
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अडानी हिंडनबर्ग विवाद की जांच करने के लिए रिटायर्ड जस्टिस एएम सप्रे की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया है. चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस जेबी पारदीवाला की बेंच ने एडवोकेट विशाल तिवारी, एमएल शर्मा, कांग्रेस नेता जया ठाकुर और अनामिका जायसवाल की याचिका पर यह आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि समिति में जस्टिस ओपी भट, जस्टिस जेपी देवधर (रिटायर्ड), केवी कामत, नंदन नीलेकणि और सोमशेखर सुंदरेसन शामिल हैं. बेंच ने कहा है कि एक्सपर्ट कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस अभय मनोहर सप्रे करेंगे.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद गौतम अडानी ने अपने अधिकारिक ट्विटर हैंडल से सुप्रीम कोर्ट का आभार व्यक्त करते हुए लिखा कि, “अडानी ग्रुप माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेश का स्वागत करता है. यह समयबद्ध तरीके से अंतिम रूप लाएगा. सत्य की जीत होगी”.
एक्सपर्ट कमेटी पूरी स्थिति का आंकलन करेगी और साथ ही 2 महीने के भीतर SEBI अपनी रिपोर्ट तैयार करेगी.शेयर मार्किट पर पड़े प्रभावों का भी कमेटी उच्च स्तरीय जांच करेगी.समिति निवेशकों की जागरूकता को मजबूत करने के उपायों का सुझाव देगी और यह भी जांच करेगी कि अडानी ग्रुप या अन्य कंपनियों के संबंध में गारंटी मार्केट से संबंधित कानूनों का उल्लंघन किया गया है या नहीं.
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सुप्रीम कोर्ट ने पिछली सुनवाई के दौरान कहा था कि कोर्ट हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए गठित की जाने वाली समिति में शामिल करने के लिए केंद्र द्वारा सुझाए गए विशेषज्ञों के सीलबंद नामों को स्वीकार नहीं करेगा. इसके बाद अडानी ग्रुप के शेयर की कीमतें गिर गईं थीं और निवेशकों को भारी नुकसान हुआ. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि अदालत विशेषज्ञों का चयन करेगी और पूरी पारदर्शिता बनाए रखेगी.
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