BBC और अदानी मुद्दे पर तमिलनाडु के CM स्टालिन ने दिया बयान
हाल ही में कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) पर कई सारे आरोप लगाए थे और साथ ही पीएम मोदी से सवाल करते हुए इनसे कई सारे सवालों के जवाब भी मांगे थे. इसके बाद पीएम ने भी ससंद में बोला लेकिन उन्होने उन पर लगे आरोपों पर कुछ नहीं कहा लेकिन कांग्रेस पर आरोप लगाकर वाहवाही लुट ली. इसी बीच तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने अब पीएम नरेंद्र मोदी पर बड़ा निशाना साधा है.
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PM मोदी पर तमिलनाडु के सीएम ने कसा तंज
मंगलवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने प्रदेश के राज्यपाल आरएन रवि और पीएम नरेंद्र मोदी पर जमकर निशाना साधा है. स्टालिन ने पीएम मोदी को लेकर कहा कि उन्होंने पीएम मोदी से किसी के सवालों का जवाब दिए बिना घंटों बोलने का हुनर सीखा है. ‘पीएम और बीजेपी सरकार के खिलाफ कई आरोप लगाए गए, लेकिन उन्होंने किसी भी आरोप का जवाब नहीं दिया.
पीएम मोदी के संबोधन में हुई सिर्फ बड़ी-बड़ी बातें
इसी के साथ एमके स्टालिन ने कहा कि संसद में पीएम मोदी के संबोधन में बड़ी-बड़ी बातें तो थी, लेकिन बीबीसी डॉक्यूमेंट्री और अडानी से रिश्तों को लेकर कोई जवाब नहीं था. उन्होंने कहा कि अडानी ग्रुप के साथ सांठगांठ के केंद्र की बीजेपी सरकार पर सीधे आरोप हैं. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता में सुप्रीम कोर्ट की बेंच भी इस मामले में गंभीरता से सुनवाई कर रही है. इसलिए संसद में इस मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए और संयुक्त संसदीय समिति की जांच का आदेश दिया जाना चाहिए.’
विपक्ष के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति : CM स्टालिन
तमिलनाडु के सीएम ने आगे कहा कि यह अपने आप में चौंकाने वाला है कि इतने बड़े आरोप लगाने के बावजूद उन्होंने एक शब्द तक नहीं कहा. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे की टिप्पणी संसद के रिकॉर्ड से निकाले जाने का मतलब यह नहीं कि लोगों के दिमाग से इन्हें निकाला जा सकता है. पीएम मोदी ने संसद में कहा था कि ED ने विपक्ष को एकजुट कर दिया है. पीएम के इस बयान पर निशाना साधते हुए स्टालिन ने कहा, ‘पहली बार प्रधानमंत्री ने संसद में स्वीकार किया है कि वे विपक्ष के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति करते हैं. यह देश के लिए अच्छी बात नहीं है. यह निश्चित तौर पर लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.’
राहुल को देना होगा जवाब
आपको बता दें, 7 फरवरी को संसद के बजट सत्र में राहुल गांधी ने पीएम मोदी पर कई सारे आरोप लगाए थे. इसी बीच उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए उद्योगपति गौतम अडानी और पीएम मोदी के रिश्ते को लेकर भी कई सारे सवाल किए. वहीं इस संबोधन को लेकर राहुल पर भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और आपत्तिजनक बयान देने का आरोप लगा है. जिसकी शिकायत बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने लोकसभा सचिवालय में करी. लोकसभा सचिवालय में दर्ज की गयी शिकायत के मुताबिक, सदन में बोलते हुए राहुल गांधी ने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया, उससे विशेषाधिकार का हनन हुआ है. लोकसभा सचिवालय ने राहुल गांधी का पक्ष जानने के लिए उनसे जवाब तलब किया है. सचिवालय ने राहुल गांधी से नोटिस प्राप्त होने पर उसकी सूचना उपलब्ध कराने को भी कहा है. वहीं अगर राहुल गाँधी इस पर जवाब नहीं देते हैं और माफ़ी नहीं मांगते हैं तो उनकी लोकसभा सीट छीन सकती है.