Headlines

LOC पर बसे टीटवाल गांव में गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण की कहानी हर किसी को पता होनी चाहिए

Table of Content

Teetwal village Gurdwara: टीटवाल, जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में स्थित एक सीमावर्ती गांव है, जो भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (LOC) के पास बसा हुआ है। किशनगंगा नदी के किनारे बसे इस गांव का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है। यहां का गुरुद्वारा धार्मिक सौहार्द और सांप्रदायिक एकता का प्रतीक है, जिसे भारतीय और पाकिस्तानी दोनों क्षेत्रों से श्रद्धालुओं द्वारा देखा जाता है।

और पढ़ें: क्या वाकई बाबरी पर पहला वार करने वाला बलवीर अब बन गया था मोहम्मद आमिर? जानें वायरल दावे का पूरा सच

अमर उजाला की रिपोर्ट के अनुसार, ‘सेव शारदा कमेटी’ के अध्यक्ष रविंदर पंडिता के नेतृत्व में स्थानीय निवासी एजाज खान की देखरेख में बने इस गुरुद्वारा साहिब (Teetwal village Gurdwara story) को स्थानीय सिख समुदाय को सौंप दिया गया। इसका निर्माण कार्य 2 दिसंबर 2021 को शुरू किया गया था, इस बीच तंगधार निवासी और कमेटी के सदस्य जोगिंदर सिंह ने कहा कि हमने इसे 11 दिसंबर 2022 को अपने अधीन ले लिया।

Teetwal village Gurdwara story, Gurdwara near LOC
Source: Google

गुरुद्वारा का ऐतिहासिक महत्व- Teetwal village Gurdwara

टीटवाल गांव का यह गुरुद्वारा विभाजन से पहले के समय से ही लोगों के लिए एक पवित्र स्थल था। 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद, टीटवाल एलओसी के पास स्थित होने के कारण संघर्षों का केंद्र बन गया। स्थानीय समिति के सदस्य एजाज खान ने कहा कि 1947 से पहले यहां मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारा था। 1947 के बाद के कबाइली हमले के दौरान कबाइलियों ने इस टिटवाल गांव को आग के हवाले कर दिया था। हमारा मानना ​​है कि हमें एक बार फिर धर्म से ऊपर उठकर एक नया मानव धर्म स्थापित करना चाहिए। हम इस संदेश को पूरी दुनिया में फैलाना चाहते हैं, इसलिए हमने इसकी शुरुआत की।

पुनर्निर्माण और स्थानीय सहयोग

इस क्षेत्र में धार्मिक स्थलों के पुनर्निर्माण में स्थानीय समुदाय, विशेषकर मुस्लिम निवासियों का अहम योगदान है। मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इस गुरुद्वारे के पुनर्निर्माण में सहायक भूमिका निभाई, जोकि सांप्रदायिक सौहार्द का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है। वहीं, जोगिंदर सिंह के अनुसार, उन्होंने 19 वर्षों से अवैध रूप से कब्जाई गई भूमि को पुनः प्राप्त किया और अब यह गुरुद्वारा का स्थल है। जोगिंदर सिंह के अनुसार, टिटवाल में कोई सिख आवास नहीं है, लेकिन त्रिभुनि गांव, जो लगभग 7 किमी दूर है, में लगभग 88 घर और 500 सिख निवासी हैं। उन्होंने कहा कि त्रिभुनि गांव का अतीत भी समृद्ध है। 1947 से पहले यहां दो गुरुद्वारा साहिब और लगभग 300 सिख घर थे। बाद में, आदिवासी हमले के परिणामस्वरूप सिखों की शहादत हुई। जोगिंदर सिंह के अनुसार, त्रिभुनि गांव में 150 सिख शहीद हुए थे।

Teetwal village Gurdwara story, Gurdwara near LOC
Source: Google

धार्मिक पर्यटन का बढ़ता आकर्षण

2023 में पुनर्निर्माण के बाद इस गुरुद्वारे को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया। इस काम में स्थानीय प्रशासन और सैन्य अधिकारियों ने भी मदद की है। पुनर्निर्माण के दौरान गुरुद्वारे के मूल स्वरूप को बरकरार रखा गया ताकि इसकी ऐतिहासिकता और सांस्कृतिक पहचान बरकरार रहे। टिटवाल का गुरुद्वारा धार्मिक पर्यटन का एक प्रमुख स्थल बनने की क्षमता रखता है। सीमा के पास स्थित होने के कारण यह स्थल भारतीय और पाकिस्तानी श्रद्धालुओं के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र है।

सांस्कृतिक महत्व

टिटवाल का यह गुरुद्वारा (Teetwal village Gurdwara) भारतीय इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण तत्वों में से एक है। यह स्थान सीमावर्ती गांवों के निवासियों के बीच सांस्कृतिक एकता और सहयोग का प्रतीक है। टिटवाल का गुरुद्वारा धार्मिक सद्भाव, सांस्कृतिक विविधता और स्थानीय एकता का प्रतीक है। इसका पुनर्निर्माण एक ऐसा कदम है जो भविष्य में इस क्षेत्र को शांति, विकास और सहयोग की ओर ले जाएगा। टिटवाल का गुरुद्वारा न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि सीमावर्ती क्षेत्रों में सांप्रदायिक सद्भाव और धार्मिक स्वतंत्रता के प्रति लोगों की प्रतिबद्धता का भी प्रमाण है।

और पढ़ें: जब आदिवासी विरोध प्रदर्शन में मारे गए 9 मुस्लिम, घटना का शिबू सोरेन के भविष्य पर पड़ा था गहरा असर

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

DoT latest news

DoT latest news: टेलीकॉम सेक्टर में सर्कुलर इकॉनमी की ओर भारत का बड़ा कदम, DoT और UNDP ने मिलकर शुरू की राष्ट्रीय पहल

DoT latest news: भारत का टेलीकॉम सेक्टर आज सिर्फ कॉल और इंटरनेट तक सीमित नहीं रह गया है। यह देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था, गवर्नेंस, फाइनेंशियल इन्क्लूजन और सामाजिक बदलाव की रीढ़ बन चुका है। इसी तेजी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में दूरसंचार विभाग (DoT) और संयुक्त...
Jabalpur Viral Video

Jabalpur Viral Video: जबलपुर में वायरल वीडियो पर मचा बवाल, नेत्रहीन छात्रा से अभद्रता के आरोपों में घिरीं भाजपा नेता

Jabalpur Viral Video: मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि आम लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो में एक महिला नेता को एक नेत्रहीन छात्रा के...
Vaishno Devi Yatra New Rule

Vaishno Devi Yatra New Rule: नए साल से पहले वैष्णो देवी यात्रा में बड़ा बदलाव, RFID कार्ड के साथ समय सीमा तय, जानें नए नियम

Vaishno Devi Yatra New Rule: नववर्ष के मौके पर माता वैष्णो देवी के दरबार में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। बोर्ड ने साफ किया है कि ये बदलाव श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर...
Banke Bihari Temple Trust Bill

Banke Bihari Temple Trust Bill: श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट कानून 2025 लागू, अब कैसे होगा मंदिर का संचालन?

Banke Bihari Temple Trust Bill: उत्तर प्रदेश में श्री बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा एक अहम फैसला अब पूरी तरह से लागू हो गया है। श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट बिल 2025 को विधानसभा और विधान परिषद से पास होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी भी मिल गई है। इसके साथ ही यह विधेयक अब...
BMC Election 2024

BMC Election 2024: ठाकरे बंधुओं का गठबंधन टला, सीटों के पेंच में अटका ऐलान, अब 24 दिसंबर पर टिकी नजरें

BMC Election 2024: महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है। खासतौर पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के संभावित गठबंधन ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। दोनों दलों के बीच गठबंधन का...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds