अतीक अहमद के टॉप 20 में से अल्पसंख्यकों के खिलाफ 13 मामले…

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बीते शनिवार को रात करीब 11 बजे माफिया नेता अतीक अहमद और उसके भाई की कुछ गुंडों ने गोली मारकर हत्या कर दी. इन दोनों भाइयों के ऊपर सैकड़ों की संख्या में अपराधिक मामले दर्ज हैं. और इस लिस्ट में केवल उमेश पाल का परिवार ही नहीं बल्कि समाज में रहने वाले अल्पसंख्यकों को भी नहीं छोड़ा और हर कदम पर उनको जिन्दगी जीने की चुनौती दी. मीडिया एजेंसी ANI ने उत्तरप्रदेश पुलिस के रिकॉर्ड के हवाले से ये जानकारी दी है कि इन दोनों भाइयों ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को पाना निशाना बनाया था. रेप, लूटपाट, हत्या, हत्या का प्रयास, रंगदारी, दहम्की, जमीन कब्ज़ा करने जैसे तमाम आरोप लगे हुए हैं.

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस रिकॉर्ड में इन दोनों भाईयों के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले लोगों की लिस्ट बहुत लम्बी है. यूपी पुलिस के मुताबिक अतीक अशरफ  के खिलाफ दर्ज टॉप 20 मामलों पर आप अगर गौर से नजर डालेंगे तो उनमे से 13 मामले अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ थे. अतीक के भाई अशरफ पर एक मदरसे में दो नाबालिग मुस्लिम लड़कियों को अगवा कर उनके साथ रेप करने का भी आरोप है. जिन्हें सुबह खून से लतपत शरीर को मदरसे के सामने फेंक दिया गया था.

जमीन के मामले में रिश्तेदारों को भी नहीं बख्शा

अतीक को जयराम की दुनिया में अपना रुतबा बनाए रखने के लिए उसने अपने रिश्तेदारों तक भी नहीं सुनी. वो जमीन के लिए किसी भी हद तक गिर सकता था. प्रयागराज के कसारी मसारी निवासी जीशान उर्फ़ जानू इस बात का जीता जगता उदहारण था. दरअसल जीशान अतीक के साढू इमरान के छोटे भाई हैं.

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अतीक ने जीशान की जमीन कब्जा करने के लिए उसके घर को दिनदहाड़े बुलडोज़र से गिरवा दिया था. जीशान के मुताबिक उसने जीशान से 5 करोड़ की रंगदारी मागी और उसपर हमला भी करवाया था.और साल 1994 में इन दोनों भाइयों ने मिलकर नगर नीइगम पार्षद अशरफ कुन्नु कर कत्ल किया था लेकिन उस वक़्त अतीक की इतनी दहशत थी की कानून भी इसके खिलाफ जाने की कोशिश नहीं करता था.

लेकिन इस काण्ड के करीब 5 साल बाद साल 1999 में एसपी सीटी शुक्ल ने अशरफ की गिरफ्तारी की उस वक़्त उत्तरप्रदेश में भाजपा की सरकार थी.

नस्सन को गोलियों से उड़ाया

अतीक अहमद पर उसके करीबी निगम पार्षद नस्सन पर गोली मारने का मामला सामने आया था. दरअसल हुआ कुछ यूं था कि वार्ड पार्षद ने अतीक के कुकर्मों के खिलाफ आवाज़ उठानी शुरू कर दी थी. जिससे दोनों के बीच अनबन शुरू हुई जिसके बाद अतीक से उसे गोलियों से भून कर रख दिया था.

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अतीक को नहीं मंजूर था भाई के नाम का दूसरा बंदा

अतीक के क्षेत्र में ही भाजपा से जुड़े एक नेता अशरफ थे. अतीक को वह इसलिए पसंद नहीं थे क्योंकि उसके भाई का नाम भी अशरफ ही था. वर्ष 2003 में गोली मारकर भाजपा के इस नेता की हत्या कर दी. इसमें सबसे अधिक हैरान करने वाला मामला यह था कि अशरफ की हत्या के बाद उसके शव को लेकर अतीक के गुर्गे भाग गए थे.

बिजली पर पेशाब करवाकर करंट से मरवा दिया

बात है साल 1989 की जब प्रयागराज के के झलना इलाके में बृजमोहन उर्फ़ बच्चा कुशवाहा के साढ़े 12 बीघे की जम्में पर अतीक ने कब्ज़ा कर लिया था. और जब उसने इस बात का विरोध किया तो विरोध करने पर अतीक ने बच्चा को गायब करवा दिया, जिसका आज तक पता नहीं चला.

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बताया जाता है कि कुशवाहा को बिजली के करेंट पर जबरन पेशाब कराया गया और करेंट देकर मार डाला गया था. हालांकि उनकी डेड बॉडी आज तक नहीं मिली. उसके बाद भी बच्चा कुशवाहा के बेटे और उसकी पत्नी सूरज कली को मारने पीटने के साथ उसने कई बार गोली चलवाई.

  1. जीशान उर्फ जानू पुत्र मो. जई नि. कसारी मसारी थाना धूमनगंज प्रयागराज
    मसले (मदरसा कांड में पुत्री के साथ बलात्कार की घटना ) अशरफ
  2. स्व. अशफाक कुन्नू का परिवार। (अशफाक की हत्या वर्ष 1994 में हुयी थी)
  3. पार्षद नस्सन का परिवार (वर्ष 2001 में पार्षद नस्सन की हत्या की गयी थी)
  4. जैद बेली (दोहरा हत्याकांड बेली)
  5. भाजपा नेता अशरफ पुत्र अताउल्ला का परिवार ( वर्ष 2003 में भाजपा नेता अशरफ की हत्या)
  6. मकसूद पुत्र स्व. मो. कारी (मो. कारी की हत्या करने की घटना की गयी)
  7. जैद (देवरिया जेल काण्ड)
  8. अरशद पुत्र फरमुदमुल्ला नि. सिलना प्रयागराज (अरशद के हाथ पैर तोड़े)
  9. जाबिर, बेली प्रयागराज (अल्कमा हत्याकांड में अतीक द्वारा फर्जी नामजद कराया गया तथा जमानत का विरोध अपने वकील के माध्यम से कराया जाता था।)
  10. आबिद प्रधान
  11. सउद पार्षद खुल्दाबाद
  12. शाबिर उर्फ शेरू
  13. जया पाल पत्नी स्व. उमेश पाल
  14. सूरज कली (पति की हत्या व गवाही के लिए धमकी देना)
  15. स्व. अशोक साहू का परिवार (वर्ष 1995 में अशोक साहू की हत्या की गयी
  16. मोहित जायसवाल (देवरिया जेल कांड)
  17. जग्गा का परिवार (मुम्बई से बुलाकर कब्रिस्तान में पेड़ से बांध कर जग्गा की हत्या)
  18. पार्षद सुशील यादव
  19. सिक्योरिटी इन्चार्ज राम कृष्ण सिंह

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