Headlines

क्या कहती है IPC कि धारा 43, जानें ‘अवैध’ और ‘वैध रूप से आबद्ध’ का मतलब

Table of Content

भारतीय दंड संहिता (IPC) की सीरीज में आज हम आपको धारा 43 के बारे में विस्तार से बताएंगे। इस धारा में अवैध और कानूनी रूप से बाध्यकारी शब्द शामिल किये गये हैं। इस धारा में बताया गया है कि कौन सा कार्य कानून की नजर में अवैध है और किन परिस्थितियों में कानून कानूनी रूप से बाध्यकारी है।

और पढ़ें: जानिए क्या कहती है आईपीसी की धारा 36 और क्या है सजा का प्रावधान 

IPC की धारा 43 क्या है

भारतीय दंड संहिता की धारा 43 दो शब्दों को परिभाषित करती है, पहला शब्द अवैध है और दूसरा शब्द कानूनी रूप से बाध्य है, आप जहां भी इस आईपीसी या किसी भी कानून को पढ़ेंगे, आपको यह शब्द बार-बार दिखाई देगा। जब भी आप कोई कानून की किताब पढ़ रहे होंगे तो आपको अवैध शब्द जरूर पढ़ने और सुनने को मिलेगा। इसी शब्द को IPC की धारा 43 में परिभाषित किया गया है।

धारा 43  का विवरण

IPC की धारा 43 में कहा गया है कि “अवैध” शब्द हर उस बात को लागू है, जो अपराध हो, या जो विधि द्वारा प्रतिषिद्ध हो, या जो सिविल कार्यवाही के लिए आधार उत्पन्न करती हो और करने के लिए “वैध रूप से आबद्ध “कोई व्यक्ति उस बात को करने के लिए वैध रूप से आबद्ध कहा जाता है जिसका लोप करना उसके लिए अवैध है ।

धारा 43 सरल शब्दों में

धारा 43 के संबंध में यह बताती है कि जो कार्य वैध नहीं है वह अवैध कहलाता है। मान लीजिए, यदि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करता है तो कानून कहता है कि किसी को भी सार्वजनिक स्थान पर धूम्रपान करने की अनुमति नहीं है, इसलिए यदि वह व्यक्ति धूम्रपान करता है तो वह गैरकानूनी काम कर रहा है।

इस धारा का दूसरा भाग कानूनी रूप से बाध्य करने की बात कहता है, अर्थात यदि कोई व्यक्ति अपनी FIR लिखाने के लिए पुलिस स्टेशन जाता है, तो SHO उस व्यक्ति की FIR लिखने के लिए कानूनी रूप से बाध्य है। लेकिन अगर पुलिस ने FIR नहीं लिखी जो उसे लिखनी चाहिए थी। जो काम उसे करना चाहिए था वह पुलिस ने नहीं किया, तो यहां यह भी गैरकानूनी होगा और धारा 43 के तहत कानूनी तौर पर ऐसा नहीं किया जा सकता।

अगर पुलिस अधिकारी FIR लिखने करें मना

अगर पुलिस अधिकारी FIR लिखने से इनकार करता है तो यह सीधे तौर पर गैरकानूनी होगा। अगर FIR दर्ज नहीं हुई तो आप एसपी से शिकायत कर सकते हैं। अगर आपकी शिकायत को नजरअंदाज किया जाता है तो आप कोर्ट में किसी भी मजिस्ट्रेट से शिकायत कर सकते हैं। क्योंकि यदि कोई लोक सेवक कानूनी गलती करता है तो वह न्यायालय द्वारा क्षमा योग्य नहीं है।

और पढ़ें: जानिए क्या कहती है IPC की धारा 26 

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

DoT latest news

DoT latest news: टेलीकॉम सेक्टर में सर्कुलर इकॉनमी की ओर भारत का बड़ा कदम, DoT और UNDP ने मिलकर शुरू की राष्ट्रीय पहल

DoT latest news: भारत का टेलीकॉम सेक्टर आज सिर्फ कॉल और इंटरनेट तक सीमित नहीं रह गया है। यह देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था, गवर्नेंस, फाइनेंशियल इन्क्लूजन और सामाजिक बदलाव की रीढ़ बन चुका है। इसी तेजी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में दूरसंचार विभाग (DoT) और संयुक्त...
Jabalpur Viral Video

Jabalpur Viral Video: जबलपुर में वायरल वीडियो पर मचा बवाल, नेत्रहीन छात्रा से अभद्रता के आरोपों में घिरीं भाजपा नेता

Jabalpur Viral Video: मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि आम लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो में एक महिला नेता को एक नेत्रहीन छात्रा के...
Vaishno Devi Yatra New Rule

Vaishno Devi Yatra New Rule: नए साल से पहले वैष्णो देवी यात्रा में बड़ा बदलाव, RFID कार्ड के साथ समय सीमा तय, जानें नए नियम

Vaishno Devi Yatra New Rule: नववर्ष के मौके पर माता वैष्णो देवी के दरबार में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। बोर्ड ने साफ किया है कि ये बदलाव श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर...
Banke Bihari Temple Trust Bill

Banke Bihari Temple Trust Bill: श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट कानून 2025 लागू, अब कैसे होगा मंदिर का संचालन?

Banke Bihari Temple Trust Bill: उत्तर प्रदेश में श्री बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा एक अहम फैसला अब पूरी तरह से लागू हो गया है। श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट बिल 2025 को विधानसभा और विधान परिषद से पास होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी भी मिल गई है। इसके साथ ही यह विधेयक अब...
BMC Election 2024

BMC Election 2024: ठाकरे बंधुओं का गठबंधन टला, सीटों के पेंच में अटका ऐलान, अब 24 दिसंबर पर टिकी नजरें

BMC Election 2024: महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है। खासतौर पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के संभावित गठबंधन ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। दोनों दलों के बीच गठबंधन का...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds