हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण लुढ़के अदाणी ग्रुप के शेयर
दुनियाभर में तेजी से विकसित हो रहे अदाणी ग्रुप (Adani Group) को लेकर हिंडनबर्ग (Hindenburg ) ने एक रिपोर्ट जारी की है और इस रिपोर्ट का सीधा असर से अदाणी समूह के शेयर पर हुआ है जिसके बाद अदाणी ग्रुप के शेयर (Adani Group share) 20 से 25 प्रतिशत तक लुढ़क गए हैं. जहाँ इस रिपोर्ट के बाद बाजार में भूचाल मच गया है तो वहीं अदाणी ने रिपोर्ट के बाद 413 पन्नों में अपनी प्रतिक्रिया दी। इसी के साथ हिंडनबर्ग ने अदाणी के जवाब के बाद एक बार फिर पलटवार किया है।
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जानिए क्या है मामला
यूएस (US) आधारित इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप की कंपनियों पर धोखाधड़ी (Fraud) व मनी लॉन्ड्रिंग (money laundering) का आरोप लगाया है और इसी सम्बन्ध में एक रिसर्च रिपोर्ट जारी की है. वहीं इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप को कई लाख करोड़ का नुकसान हुआ। वहीं इस रिपोर्ट असर इस तरह हुआ है कि अमीरों की लिस्ट में चौथे नंबर पर अडाणी 7वें पर आ गए थे। 25 जनवरी को उनकी नेटवर्थ 9.20 लाख करोड़ थी, जो 27 जनवरी को 7.88 लाख करोड़ रुपए पर आ गई थी। रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों को 4.17 लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ। इसी के साथ इस रिपोर्ट को लेकर अदाणी ग्रुप ने 413 पन्नों में अपनी प्रतिक्रिया दी है.
अदाणी ग्रुप ने दी सफाई
बिजनेस टुडे टेलीविजन की रिपोर्ट के अनुसार, अडानी समूह के मुख्य वित्तीय अधिकारी (CFO) जुगशिंदर सिंह ने एक इंटरव्यू में कहा कि 88 में से 68 सवाल फर्जी और भ्रामक हैं। ये सिर्फ कट-पेस्ट हैं। इन पर कोई रिसर्च नहीं किया गया है। यह रिपोर्ट AFPO को नुकसान पहुंचाने के मकसद के लिए तैयार की गई थी। वहीं सिंह ने कहा बाकी 20 सवाल ऐसे हैं, जिन्हें अडानी समूह स्वीकार नहीं करता। इसी के साथ सिंह ने साफ कहा कि अडानी समूह झूठ को स्वीकार नहीं करता है। सिंह ने साफ इनकार किया कि रिपोर्ट झूठ और गलत बयानों पर बेस है। अडानी समूह ने कुछ गलत नहीं किया।
अदाणी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर उठाए 4 बड़े सवाल
इस हिंडनबर्ग रिपोर्ट को लेकर अडानी ग्रुप ने कहा है कि यह रिपोर्ट किसी खास कंपनी पर किया गया बेबुनियाद हमला नहीं है, बल्कि यह भारत पर किया गया सुनियोजित हमला है। अडानी ग्रुप ने कहा कि यह भारतीय संस्थानों की आजादी, अखंडता और गुणवत्ता पर हमला है। इसी के साथ अडानी समूह ने दूसरा सवाल करते हुए कहा कि यह रिपोर्ट गलत जानकारी और आधे-अधूरे तथ्यों के आधार पर तैयार की गई है। रिपोर्ट का एक ही मकसद था कि झूठे आरोप लगाकर सिक्योरिटीज के मार्केट में जगह बनाना, जिसके चलते अनगिनत इंन्वेस्टर्स को नुकसान हो, जबकि शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग को फायदा हो। वहीं तीसरा सवाल करते हुए अडानी ग्रुप ने कहा कि यह रिपोर्ट तब जारी की गई, जब समूह का IPO लॉन्च होने जा रहा है। अडानी ने इसे देश का सबसे बड़ा IPO कहा है। ग्रुप ने कहा यह बदनाम करने की साजिश है और आखिरी सवाल करते हुए अडानी ग्रुप ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सिर्फ अपने स्वार्थ के लिए जारी की गई है। हिंडनबर्ग ने सिक्योरिटीज एंड फॉरेन एक्सचेंज लॉ का भी उल्लंघन किया है।
हिंडनबर्ग ने किया पलटवार
वहीं हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी समूह के इस आरोप को खारिज कर दिया है कि उसकी रिपोर्ट भारत पर एक हमला थी। हिंडनबर्ग ने कहा कि धोखाधड़ी पर इस तरह के जवाब या राष्ट्रवाद का पर्दा नहीं डाला जा सकता है। हिंडनबर्ग अपने पिछले हफ्ते की रिपोर्ट पर कायम है, जिसमें कहा गया है कि इसकी दो साल की जांच में पाया गया कि अडानी समूह दशकों के दौरान एक स्टॉक हेरफेर और लेखा धोखाधड़ी योजना में लगा हुआ है।