इलेक्ट्रोनिक इंजीनियर से बीके शिवानी बनने तक का सफर, ऐसा क्या हुआ की इंजीनियरिंग और बिजनेस छोड़ ब्रह्माकुमारी बनी शिवानी

इलेक्ट्रोनिक इंजीनियर से बीके शिवानी बनने तक का सफर, ऐसा क्या हुआ की इंजीनियरिंग और बिजनेस छोड़ ब्रह्माकुमारी बनी शिवानी

जानिए कौन है ब्रह्माकुमारी शिवानी 

ब्रह्माकुमारी (बीके) शिवानी (BK shivani) आज देश के  घर-घर में मशहूर हो गई हैं. वह पहली बार जुलाई 2007 में टेलीविजन श्रृंखला ‘अवेकनिंग विद ब्रह्माकुमारीज’ में दिखाई दीं थी. शिवानी ने जीवित मूल्यों, आत्म-प्रबंधन, आंतरिक शक्तियों, रिश्तों में सद्भाव, कर्म के नियम को समझना, उपचार, आत्म-सशक्तिकरण, आत्म-अनुशासन, बीके संगठन के बारे में, सामान्य रूप से आध्यात्मिकता और जीने की कला पर कई एपिसोड रिकॉर्ड किए हैं. 31 मई 1972 को पुणे में जन्मी बीके शिवानी का शुरू से ही वैज्ञानिक और तकनीकी से काफी गहरा लगाव था. अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने पुणे यूनिवर्सिटी (Pune University) से इलेक्ट्रोनिक इंजीनियरिंग की पढाई की. ये वो वक़्त था जब बहन शिवानी की माता जी एक स्थानीय राजयोग केंद्र में जाती थी. इंजीनियरिंग के बाद शिवानी ने इलेक्ट्रोनिक इंजिनियर विशाल वर्मा से शादी की थी और साथ मिलकर बिजनेस चलाया जो केवल 2004 तक चला था.

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साधारण शिवानी वर्मा से बीके शिवानी वर्मा तक का सफर

शिवानी वर्मा 1994 तक एक विश्वविद्यालय की छात्रा थीं और फिर उन्होंने पुणे, महाराष्ट्र में 3 साल तक भारतीय विद्यापीठ कॉलेज में लेक्चरर(lecturer) के रूप में काम किया  बाद में दोनों अपना खुद का बिजनेस भी शुरू किया लेकिन वो ज्यादा दिन तक नहीं चल सका. उसके बाद ध्यान के दौरान भगवान की उपस्थिति का अनुभव किया और इसलिए इसके साथ आगे बढ़ने और ज्ञान को समझने का फैसला किया. इस तरह शिवानी बीकेजीएसयू (ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय आध्यात्मिक विश्वविद्यालय) के संपर्क में आईं और शिवानी बहन (बहन) ने भी भगवान के अस्तित्व और कार्य को समझने के लिए विज्ञान के ज्ञान को लागू किया.

माँ से मिली राजयोग की प्रेरणा

उनकी माँ एक स्थानीय ब्रह्मकुमारी केंद्र में नियमित रूप से जाती थीं. शिवानी ने अपनी माँ के स्वभाव में एक उल्लेखनीय (mentionable) परिवर्तन देखा. उन्होंने देखा कि उनकी माँ बहुत शांत, प्यारी और भावनात्मक रूप से मज़बूत हो गई थीं. माँ में आए इस परिवर्तन ने उन्हें स्वयं राजयोग केंद्र जाने के लिए प्रेरित किया और उन्होंने 7 दिनों के एक कार्यक्रम में भाग लिया और नियमित रूप से सप्ताह में एक या दो बार केंद्र पर जाने लगीं. वहाँ पर शिवानी ने राजयोग ध्यान सीखा. इस दौरान उन्होंने गहन शांति का अनुभव किया. स्वयं के बारे में जाना कि हम एक आत्मा (A Spiritual Being) हैं. और उन्होंने अनुभव किया कि ईश्वर यहाँ पर स्वयं शिक्षा देते हैं. 

बीके शिवानी कहती हैं कि परमात्मा, हमारा आध्यात्मिक पिता वह है जिसे हम भगवान कहते हैं. हम सब उनके प्यारे बच्चे हैं… भगवान कब आएंगे? बेशक, जब दुनिया अपने निम्नतम चरण में है, तो पिता को पूरी मानवता को ऊपर उठाने और सच्चे धर्म (धर्म) को फिर से स्थापित करने के लिए आना होगा। और वह समय अब है.

अकेडमिक क्वालिफिकेशन 

Qualification- B.Tech in Electronics & Communication

College/University- Pune University

Profession(s)- Motivational Speaker, Spiritual Guru

Youtube channel- BK Shivani Academic

 टीवी सीरीज के जरिये हुई लोकप्रिय

जैसा कि आप जानते ही होंगे कि शिवानी आस्था चैनल पर ‘अवेकनिंग विद ब्रह्माकुमारीज’ नाम के एक कार्यक्रम के साथ टेलीविजन पर दिखाई दी थीं जो जुलाई 2007 में शुरू किया गया था और तब से यह श्रृंखला भारत और दुनिया भर में लोकप्रिय हो गई. शिवानी द्वारा सरल तरीके से साझा और समझाए गए व्यावहारिक ज्ञान से हजारों लोग लाभान्वित होते हैं. इसने कई लोगों को जीने के सही तरीके की ओर लाया और उनके जीवन में शांति और उनके रिश्तों में सद्भाव लाया.

इस वजह से मिला महिलाओं का सर्वोच्च नागरिक अधिकार

मार्च 2019 में, बीके शिवानी को मानव व्यवहार को बदलने में उनकी भूमिका के लिए भारत में महिलाओं के लिए सर्वोच्च नागरिक सम्मान, प्रतिष्ठित नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. यह पुरस्कार भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद द्वारा प्रदान किया गया था. 2017 से उन्हें वर्ल्ड साइकियाट्रिक एसोसिएशन द्वारा सद्भावना राजदूत के रूप में नियुक्त किया गया है. आध्यात्मिक चेतना को सशक्त बनाने में उनकी उत्कृष्टता के लिए, उन्हें 2014 में एसोचैम लेडीज लीग द्वारा “वीमेन ऑफ द डिकेड अचीवर्स” अवार्ड से सम्मानित किया गया था.

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