Trending news : क्या है 'Espresso Machines' और इससे बनने वाली एस्प्रेसो कॉफी, जानिए इससे जुड़ें सभी रोचक बातें !

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बीतें कुछ दिनों से एस्प्रेसो मशीन (Espresso Machines) की खबरें काफी चर्चाओं में बनीं हुई हैं , आज के दिन तो यह  एस्प्रेसो मशीन’ पूरी दुनिया में ट्रेंड कर रहीं हैं।  बता दें , गूगल ने आज डूडल बनाकर एस्प्रेसो मशीन के  जनक (Godfather) एंजेलो मोरियांडो (Angelo Moriondo) को श्रृद्धांजलि दी है। आज उनकी 171वीं जयंती है। गूगल ने आज अपने डूडल पर कॉफी से बनी कलाकृति में एस्प्रेसो मशीन को दर्शाने वाला एक GIF बनाया है। इस डूडल को ओलिविया व्हेन ने बनाया है। पहली एस्प्रेसो मशीन का पेटेंट एंजेलो मोरियांडो को 1884 में हासिल हुआ था। आज दुनियाभर में कॉफी के चाहने वालों की कमी नहीं है। पहले कॉफी विदेशों में ज्यादा पसंद की जाती थी, लेकिन धीरे-धीरे अब भारत में भी इसके प्रशंसकों की तादाद काफी बड़ी हो गई है। कई लोग चाय के आगे अब कॉफी को तबज्जों देने लगें हैं। यह प्रचलन ज्यादातर शहरों में देखा जा रहा हैं। इनमें से कई लोगों हैं, जिनकी बेहद पसंदीदा कॉफी एस्प्रेसो (Coffee Espresso) हैं।

मोरियांडो की शुरूआती मशीन 

मोरियांडो ने शुरुआती जो मशीन बनाई उसमें भाप और उबलते पानी के मिक्स का इस्तेमाल किया। उनकी मशीन में एक बॉयलर पानी को गर्म करता उसे कॉफी बेड की ओर भेजता।  वहीं, दूसरा बॉयलर भाप बनाता जिससे काफी बनने में सहायता मिलती। उन्होंने 1884 में ट्यूरिन के जनरल एक्सपो में अपनी मशीन का पदार्पण किया जहां वह कांस्य पदक जीते थे। हालांकि  कि इस मशीन को बनाने के लिए उन्होंने एक मैकेनिक को हायर किया था। आने वाले समय में मोरियांडो ने मशीन में कई बदलाव किए। देखते -देखते उन्होंने पहली एस्प्रेसो मशीन का पेटेंट भी हासिल करने का तमगा हासिल करलिया।  23 अक्टूबर, 1885 को पेरिस में रजिस्ट्रेशन के बाद एक अंतरराष्ट्रीय पेटेंट द्वारा आविष्कार की पुष्टि की गई। मोरियोनडो ने बाद के वर्षों में अपने आविष्कार में सुधार और पेटेंट करना जारी रखा।

कौन हैं Angelo Moriondo?


 6 जून, 1851 को एंजेलो मोरियोनडो का जन्म इटली के ट्यूरिन में उद्यमियों के एक परिवार में हुआ था। मोरियोनडो के दादा ने एक शराब प्रोडक्शन कंपनी की स्थापना की। मोरियोनडो के पिता ने कंपनी को संभाला। बाद में, एंजेलो ने खुद अपने भाई और चचेरे भाई के साथ लोकप्रिय चॉकलेट कंपनी, ‘मोरियोन्डो और गैरीग्लियो’ का निर्माण किया। यह कंपनी इटली में 19वीं शताब्दी में कॉफी काफी लोकप्रिय थी। हालांकि, ग्राहकों को असुविधा का सामना करना पड़ा, क्योंकि उन्हें कॉफी तैयार होकर मिलने में बेहद ही इंतजार करना पड़ता था। इसलिए उन्होंने सोचा कि अगर एक बार में कई कॉफी तैयार की जा सकें तो अधिक ग्राहकों तक पहुंच बढ़ाई जा सकेगी। यहीं से उन्होंने एस्प्रेसो मशीन बनाने के बारे में सोचा. मोरियांडो ने ट्यूरिन शहर में होटल और बार भी खरीदा था। इन्होनें दो दुकानें सिटी-सेंटर पियाज़ा कार्लो फेलिस में ‘ग्रैंड-होटल लिगुर’ और वाया रोमा के गैलेरिया नाज़ियोनेल में ‘अमेरिकन बार’ भी खरीदे। 

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