं।‘

कांग्रेस ने कहा, ‘उम्मीद है देश के खिलाड़ियों के नाम पर और ज़्यादा स्टेडियमों और अन्य योजनाओं के नाम रखे जाएंगे।’ पार्टी ने इसके साथ ही नरेंद्र मोदी स्टेडियम और अरुण जेटली स्टेडियम का नाम बदलने की मांग की।

रणदीप सुरजेवाला ने दी प्रतिक्रिया

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘भाजपा नेताओं के नाम से निर्मित स्टेडियम के नाम बदल दीजिए। अब पीटी ऊषा, मिल्खा सिंह, सचिन तेंदुलकर, सुनील गावस्कर, अभिनव बिंद्रा, लिएंडर पेस, पुलेला गोपीचंद और सानिया मिर्जा के नाम पर स्टेडियम के नाम रखिए।’

उन्होंने कहा, ‘ओलंपिक वर्ष में जब खेल का बजट घटा दिया गया है तो नरेंद्र मोदी जी ध्यान भटकाने का काम कर रहे हैं। कभी किसानों की समस्या तो कभी जासूसी के मामले से और कभी महंगाई से ध्यान भटका रहे हैं।‘

दिग्विजय सिंह को नहीं हुआ आश्चर्य

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान इस मसले पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि उन्हें नाम बदले जाने को लेकर कोई आश्चर्य नहीं हुआ। वे बस उम्मीद कर रहे थे कि इसका नाम नरेंद्र मोदी के नाम पर रखा जाएगा जैसे सरदार पटेल स्टेडियम का नाम बदल कर किया गया।

भगवाकरण करना चाहती है सरकार

कांग्रेस सांसद के सुरेश ने भी इस पर जबरदस्त प्रतिक्रिया दी। उन्होंने भी एक न्यूज एजेंसी से बातचीत के दौरान कहा, ‘यह दुर्भाग्य की बात है। राजीव गांधी प्रधानमंत्री थे जिनके नेतृत्व में भारत 21वीं सदी में पहुंचा था। उन्होंने युवाओं और खेल को प्रोत्साहित किया। यह सरकार भगवाकरण करना चाहती है और इसिलिए उन्होंने दूसरा नाम दिया है।‘

अहमदाबाद स्टेडियम का नाम बदलने की मांग

कांग्रेस पार्टी के दिग्गज नेता संजय निरुपम ने इस मसले पर ट्विट करते हुए कहा, ‘प्रिय प्रधानमंत्री @narendramodi जी, जनता की भारी माँग है कि अहमदाबाद के नए स्टेडियम से अपना नाम हटाकर किसी खिलाड़ी के नाम कर दीजिए। खिलाड़ियों के सम्मान में भी राजनीतिक दाँवपेच क्यों?’

मेजर ध्यानचंद को दिया जाए भारत रत्न

वहीं, कांग्रेस सांसद कृष्णा पूनिया ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा, यह व्यर्थ की कवायद, इसके बजाय महान हॉकी खिलाड़ी के नाम पर नए पुरस्कार की घोषणा की जा सकती थी। कांग्रेस विधायक ने इसके साथ ही मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग की।

ध्यानचंद के नाम पर पहले से ही दिए जा रहे अवार्ड

बताते चले कि राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत 1991-92 में की गई थी। अभी तक 43 खिलाड़ियों को यह पुरस्कार दिया जा चुका है। इस पुरस्कार में खिलाड़ियों को 25 लाख रुपये भी दिए जाते हैं। वहीं, देश का सर्वोच्च लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड पहले से ही मेजर ध्यानचंद के नाम पर दिया जाता है। जिसकी शुरुआत साल 2002 में हुई थी। 2002 में ही नई दिल्ली में स्थित नेशनल स्टेडियम का नाम बदलकर मेजर ध्यानचंद स्टेडियम किया गया था।

गौरतलब है कि मेजर ध्यानचंद दुनिया के बेहतरीन हॉकी खिलाड़ियों में से एक थे। वह 3 बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे। इस खिलाड़ी ने अपने करियर में 400 से अधिक गोल किए। उन्हें हॉकी का जादूगर भी कहा जाता है। देश में मेजर ध्यानचंद के जन्मदिवस (29 अगस्त) को भारती खेल दिवस के रुप में मनाया जाता है। 

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