Headlines

3 July 2023 : आज की मुरली के ये हैं मुख्य विचार

Table of Content

3 July ki Murli in Hindi – प्रजापति ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय में रोजाना मुरली ध्यान से आध्यात्मिक संदेश दिया जाता है और यह एक आध्यात्मिक सन्देश है. वहीं इस पोस्ट एक जरिये हम आपको 3 जुलाई 2023 (3 July ki Murli) को दिये ये सन्देश की जानकारी देने जा रहे हैं.

“मीठे बच्चे – सर्विस की नई-नई इन्वेन्शन निकालो, सेवा का विस्तार करो, सेवा के क्षेत्र में माताओं को आगे करना ही सफलता का साधन है”

3 July ki Murli प्रश्नः- किस मैनर्स के साथ बात करो तो अथॉरिटी के बोल तुम सिद्ध कर सकते हो?
उत्तर:- जब भी किसी बड़े से बात करते हो तो ‘आप-आप’ कहकर बात करनी चाहिए। तू-तू कहकर नहीं। यह भी मैनर्स है। तुम अपनी अथॉरिटी से बोलो लेकिन रिस्पेक्ट जरूर दो। स्कूल में यह भी मैनर्स सिखलाये जाते हैं। 2- कभी भी अहंकार से बात नहीं करनी चाहिए। ज्ञान के नशे में सदा हर्षितमुख रहो। हर्षित चेहरा भी बहुत सेवा करता है।
गीत:- आज के इस इंसान को……..

3 July ki Murli ओम् शान्ति। मीठे-मीठे बच्चों को यह तो समझाया गया है कि बहुत पाप आत्मायें बन गई हैं। अच्छे बच्चे पुकारते हैं कि पाप बहुत हो गया है। पाप से ही मनुष्य पतित बनते हैं। याद भी करते हैं कि पाप आत्माओं को पुण्य आत्मा बनाने के लिए हे पतित-पावन आओ। यह पतित दुनिया है तो जरूर कोई पावन दुनिया भी है। निराकारी दुनिया को पावन दुनिया नहीं कहा जाता। वह शान्तिधाम है। पतित और पावन दुनिया मनुष्यों के लिए है। कलियुगी दुनिया में पतित हैं। सतयुगी दुनिया में पावन हैं। पतित-पावन बाप ही पावन दुनिया स्थापन करते हैं। विद्धान-पण्डितों ने शास्त्र बनाये हैं, नाम रख दिया है व्यास का। व्याख्यान करने वाले का नाम तो चाहिए ना। मनुष्य तो जानते ही नहीं कि शास्त्र बनाये कब हैं? यह तुम बच्चे जानते हो सतयुग-त्रेता में शास्त्र आदि होते नहीं। भक्ति मार्ग का वहाँ कोई निशान नहीं। बाप ज्ञान से जिंदाबाद करते हैं। ज्ञान से 21 जन्म जिंदाबाद होते हो फिर माया आकर मुर्दा बनाती है। यह है मुर्दों की दुनिया, जिसको कब्रिस्तान कहा जाता है। इस समय घोर कब्रिस्तान कहेंगे। बुद्धि तो सबकी चलती होगी। महाभारी लड़ाई में पूरा कब्रिस्तान बनता है। और लड़ाइयों में ऐसा नहीं होता। भागवत में लिखा हुआ है – ज्ञान सागर के सभी बच्चे कब्रदाखिल हो जाते हैं। माया ने काम चिता पर बिठाए सबको भस्मीभूत कर दिया है। सब कब्रदाखिल हैं। मुसलमानों की कुरान आदि में भी है – कब्रदाखिल हो जाते हैं। जब कयामत का समय होता है तो उन्हों को जगाने अल्लाह आता है। कब्रिस्तान को फिर परिस्तान बनाते हैं। बाबा ने बताया था कि बिरला मन्दिर में भी लिखा हुआ है कि देहली को परिस्तान बनाया था। तो जरूर कब्रिस्तान को परिस्तान बनाया होगा। प्रलय तो नहीं होगी, परन्तु मरते बहुत हैं। सतयुग में होते ही थोड़े मनुष्य हैं। एक ही आदि सनातन देवी-देवता धर्म रहता है। वहाँ ऐसी हालत नहीं होगी जिसका यह गीत सुना। स्वर्ग में कोई किसी को दु:ख नहीं देता। यहाँ तो कितना दु:ख देते हैं। एक-दो का खून कर देते हैं। बाबा के पास समाचार तो आते हैं ना। कोई दूसरे की स्त्री पर फिदा होते हैं तो अपनी स्त्री को खत्म कर देते हैं। जहर आदि दे देते हैं। यह है ही पतित दुनिया, तब तो गाते हैं – हे पतित-पावन आओ। परन्तु अपने को पतित समझते नहीं। कोई को कहो तुम पतित हो तो बिगड़ पड़े। अभी तुम जानते हो कि हम भी पतित थे। बाप पावन बना रहे हैं। अब यह फिर दुनिया को बताना है कि पतित दुनिया को पावन बनाने वाला शिवबाबा है। जिसकी जयन्ती भी तुम मनाते हो, वह आ गया है। असुल में कायदा था – कोई नई इन्वेन्शन निकलती थी तो राजा को बतलाते थे। वह हाथ में उठाते थे। अभी राजा तो है नहीं। यह इन्वेन्शन सबको बतलानी है। आपस में मिलकर रिज्युलेशन पास कर हजारों की सही लेकर गवर्मेन्ट को सूचना देनी चाहिए। इन्वेन्शन का फैलाव करने के लिए हाइएस्ट अथॉरिटी को बताया जाता है। फिर वह प्रबन्ध करती है। तो तुमको भी ऐसा करना चाहिए। जिसका जन्म दिन आये उनके लिए समझाओ। जिस दिन जिसका उत्सव हो उसी दिन उस पर समझायेंगे तो सब समझेंगे। बात तो बरोबर ठीक लगती है। आज से 5 हजार वर्ष पहले बाप आया था। भारत जो ऊंच ते ऊंच था, सोने की चिड़िया था वह बिल्कुल कौड़ी तुल्य बन गया है। उनको फिर परमपिता परमात्मा हीरे तुल्य बनाते हैं। ब्रह्मा द्वारा यह ज्ञान दे रहे हैं।

