Encounters In UP: आज की तारिख में आप देश में बैठे हों या विदेश में आपके कानों में उत्तरप्रदेश के योगी बाबा की खबरें सुनाई ही पड़ जाएँगी. फिर चाहे वो किसी को ठोकने का हो या गिरफ्तार करने का. और ये सारी वारदातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘जीरो टोलेरेंस’ पालिसी के तहत हो रहीं हैं जिसके जरिए योगी जी ने ये साफ़ कर दिया है कि अगर गुनाह किया है तो बख्सा नहीं जाएगा. वहीँ अतीक के बेटे असद के एनकाउंटर के बाद योगी आदित्यनाथ के शासन में मारे गाये मुजरिमों की संख्या बढ़कर 183 हो गयी है. आपको ये तो मालूम होगा कि उत्तरप्रदेश के माफिया अतीक अहमद के बेटे असद का योगी जी की STF टीम ने एक मुठभेड़ में एनकाउंटर कर दिया.
Asad S/o Atiq Ahmad and Ghulam S/o Maksudan, both wanted in Umesh Pal murder case of Prayagraj and carrying reward of Rupees five lakhs each; killed in encounter with UPSTF team led by DySP Navendu and DySP Vimal at Jhansi. Sophisticated foreign made weapons recovered. pic.twitter.com/tVYuj6mefE
— UPSTF (@uppstf) April 13, 2023
24 फ़रवरी को हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद उत्तरप्रदेश में ये तीसरा एनकाउंटर है. पहले एनकाउंटर में 27 फरवरी को हत्याकांड में शामिल अरबाज मारा गया. उसके बाद 6 मार्च को हत्याकांड में शामिल शूटर उस्मान को मार गिराया गया. 13 अप्रैल को अतीक का बेटा असद और शूटर गुलाम को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया. योगी आदित्यनाथ के 6 साल के कार्यकाल में अबतक एनकाउंटर में मारे गए अपराधियों की कुल संख्या अब 183 हो गयी है.
पहली मुख्यमंत्री शपथ के बाद दिखा योगी का जलवा
आपको ये याद दिलाते चलें कि 19 मार्च 2017 को योगी आदित्यनाथ ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. और ठीक उसके 11 दिन बाद ही यूपी पुलिस ने 31 मार्च को सहारनपुर के नंदनपुर गांव में एक कथित अपराधी गुरमीत को एनकाउंटर में मार गिराया था. उसके बाद 3 जून 2017 को योगी आदित्यनाथ ने एक न्यू्ज चैनल में दिए अपने इंटरव्यू में कहा था कि जो गुनाह करेगा उसे ठोक दिया जाएगा.
उनके इस बयान के बाद काफी राजनीतिक बहस हुई और लोग उनकी आलोचना भी करने लगे कि ऐसे मंच पर इस तरह के शब्द नहीं बोलने चाहिए थे. जनवरी 2022 के विधानसभा चुनावों के दौरान भी शामली में शामिल हुए एक सार्वजानिक कार्यक्रम में योगी जी ने खुले मंच से कहा था कि राज्य में असुरक्षा, दंगा भड़काने और माफियाओं की गर्मी 10 मार्च के बाद शांत करवा देंगे.
और साथ में ये कहा था कि गुंडों और माफियाओं का वो हाल करेंगे कि उन्हें गर्मी में भी शिमला की ठंढ महसूस होगी. वहीं योगी आदित्यनाथ ने उमेश पाल की हत्या के बाद विधानसभा में अखिलेश ने जब उत्तरप्रदेश में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल उठाए तो वहां भी जवाब देने से पीछे नहीं रहे. उन्होंने कहा कि माफियाओं को मिट्टी में मिला देंगे.
एक रिपोर्ट के मुताबिक उत्तरप्रदेश सरकार ने ये जान्कर्री दी है कि उत्तरप्रदेश में पिछले 6 सालों में कुल 9434 मुठभेड़ें हुई हैं, जिसमें 183 अपराधी जान से मारे गए हैं. 5,046 अपराधियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. आधिकारिक आंकड़ों में यह भी कहा गया है कि पिछले छह सालों में इस तरह के अभियानों के दौरान 13 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1,443 पुलिसकर्मी घायल हुए.
योगीकाल में हुए सबसे ज्यादा एनकाउंटर
आप इन आकड़ों को देख कर ही अंदाजा लगा सकते हैं. कि यूपी में सबसे ज्यादा एनकाउंटर योगी अदित्यनाथ के पहले कार्यकाल 2018 में हुए. 2022 में योगी आदित्यनाथ दोबारा से यूपी का सीएम चुने गए. लोकसभा चुनाव से एक साल पहले 2018 में आदित्यनाथ ने खुद को अपराधियों से सख्ती से निपटने वाले एक सख्त व्यक्ति बताया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमित शाह भी यूपी का उदाहरण देते हुए कानून-व्यवस्था के मामले में सबसे अच्छा राज्य बताया.
योगी शासन में हुए एनकाउंटर पर एक नज़र
साल 2017 के बाद से मेरठ में सबसे ज्यादा एनकाउंटर हुए, जिसमें 63 अपराधी मारे गए और 1708 अपराधी घायल हुए. इसी दौरान पुलिस मुठभेड़ के दौरान एक पुलिसकर्मी भी शहीद हो गया, जबकि 401 पुलिसकर्मी घायल हो गये. यूपी पुलिस ने कार्रवाई के दौरान कुल 5,967 अपराधियों को पकड़ा.
आगरा पुलिस ने 2017 के बाद 1844 मुठभेड़ों को अंजाम दिया. इन मुठभेड़ों में 4654 अपराधी गिरफ्तार कर लिए गए. वहीं 14 खूंखार अपराधी मारे गए. 55 पुलिस वाले घायल हुए.
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बरेली में 2017 के बाद से 1497 मुठभेड़ें हुई. इन मुठभेड़ों में 3410 अपराधियों को गिरफ्तार किया गया. 7 अपराधियों की मौत हो गई. बरेली में मुठभेड़ के दौरान 437 अपराधी घायल हुए. इन अभियानों में 296 पुलिसकर्मी घायल हुए. 1 पुलिसकर्मी शहीद हो गया.
यूपी में हुई अबतक की बड़ी मुठभेड़
विकास दूबे एनकाउंटर: विकास दुबे पर कानपुर सहित पुरे प्रदेश में हत्या, डकैती और अपहरण के 60 से ज्यादा मामले दर्ज थे. 3 जुलाई 2020 को उत्तरप्रदेश पुलिस को जानकारी मिली कि विकास दुबे कानपुर के बिकरुगांव में छिपा हुआ है. पुलिस विकास दुबे को पकड़ने गई और मुठभेड़ में पुलिस के 8 जवान शहीद हो गए.
9 जुलाई 2020 को यूपी पुलिस ने मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में विकास दुबे पकड़ा. 10 जुलाई की शाम को यूपी वापस आते समय कानपुर के पास उसकी कार पलट गई और उसने भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने उसका एनकाउंटर कर दिया.
असद अहमद: यूपी एसटीएफ के मुताबिक माफिया से नेता बने अतीक अहमद के बेटे असद और मकसूदन के बेटे गुलाम उमेश पाल हत्याकांड में शामिल थे. इन दोनों पर 5-5 लाख रूपए का इनाम था. गुरुवार को झांसी में यूपीएसटीएफ की टीम के साथ मुठभेड़ में दोनों मारे गए. एसटीएफ ने मीडिया को ये जानकारी दी कि इन दोनों के पास से विदेशी हथियार भी बरामद किए गए.