मल्लिकार्जुन खड़गे की बात सुनकर संदन में हंस पड़े PM मोदी
मंगलवार को संसद में राहुल गाँधी (Rahul gandhi) ने मोदी सरकार (Modi goverment) पर कई सारे आरोप लगाए और साथ ही पीएम मोदी (Pm modi) से कई सारे सवालों का जवाब भी माँगा. वहीं अब संसद में बुधवार को भी उद्योगपति गौतम अडानी (Gautam Adani) पर जोरदार बहस चल रही थी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने नरेंद्र मोदी सरकार को गौतम अडानी विवाद को लेकर कई सारे बयान दे रहे थे. वहीं इस बीच मल्लिकार्जुन खड़गे ने कुछ ऐसा कह दिया, जिसे सुनकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी हंसी नहीं रोक पाए.
मल्लिकार्जुन के इस बयान पर हँसे मोदी
दरअसल, मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर चुनावी मोड में रहते हैं. वह संसद चलने के दौरा मेरे चुनावी क्षेत्र कलबुर्गा पहुंच गए हैं. अरे भाई, अरे भई मेरा एक ही एक संसदीय क्षेत्र मिल रहा है आपको. और एक संसदीय क्षेत्र में दो-दो मीटिंग. मल्लिकार्जुन खड़गे के ये कहते ही पीएम मोदी हंस पड़े और सदन में ठहाके गूंजने लगे. इसी के साथ सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि हां भाई, यह जांच का विषय है. तभी तपाक से मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पहली बार पीएम मोदी हंस रहे हैं. आप उन्हें हंसने भी नहीं दे रहे हैं.
मल्लिकार्जुन ने किए पीएम मोदी से कई सवाल
मल्लिकार्जुन खड़गे ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से एक के बाद एक कई सवाल पूछे. उन्होंने कहा कि वह देश में नफरत फैलाने वालों पर चुप क्यों हैं. मल्लिकार्जुन खड़गे ने उनके लिए मौनी बाबा शब्द का इस्तेमाल किया, तभी सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि आप सीनियर मेंबर हैं. यह आपको शोभा नहीं देता है. इसके बाद उनके बयान पर हंगामा शुरू हो गया.
उद्योगपतियों को लेकर पीएम पर साधा निशाना
वहीं मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, ‘साल 2014 में पीएम मोदी ने कहा था कि न खाऊंगा न खाने दूंगा. अब मैं पूछना चाहता हूं कि वह कुछ उद्योगपतियों को ‘खाने’ क्यों दे रहे हैं. पीएम मोदी के सबसे करीबी दोस्तों में से एक की संपत्ति 2.5 साल में 13 गुना बढ़ गई. 2014 में यह 50,000 करोड़ रुपये था जबकि 2019 में यह 1 लाख करोड़ रुपये हो गया. कैसे.’
मल्लिकार्जुन की वजह से सदन में हुआ हंगामा
कांग्रेस सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे के बयान पर संसद में जमकर हंगामा बरपा. बीजेपी सांसदों ने इस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया. सभापति ने कहा कि बहस उन आरोपों पर नहीं हो सकती है, जिसे आप साबित न कर सकें. सदन को सूचनाओं का मंच नहीं बना सकते हैं.