3 July ki Murli तुम समझा सकते हो – वास्तव में हर एक मनुष्य ब्रह्माकुमार-कुमारी है। सरनेम यह है। ब्रह्मा से ही रचना होती है ब्राह्मण धर्म की। फिर देवता, क्षत्रिय, वैश्य, शूद्र – यह सारा सिजरा बन जाता है। तो तुम इन त्योहारों पर अच्छी रीति से समझा सकते हो। दीपमाला आती है। यह तो तुम जानते हो अब घर-घर में घोर अन्धियारा है। ज्ञान सूर्य प्रगटा, अज्ञान अंधेर विनाश। बरोबर घोर अन्धियारा है। कोई भी आत्मा अपने बाप को नहीं जानती। बाप को जानने से ही सबकी ज्योति जग जाती है। उनको शमा भी कहा जाता है। तो ऐसे मुख्य पर्व पर तुम बहुत अच्छी रीति समझा सकते हो। तुम गवर्मेन्ट को भी समझाओ। तुम्हें अभी ख़ास आगे बढ़ना है। माताओं को आगे करना है। इसमें पुरुषों को लज्जा नहीं आनी चाहिए। तो बाप समझाते हैं कि कैसे तुमको जगाना चाहिए। आपस में मिलकर के सही (हस्ताक्षर) लेकर के फिर समझाओ। तुम हर एक वास्तव में शिव के बच्चे हो। ऐसे नहीं कि सभी शिव हैं। बाप तो एक है। वह है रचयिता पतितों को पावन बनाने वाला। एक मेमोरण्डम बनाना चाहिए। मुख्य जो बड़े हैं उनको बताना चाहिए। तुम तो मनुष्यों को जगाते हो, मनुष्य समझते हैं गंगा में स्नान करने से पावन बनते हैं। परन्तु गंगा तो पतित-पावनी नहीं है। पतित-पावन एक ही निराकार है। ज्ञान की वर्षा करने वाला ज्ञान सागर वह है, बाकी यह सब है अन्ध-श्रधा। अभी तुम बच्चों को अथॉरिटी मिली है। शास्त्रों में लिखा है कुमारियों द्वारा ज्ञान बाण मरवाये हैं। अच्छे-अच्छे बच्चे काम कर सकते हैं। भाषण आदि कर सकते हैं। सेना में नम्बरवार तो होते हैं ना। बातचीत करने में भी मैनर्स चाहिए। अपने से बड़े को हमेशा ‘आप-आप’ कहा जाता है। परन्तु अनपढ़े बच्चे, ‘आप’ के बदले ‘तू-तू’ कर बात करते हैं। पढ़ाई से भी बुद्धि में मैनर्स आते हैं। टीचर्स फिर भी अच्छे होते हैं जो पढ़ाकर मर्तबा पाने लायक बनाते हैं। कैरेक्टर्स भी रजिस्टर में लिखते हैं। आजकल तो इतने कैरेक्टर वाले हैं नहीं। दुनिया में गंद ही गंद है। गीत में भी सुना ना कि क्या हाल है। तुम बच्चे जानते हो – अहो भारत हमारा कौन कहलाये। भारत स्वर्ग था। संन्यासी लोग तो कह देते हैं यह सब आपकी कल्पना है। उन्हों को क्या पता स्वर्ग क्या होता है? हाँ, कोई निकलेंगे जो देखकर बड़े खुश होंगे। यह चित्र बड़ी अच्छी चीज़ हैं। पाण्डवों के बड़े-बड़े बुत बनाते हैं। इतने बड़े कोई थे थोड़ेही। रावण को कितना बड़ा 100 फुट का लम्बा बनाते हैं। दिन-प्रतिदिन लम्बा बनाते जाते हैं। रावण की आयु बड़ी हो गई है। 2500 वर्ष आकर हुए हैं। तो तुम दशहरे के दिन पर भी अच्छी रीति समझा सकते हो। यह रावण की राजधानी है, इसको डेविल वर्ल्ड कहा जाता है। अखबार में भी कोई ने डाला था – यह राक्षसी दुनिया है। अगर कोई बोले तुम आसुरी राज्य क्यों कहते हो? बोलो – फलाने ने अखबार में भी रावण राज्य कहा है। बाप भी जब आये थे तो कहा था यह आसुरी दुनिया है। दैवी राज्य तो सतयुग में होता है। ऐसे-ऐसे मिलकर राय निकालनी चाहिए।

