Zigana Pistol origin – गैंगस्टर टर्न्ड राजनेता अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ ही पुलिस कस्टडी में कैमरे के सामने हत्या ने सभी को चौंका दिया है. मीडिया के कैमरे में कैद इस वारदात में आपको ये साफ़ साफ़ देखने को मिल जाएगा कि मीडियाकर्मी बने बदमाशों ने कैसे लगातार बिना रुके फायरिंग की है. दरअसल, अतीक की हत्या में जिस पिस्टल का इस्तेमाल हुआ है वो कोई आम बन्दूक नहीं है. बल्कि पूरे भारत में उसकी सप्लाई बैन है. उसका नाम है जिगाना पिस्टल. जिसकी खासियत ही यही है. दावा है कि यह वही पिस्टल है, जिससे बीते साल पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की गई थी.
कुछ जानकार बताते है।अतीक और उसके भाई की हत्या जिगाना पिस्टल से हुई थी।प्रतिबंधित जिगाना पिस्टल वही है जिससे सिद्धू मूसेवाला की हत्या हुई थी। तुर्किये में बनी इस पिस्टल को पाकिस्तान से अवैध तरीक़े से लाया जाता है.. #AtiqAhmed #Prayagraj pic.twitter.com/mSusL8EeEf
— Rahul Sisodia (@Sisodia19Rahul) April 16, 2023
तुर्की में बनी जिगाना ऑटोमेटिक पिस्टल है. यह जल्दी गर्म नहीं होती, जिससे हाथ नहीं जलता और चलाने वाले के लिए सुरक्षित होती है. इस पिस्टल पर एडजस्टेबल साइट लगा सकते हैं. यह एक बार में बिना रुके 15-17 राउंड फायर कर सकती है.
पहली बार कब बनी ये पिस्टल? Zigana Pistol origin
इस खतरनाक पिस्टल का निर्माण पहली बार साल 2001 के तुर्की इस पिस्टल का निर्माण पहली बार 2001 में तुर्की की एक कंपनी टीआईएसएएस ने किया था. तब से इस पिस्टल के 16 अपडेटेड मॉडल आ चुके हैं. भारत में इसका 9 एमएम मॉडल सबसे ज्यादा मौजूद है. हालांकि, यह भारत में प्रतिबंधित है.
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लेकिन पाकिस्तान के रास्ते इसकी अवैध सप्लाई की जाती है. तुर्की में इस पिस्टल का ज्यादा इस्तेमाल किया जाता है, इसके साथ ही अजरबैजान और मलेशिया की सेना, फिलीपींस पुलिस और अमेरिकी कोस्टगार्ड भी इसका प्रयोग करते हैं.
कैसे होती है पाकिस्तान से भारत में सप्लाई?
इस पिस्टल को पाकिस्तान के रास्ते भारत में भेजा जाता है. पंजाब में कई गैंग एक्टिव हैं जो पाकिस्तान के रास्ते भारत में हथियार मंगाते हैं. आजकल हथियारों को भेजने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल भी होने लगा है.
एक रिपोर्ट की माने तो पकिस्तान में भी ये पिस्टल रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में यह पिस्टल अवैध रूप से बनाई जाती है. इसके लिए लोकल लेवल पर वर्कशॉप तैयार की गई हैं, जहां पर इस पिस्टल को तैयार किया जाता है. हूबहू जिगाना के मॉडल पर ही इसका निर्माण होता है. इसके बाद इसकी भारत में तस्करी की जाती है. भारत में यह 6 से 7 लाख रुपये में बेची जाती है.
अगर अतीक के हमलावरों ने तीन पिस्टल का इस्तेमाल किया है तो इसके लिए उन्हें करीब 20 लाख रुपये खर्च करने पड़े हैं. जाहिर है, ये पिस्टल हमलावरों के पास कहां से आई. जांचकर्मियों के लिए ये खास मुद्दा है.
इसी पिस्टल से हुई थी सिद्धू मूसेवाला की हत्या
पिछले साल पंजाब के स्टार सिंगर सिद्धू मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थी हिला देने वाली इस वारदात में जिन हथियारों का इस्तेमाल हुआ था, उनमें ज्यादातर ऑटोमैटिक पिस्टल थीं. ऑस्ट्रिया की ग्लॉक पिस्टल, रूसी एएन-94, जर्मनी की पी-30 हैंडगन के साथ ही तुर्की में बनी हुई जिगाना पिस्टल का इस हत्याकांड में इस्तेमाल हुआ. जिगाना पिस्टल का पंजाब में कई गैंगवॉर के दौरान प्रचलन बढ़ा है. पाकिस्तान के रास्ते ड्रोन के जरिए जिगाना की तस्करी पंजाब में खूब होती रही है.
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पंजाब में गैंगस्टरों की पसंद होने के पीछे एक बड़ी वजह जिगाना का लॉकिंग सिस्टम भी है. लॉक स्लाइड शॉर्ट रिकाइल ऑपरेटिंग सिस्टम इस पिस्टल की खूबी है. इसमें एक ऑटोमैटिक फायरिंग पिन ब्लॉक भी होता है. इसके साथ ही एक किलो से कम वजन वाली इस पिस्टल से एक बार में 15 राउंड फायरिंग हो सकती है. 9 एमएम की इस पिस्टल के अलग-अलग मॉडल का वजन 720 से लेकर 920 ग्राम के बीच होता है. जिगाना पिस्टल अपनी बेहतरीन मारक क्षमता के लिए जानी जाती है.
क्यों है गैंगस्टर की पहली पसंद
जिगाना (Zigana Pistol origin) के सबसे कम वजन के मॉडल पीएक्स-9 का वजन 720 ग्राम है. जिगाना के तकरीबन सभी वैरिएंट्स की चौड़ाई 37 मिलीमीटर होती है. 11 अगस्त 2022 को अमृतसर में चार जिगाना पिस्टल और 8 मैगजीन जब्त हुई थीं. पाकिस्तान से स्मगल होने की वजह से पंजाब के गैंगस्टरों तक इसकी पहुंच आसान है. गैंगस्टरों की पसंद होने की वजह इसका फ्लैट मुंह वाला ट्रिगर है.
इसके चलते गोलियां चलाते वक्त ट्रिगर से उंगलियां सरकती नहीं हैं. एक और खास बात है कि एक बार में 15 राउंड फायरिंग के बावजूद यह वजन में हल्की होने के साथ ही यह जल्दी गर्म नहीं होती है. इस वजह से गैंगस्टर इसको शूटर्स को मुहैया कराने में प्राथमिकता देते हैं.