Amarnath Yatra 2025 Date: कब से शुरू होगी अमरनाथ यात्रा 2025, इसके महत्व को समझते हुए जानें यात्रा की विशेषताएँ

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Amarnath Yatra 2025 Date: अमरनाथ यात्रा हिंदू धर्म का एक बहुत ही पवित्र और कठिन तीर्थ स्थल है, जिसे हर साल लाखों शिवभक्त भगवान शिव के दर्शन के लिए आते हैं। यह यात्रा केवल शारीरिक कठिनाई के कारण ही नहीं, बल्कि इसके धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व के कारण भी विशेष मानी जाती है। अमरनाथ गुफा में स्वयंभू शिवलिंग बनता है, जो स्थानीय भाषा में बाबा बर्फानी के नाम से प्रसिद्ध है। इस लेख में हम आपको 2025 में होने वाली अमरनाथ यात्रा की शुरुआत, इसका महत्व, और इससे जुड़ी कुछ खास बातों के बारे में विस्तार से बताएंगे।

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2025 में अमरनाथ यात्रा की तिथियाँ- Amarnath Yatra 2025 Date

अमरनाथ यात्रा का आयोजन हर साल अमरनाथ श्राइन बोर्ड द्वारा किया जाता है। इस यात्रा की तारीख हर साल शास्त्रों और धार्मिक मान्यताओं के अनुसार तय की जाती है। साल 2025 में अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई 2025 से शुरू होने जा रही है, और यह यात्रा 9 अगस्त 2025 तक चलेगी। इस दौरान शिवभक्त बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए गुफा तक पहुंचने की कोशिश करेंगे। खास बात यह है कि रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया पहले ही 15 मार्च 2025 से शुरू हो चुकी है, और इस बार यह तीर्थयात्रा कुल 37 दिनों तक चलेगी।

Amarnath Yatra 2025 Date mahadev
source: Google

अमरनाथ यात्रा का धार्मिक महत्व

हिंदू शास्त्रों में अमरनाथ गुफा का अत्यधिक महत्व बताया गया है। कहा जाता है कि इस पवित्र गुफा में भगवान शिव ने माता पार्वती को अमर कथा सुनाई थी, जो अमर होने के रहस्यों से जुड़ी हुई थी। धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो भक्त सच्चे मन से अमरनाथ यात्रा करते हैं और बाबा बर्फानी के दर्शन करते हैं, उनके सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसे 23 अन्य तीर्थों के दर्शन करने के बराबर पुण्य का फल भी माना जाता है।

इसके अलावा, अमरनाथ की गुफा में स्वाभाविक रूप से बनने वाला शिवलिंग भी एक रहस्य है। यह शिवलिंग चंद्रमा के चरणों के अनुसार बढ़ता और घटता रहता है, जो एक अद्भुत और दिव्य घटना मानी जाती है।

अमरनाथ यात्रा का आरंभ और समापन

अमरनाथ यात्रा का आरंभ आषाढ़ पूर्णिमा से होता है, जो हर साल जुलाई के आसपास आती है। यह यात्रा पूरे सावन माह में चलती है और श्रावण पूर्णिमा यानी रक्षाबंधन के दिन समाप्त होती है। इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि मान्यता है कि भगवान शिव इस गुफा में सबसे पहले इस दिन ही आए थे। उसी दिन गुफा में “छड़ी मुबारक” की स्थापना की जाती है, जो यात्रा के समापन का प्रतीक मानी जाती है।

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छड़ी मुबारक” का महत्व

“छड़ी मुबारक” अमरनाथ यात्रा की एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है। यह एक पवित्र गदा या छड़ी होती है, जिसे भगवान शिव से संबंधित माना जाता है। इस छड़ी को यात्रा के समापन के समय अमरनाथ गुफा में लेकर जाया जाता है, और यह पूजा का एक अहम हिस्सा बनता है। इसके माध्यम से यात्रा की धार्मिकता और पूर्णता का प्रतीक प्रस्तुत होता है। यह छड़ी विशेष रूप से रक्षाबंधन के दिन शिवलिंग के पास स्थापित की जाती है, और इसे शिवभक्तों द्वारा श्रद्धा भाव से देखा जाता है।

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