एम आब्जेक्ट क्लीयर है। बाहर बोर्ड पर भी एम-आब्जेक्ट लिखी है। कोई भी स्कूल में अंधश्रधा की बात नहीं होती। सतसंग जो भी हैं वहाँ वेद आदि सब अंधश्रधा से सुनते हैं। अर्थ कुछ भी नहीं निकलता। अब बाप कहते हैं – हे भारतवासियों, तुम बड़े-बड़े वेद-उपनिषद आदि कब से पढ़ते आये हो? सतयुग से तो नहीं कहेंगे। वहाँ यह भक्ति मार्ग का अंश नहीं। इनको भक्ति कल्ट कहा जाता है। आधाकल्प ब्रह्मा की रात भक्ति मार्ग शुरू होता है। भगवान् जरूर आता है तब तो शिव जयन्ती मनाई जाती है। नहीं तो वह निराकार कैसे आया? जरूर शरीर का आधार लिया होगा। तुम जानते हो बाप ब्रह्मा के तन का ही आधार लेते हैं। उनको आना ही भारत में है। बाप का जन्म भी भारत में ही है। ब्रह्मा का भी भारत में ही है। बाबा ने विराट रूप के लिए भी समझाया है। यह ब्राह्मण धर्म है चोटी। अब प्रैक्टिकल में तुम हो ना। हम ब्राह्मणों के ऊपर शिवबाबा निराकार है फिर ब्रह्मा का तन दिखाना पड़े। यह सरस्वती और यह ब्राह्मण कुल फिर देवता कुल, क्षत्रिय कुल – इतने-इतने जन्म लेते हैं। बिल्कुल क्लीयर एक्यूरेट बन सकता है। ब्रह्मा की रात, सरस्वती की रात, ब्रह्मावंशियों की भी रात। दिन में फिर सब ब्राह्मण सो देवता बनते हैं। प्वाइंट्स तो बच्चों को बहुत दी जाती हैं, धारण करनी हैं। ऐसा नहीं, एक कान से सुना और बाहर निकले, ख़लास। जैसे और सतसंगों में कथायें आदि सुनकर चले जाते हैं। यहाँ तो तुमको प्रत्यक्षफल मिलता है। जानते हो इस पढ़ाई से हमको मनुष्य से देवता बनना है। वहाँ कुछ एम आब्जेक्ट नहीं।

3 July ki Murli बाप समझाते तो बहुत हैं परन्तु कोई बिरले निकलते हैं। कोई-कोई तो ट्रेटर भी निकल पड़ते हैं। समझाना चाहिए – यह युद्ध का मैदान है। माया बड़ी प्रबल है। कोई फेल हो जाते हैं। यह भी ड्रामा का खेल है। सब थोड़ेही विन कर सकते हैं। बच्चे जानते हैं हम माया रावण से हारे हुए हैं। हार और जीत का यह खेल है। माया से हारे हार है। तुम जानते हो हम बाबा से विश्व का मालिक बनते हैं। यह नशा स्थाई रहना चाहिए। नशा टूटता क्यों है? विश्व के रचता बाप से पढ़ रहे हैं! नर से नारायण, नारी से लक्ष्मी बन रहे हैं! ऐसे थोड़ेही होता है कि स्टूडेन्ट पढ़ाई और पढ़ाने वाले को भूल जाते हैं। फिर यहाँ क्यों भूलते हो? घर में जाने से एकदम भूल जाते हैं। यहाँ बहुत निश्चयबुद्धि हो जाते हैं। कितने आंसू बहाते, यहाँ से घर गये फिर चिट्ठी भी नहीं लिखते। अनन्य बच्चे जो पण्डा बनकर आते वह भी भूल जाते हैं। कम से कम सर्विस समाचार तो लिखें – बाबा, हम आपकी सर्विस पर तत्पर हैं। नहीं तो बाबा समझ लेते हैं माया ने कब्रदाखिल कर दिया है। बुद्धि भी कहती है ऐसा बाबा जो विश्व का मालिक बनाने वाला है उनको तो निरन्तर याद करना चाहिए। परन्तु बच्चे मास-मास भी याद नहीं करते, पत्र नहीं लिखते। माया कोई-कोई को तो बिल्कुल ही मुर्दा बना देती है। जीते जी भी चिट्ठी नहीं लिखते, मरने के बाद तो बात ही नहीं। बाबा भी चिट्ठी तब लिखेंगे जब वह खुद लिखेंगे। जो बाबा को याद करेंगे वही कर्मातीत एवरहेल्दी बनेंगे। बाबा का वर्सा तो जरूर याद आना चाहिए। स्थाई नशा भी चढ़ना चाहिए। इस समय तुम बच्चों का याद से मुख मीठा होता है। जानते हो सृष्टि का राज्य रूपी मक्खन हमको मिलता है। श्रीकृष्ण को मुख में माखन दिखाते हैं अर्थात् विश्व का राज्य है। मालिकपने में भी स्टेटस हैं ना। जो जितना करेगा, वह पायेगा। तुम जानते हो बाबा हमको पढ़ाते हैं। परमपिता कहा जाता है ना। तो पिता से जरूर वर्सा मिलता है। मात-पिता चाहिए तब बच्चे पैदा हों, तब वर्सा मिले। कहते भी हैं तुम मात-पिता हम बालक तेरे। तुम्हारे सहज राजयोग सिखलाने से हम स्वर्ग के मालिक बनते हैं। समझाना चाहिए तीन सेनायें तो बरोबर खड़ी हैं। विनाश काले विपरीत बुद्धि – तो खलास हुए थे। बाकी जिनकी प्रीत थी भगवान् के साथ वह स्वर्ग के मालिक बन गये। हमारा फ़र्ज है गवर्मेन्ट को इतला करना। जो भी बड़े-बड़े आफीसर्स तुम्हारे साथ मिलते हैं उनसे भी सही ले सकते हो तो खुश हो जायेंगे। यह तो बहुत अच्छा कार्य करते हैं। मेहनत करो। इसमें फुर्सत भी चाहिए, जो फिर सम्भाल सको। सर्विस बढ़ाने के लिए तो बहुत युक्तियां हैं। परन्तु बच्चों में कहाँ-कहाँ अहंकार आ जाता है या फैमिलियरिटी में आने से बहुत नुकसान कर देते हैं। ज्ञान के नशे से चेहरा सदा हर्षित मुख रहना चाहिए। अच्छा!

मीठे-मीठे सिकीलधे बच्चों प्रति मात-पिता बापदादा का याद, प्यार और गुडमॉर्निंग। रूहानी बाप की रूहानी बच्चों को नमस्ते।

3 July ki Murli धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) एम ऑब्जेक्ट को सामने रख पुरुषार्थ करना है। दैवी मैनर्स धारण करने हैं। एक कान से सुन दूसरे से निकालना नहीं है।

2) विश्व रचयिता बाप हमें पढ़ा रहे हैं, उनके हम स्टूडेन्ट हैं – इस नशे में रहना है। सर्विस की भिन्न-भिन्न युक्तियां निकाल उसमें बिजी रहना है।

वरदान:- बाप के दिये हुए खजाने को मनन कर अपना बनाने वाले सदा हर्षित, सदा निश्चिंत भव
आप बच्चों के मनन वा सिमरण करने का चित्र भक्ति मार्ग में विष्णु का दिखाया है। सांप को शैया बना दिया अर्थात् विकार अधीन हो गये। माया से हार खाने की, युद्ध करने की कोई चिंता नहीं, सदा मायाजीत अर्थात् निश्चिंत। रोज़ ज्ञान की नई-नई प्वाइंट स्मृति में रख मनन करो तो बड़ा मजा आयेगा, सदा हर्षित रहेंगे क्योंकि बाप का दिया हुआ खजाना मनन करने से अपना अनुभव होता है।

स्लोगन:- स्व परिवर्तक वह है जिसके अन्दर सदा यह शुभ भावना इमर्ज रहे कि बदला नहीं लेना है बदलकर दिखाना है।

Also Read- इलेक्ट्रोनिक इंजीनियर से बीके शिवानी बनने तक का सफर, ऐसा क्या हुआ की इंजीनियरिंग और बिजनेस छोड़ ब्रह्माकुमारी बनी शिवानी. 

vickynedrick@gmail.com

vickynedrick@gmail.com https://nedricknews.com

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent News

Trending News

Editor's Picks

DoT latest news

DoT latest news: टेलीकॉम सेक्टर में सर्कुलर इकॉनमी की ओर भारत का बड़ा कदम, DoT और UNDP ने मिलकर शुरू की राष्ट्रीय पहल

DoT latest news: भारत का टेलीकॉम सेक्टर आज सिर्फ कॉल और इंटरनेट तक सीमित नहीं रह गया है। यह देश की डिजिटल अर्थव्यवस्था, गवर्नेंस, फाइनेंशियल इन्क्लूजन और सामाजिक बदलाव की रीढ़ बन चुका है। इसी तेजी से बढ़ते डिजिटल इकोसिस्टम को टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनाने की दिशा में दूरसंचार विभाग (DoT) और संयुक्त...
Jabalpur Viral Video

Jabalpur Viral Video: जबलपुर में वायरल वीडियो पर मचा बवाल, नेत्रहीन छात्रा से अभद्रता के आरोपों में घिरीं भाजपा नेता

Jabalpur Viral Video: मध्य प्रदेश के जबलपुर से सामने आया एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो ने न सिर्फ राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है, बल्कि आम लोगों को भी झकझोर कर रख दिया है। इस वीडियो में एक महिला नेता को एक नेत्रहीन छात्रा के...
Vaishno Devi Yatra New Rule

Vaishno Devi Yatra New Rule: नए साल से पहले वैष्णो देवी यात्रा में बड़ा बदलाव, RFID कार्ड के साथ समय सीमा तय, जानें नए नियम

Vaishno Devi Yatra New Rule: नववर्ष के मौके पर माता वैष्णो देवी के दरबार में उमड़ने वाली भारी भीड़ को देखते हुए श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने यात्रियों के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं। बोर्ड ने साफ किया है कि ये बदलाव श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर...
Banke Bihari Temple Trust Bill

Banke Bihari Temple Trust Bill: श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट कानून 2025 लागू, अब कैसे होगा मंदिर का संचालन?

Banke Bihari Temple Trust Bill: उत्तर प्रदेश में श्री बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा एक अहम फैसला अब पूरी तरह से लागू हो गया है। श्री बांके बिहारी मंदिर ट्रस्ट बिल 2025 को विधानसभा और विधान परिषद से पास होने के बाद राज्यपाल की मंजूरी भी मिल गई है। इसके साथ ही यह विधेयक अब...
BMC Election 2024

BMC Election 2024: ठाकरे बंधुओं का गठबंधन टला, सीटों के पेंच में अटका ऐलान, अब 24 दिसंबर पर टिकी नजरें

BMC Election 2024: महाराष्ट्र में बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) चुनाव को लेकर राजनीतिक माहौल लगातार गर्म होता जा रहा है। खासतौर पर उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) और राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के संभावित गठबंधन ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी है। दोनों दलों के बीच गठबंधन का...

Must Read

©2025- All Right Reserved. Designed and Developed by  Marketing Sheds