टूटेगी परंपरा? ना छपेगी कॉपी, ना होगी हलवा सेरेमनी…जानिए बजट सत्र में इस बार क्या-क्या हो सकते हैं बदलाव?

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शायद ही ऐसी कोई चीज होगी जिस पर वैश्विक महामारी कोरोना वायरस का असर ना पड़ा हो। चीन के वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस दुनियाभर में अपना भयंकर प्रकोप दिखा रहा है। अब इस महामारी का असर 2021 के बजट पर भी पड़ने जा रहा है। एक फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेगी। हर साल लोगों को बजट का काफी इंतेजार रहता है। बजट से हर वर्ग के लोगों को कुछ उम्मीदें होती हैं। लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इस बार के बजट सत्र में कुछ बदलाव होंगे। वो बदलाव क्या होंगे, आइए आपको इसके बारे में बता देते हैं…

सांसदों को दी जाएगी सॉफ्ट कॉपी

रिपोर्ट्स की मानें तो इस बार बजट से जुड़ी एक खास परंपरा टूटने जा रही हैं। 73 सालों में ऐसा पहली बार होने जा रहा है कि बजट की छपाई इस बार नहीं होगीं। इसके साथ ही ना ही बजट से जुड़ी हलवा सेरेमनी होगी। सभी सांसदों को बजट की सॉफ्ट कॉपी ही दी जाएगी।

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इस वजह से लिया जा सकता है फैसला

आजाद भारत का पहला बजट साल 1947 में पेश हुआ था। ऐसा पहली बार होगा, जब बजट की कॉपी की छपाई नहीं की जाएगी। नॉर्थ ब्लॉक में एक डेडिकेटेड प्रेस है जहां पर हर साल बजट की कॉपी छापने का काम होता है। बजट की छपाई बेहद ही गोपनीय तरीके से होती है। इस दौरान करीब 100 कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक के कैंपस में 15 दिनों तक परिवार से दूर होकर एक साथ यहीं पर बंद रहते हैं।

इस दौरान यहां पर बजट की कॉपी को तैयार किया जाता है। जब तक कॉपी की छपाई और सीलबंदी नहीं होती, तब तक लोगों को बाहर जाने की परमिशन नहीं होती। ऐसा इसलिए किया जाता है, जिससे बजट लीक ना हो। खबरों की मानें तो कोरोना की वजह ये संभव नहीं है। लंबे समय तक सरकार इतने लोगों को प्रिंटिंग प्रेस में नहीं रख सकती, जिसके चलते इस परंपरा को तोड़ना पड़ रहा है।

अब तक हर साल ये परंपरा रही है कि दस्तावेज की छपाई नहीं होती और सीलबंद करके इसको ट्रक से संसद भवन लाया जाता है।

बजट में अब तक क्या क्या हो चुके हैं बदलाव?

वैसे जबसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सत्ता में आए, तबसे बजट पेश करने में कई बदलाव किए गए। पहले रेल बजट को अलग से पेश किया जाता था, जबकि 2016 में रेल बजट को आम बजट में ही शामिल कर दिया गया। उस साल ही बजट पेश करने की तारीख को भी बदलकर एक फरवरी तय कर दिया गया।

इसके अलावा पहले बजट चमड़े के ब्रीफकेस में लेकर वित्त मंत्री आते थे, लेकिन साल 2019 और 2020 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारण लाल रंग का बही खाता लेकर बजट पेश करने पहुंची। वहीं साल 1999 तक बजट फरवरी के लास्ट वर्किंग डे के दिन शाम को 5  बजे पेश किया जाता था। जब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री बने, तो इसमें उन्होनें बदलाव किया और सुबह 11 बजे बजट पेश करने की शुरुआत की।

आपको बता दें कि इस बार 29 जनवरी से संसद का बजट सत्र शुरू होगा। ये दो चरणों में होगा। पहले चरण की शुरुआत 29 जनवरी से होगी और ये 15 फरवरी तक चलेगा। वहीं दूसरा चरण 8 मार्च से शुरू होकर 8 अप्रैल तक चलेगा। इस दौरान कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल्स का खास ध्यान रखा जाएगा। कोरोना महामारी के चलते इस बार संसद का शीतकालीन सत्र भी नहीं आयोजित किया गया।

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